बिहार
मिथिला विवि के संगीत व नाट्य विभाग में सोदाहरण व्याख्यान
By Deshwani | Publish Date: 2/2/2018 8:33:47 PM दरभंगा, (हि.स.)। ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय के संगीत एवं नाट्य विभाग में शुक्रवार को 'राग संगीत के विविध आयाम' विषयक सोदाहरण - व्याख्यान का आयोजन किया गया, जिसमें ख्यातिप्राप्त गायक प्रो. सनातन दीप शास्त्रीय एवं उप शास्त्रीय गायन द्वारा रागों के विविध आयामों का दर्शन कराया। अपने सोदाहरण-व्याख्यान का आरम्भ राग तोड़ी में ख्याल गायन से किया। 'अब मोरी नैया पार करो' बोल सहित तीनताल में छोटा ख्याल और तराना प्रस्तुत किया। उपस्थित छात्र-छात्राओं की जिज्ञासा के अनुरूप भैरवी राग में पंजाब अंग की, बोल थे ' कत्ति रो रो मैं बांट निहारा'। अन्त में, भजन 'छांडि मन हरि विमुखन के संग' के द्वारा अपने गायन का समापन किया। दीप के साथ तबला पर संगति कर रहे थे, हारमोनियम पर आमोद मुखिया और तानपुरा पर सुश्री अन्नपूर्णा ने संगति की।
आरम्भ में छात्र-छात्राओं के द्वारा कुलगीत-गायन से इस आयोजन का आरम्भ हुआ। विभागाध्यक्षा प्रो.लावण्य कीर्ति सिंह 'काव्या ' द्वारा विशेषज्ञों का मिथिला की परम्परा के अनुसार पाग, चादर एवं पुष्प गुच्छ से सम्मानित किया गया। धन्यवाद ज्ञापन पूर्व विभागाध्यक्ष प्रो. पुष्पम नारायण ने किया। बताते चलें कि प्रो सनातन दीप कोल्हान विश्वविद्यालय, चाइबासा के महिला महाविद्यालय में संगीत विभागाध्यक्ष हैं । इन्होंने संगीत की आरम्भिक शिक्षा पंजाब के पं. त्रिलोचन सिंह 'तराना ' से तथा बाद में ग्वालियर घराना के पं.नारायण राव व्यास के शिष्य पं. चन्द्रकान्त माधवराव आप्टे से प्राप्त की है । प्रो दीफ आकाशवाणी के 'ए ' ग्रेड कलाकार हैं । संगीत परीक्षाओं में स्वर्ण पदक प्राप्त गायक सनातन दीप को 'स्वर श्री ', 'प्रतिभा सम्मान ' सहित अन्य अनेक सम्मेलनों में अनेक सम्मान प्राप्त हुए हैं । मानव संसाधन विकास मंत्रालय द्वारा फेलोशिप प्राप्त प्रो. दीप को आकाशवाणी संगीत सम्मेलन प्रतियोगिता में भी स्वर्ण पदक प्राप्त हो चुका है ।