- केंद्रीय कृषि सह किसान कल्याण मंत्री ने कोटवा में किया िबहार में मदर डेयरी की पहली इकाई का शिलान्यास
- कहा- इस यूनिट की स्थापना ने चंपारण ही नहीं आसपास के पशुपालकों की आर्थिक स्थिति होगी मजबूत
कोटवा। माला सिन्हा
जिस संसदीय क्षेत्र की जनता ने मुझे पाँच बार जिताया है, वह हमारी आत्मा है. मोदी सरकार किसानों का पेट भरने के साथ जेब भरने की बात सोचती है. केवल खेती से आमदनी दुगुनी नहीं होगी, इसके लिए पशुपालन करना होगा. इसी उद्देश्य से आज देश की सबसे बडी कंपनी मदर डेयरी ने बिहार में पहला दुग्ध प्रसंस्करण इकाई का शिलान्यास किया है. जो इसी वर्ष के अंत तक पूर्ण रूप से कार्य करना आरंभ कर देगी. फिलहाल यह अपने सहयोगी बापूधाम दुग्ध उत्पादन कंपनी के सहयोग से 10 हजार किसानों से 32 हजार लीटर दूध संग्रह कर दिल्ली भेज रही है. 30 हजार और किसानों को जोड़ने का लक्ष्य है. इस यूनिट के स्थापना से पूर्वी चंपारण, पश्चिमी चंपारण, गोपालगंज व सिवान जिले के किसानों की आर्थिक स्थिति सुदृढ़ होगी.उक्त बातें मंगलवार को मठबनवारी के बथना में आयोजित मदर डेयरी फ्रुट एंड वेजिटेबल प्राइवेट लिमिटेड के मोतिहारी डेरी संयंत्र के शिलान्यास के बाद जनसभा को संबोधित करते हुए भारत सरकार के कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री राधामोहन सिंह ने कही. कार्यक्रम की शुरुआत केंद्रीय मंत्री श्री सिंह ने शिलान्यास कर किया. अपने संबोधन में मंत्री श्री सिंह ने कहा कि 70 साल जिसने राज किया, उसने किसानों के उत्थान के लिए कोई पहल नहीं की. देश के गांव में रहने वाला चाहे वह भूमि वाला हो या भूमिहीन हो सभी किसान हैं, और गाय पालने वाला किसान कभी भूखे नहीं मर सकता है. 70 के दशक में 17 मिलियन टन देश में दूध का उत्पादन होता था. पिछले वर्ष 165 मिलियन टन बढ़ कर हो गया है. पिछले साढ़े तीन साल में 21 फीसदी दूध उत्पादन में वृद्धि हुई है. दुनिया के 10 देशों ने भारतीय नस्ल के गायों को ले जाकर नस्ल सुधार कर दूध उत्पादन में वृद्धि की है. किसानों के लिए राष्ट्रीय गोकुल नस्ल बनाया. तीन वर्षों में सीमेन बैंको में देशी नस्लों की बिक्री बढ़ी है. उन्होंने कांग्रेस सरकार पर वार करते हुए कहा कि एक परिवार ने 60 वर्ष राज किया. लेकिन विकास नहीं किया. जबकि मोदी की सरकार में किसानों के लिए बेहतर कदम उठाया है. कौशल विकास मंत्रालय खोलकर युवाओं को रोजगार देने का काम कर रही हैं. नई टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल कर 3.30 करोड़ माताओं को गैस कनेक्शन दिया है. वहीं पर्यटन मंत्री प्रमोद कुमार ने कहा कि 100 वर्ष पहले बापू किसानों की समस्या को लेकर चंपारण आये थे, आज चंपारण सत्याग्रह शताब्दी वर्ष पर दूसरे गांधी ने किसानों के हित ने आय बढ़ाने के लिए इस यूनिट की आधार शिला रखकर किसानों के चेहरे पर मुस्कान लाने का काम किया है. आने वाले दिनों में यह नया मोतिहारी व बहुत बड़ा मिल्क हब बनेगा. आगत अतिथि का स्वागत विधायक सचिन्द्र प्रसाद सिंह ने किया. मौके पर विधायक सचिन्द्र प्रसाद सिंह, श्यामबाबू यादव, विधान पार्षद बब्लू गुप्ता, जिलाध्यक्ष राजेंद्र प्रसाद गुप्ता, मदर डेयरी के प्रबन्ध निदेशक संजीव खन्ना, केविके के कार्यक्रम समन्वयक केके झा, डॉ अरविंद सिंह, डॉ लालबाबू प्रसाद, जिप अध्यक्ष प्रियंका जायसवाल, जिप उपाध्यक्ष कमलेश्वर सिंह, दिलीप कुमार, अखिलेश सिंह, रामशरण यादव व दिनेश चंद्र प्रसाद सहित हजारो गणमान्य लोग मौजूद थे.
इन किसानों ने दी है भूमि, किया गया सम्मािनत
हरेन्द्र किशोर सिंह,रामबहादुर सिंह,केशव बिहारी सिंह,संजय कुमार सिंह,राजकिशोर सिंह, बिंदेश्वरी सिंह,राजेंद्र सिंह,नन्दकिशोर सिंह,राजेश्वर सिंह,
रामाधार सिंह, रामएकबाल सिंह,बृज किशोर सिंह,रामकिशोर सिंह,रामबाबू सिंह, व जटाशंकर सिंह
1976 में हुई मदर डेयर की शुरुआत
मदर डेयरी के प्रबंध निदेशक, संजीव खन्ना ने बताया िक 1976 से ऑपरेशन फ्लड के तहत मदर डेयरी की शुरुआत हुई और श्वेत क्रांति का रूप लिया. केंद्रीय कृषि मंत्री राधामोहन सिंह की पहल पर बथना में आज इसकी आधारशिला रखी गई. श्वेत क्रांति से क्षेत्र को बढ़ावा मिलेगा. 11 करोड़ की लागत से इस प्लांट का निर्माण होगा. साढ़े चार एकड़ भूमि में बन रहे इस प्लांट में सभी भूमिदाता, सरकारी पदाधिकारी व जनप्रतिनिधियों का सहयोग मिला है. यहां प्रतिदिन एक लाख लीटर प्रतिदिन दूध का प्रसंस्करण होगा, जिससे पूर्वी चंपारण, पश्चिमी चंपारण गोपालगंज तथा सिवान जिला के किसान लाभान्वित होंगे. यहां पांच प्रकार के दूध, आइसक्रीम, दही घी, पनीर, आदि का उत्पादन होगा. उन्होंने कहा कि उपभोक्ता के पोषण का ख्याल रखते हुए प्रत्येक चार बून्द पर 23 प्रकार की गुणवत्ता की जांच की जाती हैं. यहां भूमि का मिलना चुनौती थी, जिसे यहां के किसानों ने पूरा कर आसान बनाया है. अगले पांच माह में परिणाम सामने दिखेगा.