पटना । पूर्व उपमुख्यमंत्री और राजद नेता तेजस्वी यादव ने शुक्रवार को संविधान बचाओ न्याय यात्रा पर निकलने से पूर्व अपने ट्वीटर पर गया में एक बच्ची के साथ हुई घटना के बाद उसका फोटो और नाम सार्वजनिक किया है। इसपर महिला आयोग ने संज्ञान लेते हुए तेजस्वी यादव को नोटिस जारी किया है।
राष्ट्रीय महिला आयोग की सदस्य सुषमा साहू ने कहा है कि एक जिम्मेदार पद पर रह चुके व्यक्ति को इस तरह से पीड़ित बच्ची का नाम और फोटो सार्वजनिक नहीं करना चाहिए था।
गौरतलब है कि तेजस्वी ने शुक्रवार को अपने ट्वीट में कहा है कि गया में तीन मासूम बच्चों का अपहरण कर उनकी निर्मम हत्या कर दी गयी। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को सड़क मार्ग से आना था, लेकिन लोगों का विरोध देख हवाई मार्ग से भाग लिए। डरपोक बनकर जनता से दूर मत भागिये। सामना कीजिए साहब।
गया की घटना के बारे में तेजस्वी ने अपने अगले ट्वीट में लिखा कि गया में एक गरीब अति पिछड़े समाज की आठ साल की बेटी का अपहरण कर दरिंदगी से बलात्कार कर दिया गया। सभ्य समाज के सभी लोगों को इस बच्ची के परिवार के साथ खड़ा होना होगा। कल किसी और की बच्ची हो सकती है। हमें राजनीति से ऊपर उठकर सरकार से गंभीरता से सवाल करना होगा।
तेजस्वी ने आगे लिखा कि मुख्यमंत्री नीतीश बिहार में प्रतिदिन हो रही अपहरण, लूट और हत्याओं की घटनाओं पर अपना मुंह खोलिए। मौनी बाबा मत बनिए, जगाइये अपनी अंतरात्मा को। मासूम बच्चों ने क्या बिगाड़ा है आपका? सुधारिए अपने भ्रष्ट प्रशासन और सोच को। शराबबंदी के हैंगओवर से बाहर निकलिये और सिस्टम को दुरुस्त कीजिए। मुख्यमंत्री में इतनी भी मानवीय संवेदना नहीं है कि गया में रहने के बावजूद उस बच्ची के परिवार से मिल सकते।
नीतीश कुमार पर व्यक्तिगत रूप से हमला बोलते हुए तेजस्वी ने आगे ट्वीट में लिखा कि बड़का समाज सुधारक बन रहे हैं, पहले अपने भ्रष्ट प्रशासन और लचर-पचर क़ानून व्यवस्था को तो सुधार लो साहब। नैतिक बाबू पहले लूट, अपहरण, हत्या, बलात्कार को ठीक करिए, फिर समाज सुधारक का चोला पहनिए। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को डरपोक कहते हुए तेजस्वी ने लिखा है कि देश में इतना डरपोक सीएम कहीं भी नहीं होगा, कोई भी नहीं होगा।