गोपालगंज, (हि.स.)। भारत सुगर मिल, सिधवलिया चीनी उत्पादन के साथ साथ प्रतिदिन 410 मेगावाट बिजली का उत्पादन कर गोपालगंज, बेतिया और मोतिहारी को बिजली दे रही है। उत्पादित बिजली को लेकर मिल ने सरकार के उर्जा विभाग से करार भी किया है। महाप्रबंधक शशि केडिया ने बताया कि बिजली की समस्या से निजाद दिलाने को लेकर मिल ने बिजली उत्पादन के लिए पहल की है । सरकार से अनुमति मिलने के बाद बिजली उत्पादन शुरू कर दी गयी है । गन्ना पेराई से निकले बकास से मिल प्रतिदिन 410 मेगावाट बिजली का उत्पादन करती है जिसमें 250 मेगावाट प्रतिदिन गोपालगंज ग्रीड को देती है।
महाप्रबंधक ने बताया कि मिल परिसर में ट्रांसमिशन, स्विच यार्ड, उच्च क्षमता का ट्रांसफार्मर लगाया गया है। बगास से चलने वाले टरबाईन से उत्पादित बिजली को मिल परिसर में लगे ट्रांसमिशन के जरिये गोपालगंज ग्रीड को आपूर्ति की जाती है। उन्होंने बताया कि मिल से निकले बगास को जमा किया जा रहा हैं ताकि गन्ना पेराई बंद होने के बाद भी बिजली का उत्पादन अप्रैल 18 तक किया जा सके। उन्होंने बताया कि विद्युत उत्पादन शुरू होने के साथ ही मिल को ईधन की भी समस्या दूर हो जाती हैं।
गौरतलब हो कि गोपालगंज में तीन चीनी मिल है, जहां गन्ने की पेराई होती हैं, लेकिन बिजली उत्पादन का काम सिर्फ सिधवलिया चीनी मिल करती है। गोपालगंज के हरखुआ और सासामुसा चीनी मिल में बिजली उत्पादन नहीं होता हैं। इन चीनी मिलों के प्रबंधकों ने भी बिजली उत्पादन की दिशा में पहल की है।
गोपालगंज ग्रीड के सहायक अभियंता विराज कुमार सिंह बताते हैं कि भारत सुगर मिल सिधवलिया के द्वारा उत्पादन की गई बिजली गोपालगंज पावर ग्रीड को सीधे मिलती है। चीनी मील से मिल रही बिजली को पावर ग्रीड बेतिया फीडर में सीधे जोड़ देता है, जो गोपालगंज के अलावे रक्सौल, बेतिया, रामनगर, मोतिहारी, ढाका और नेपाल बिजली आपूर्ति की जाती है जिससे इन क्षेत्रों के गांवों को बिजली आपूर्ति की जाती है। उन्होंने बताया कि इसे ग्रीन एनर्जी के रूप में सरकार देख रही है। प्रदूषण रहित गन्ना पर आधारित बिजली उत्पादन इकाइयां लग जाये तो बिजली की समस्या से निजात तो मिलेगी ही, साथ ही पर्यावरण प्रदुषण से भी लोगों को राहत मिलेगी।