प्रवेश परीक्षा के रिजल्ट में हेराफेरी का आरोप लगा एमएस काॅलेज में छात्रों ने की तालेबंदी
मोतिहारी। देशवाणी न्यूज नेटवर्क।
इन्टर प्रवेश परीक्षा में कथित हेराफेरी के विरूद्ध छात्र युवा लोक समिति ने सोमवार को मुंशी सिंह महाविद्यालय के मेन गेट में तालाबंदी कर दी। 512 छात्रों में अभी 70 छात्रों का नामांकन ही आज हो सका, तभी छात्र संगठन ने तालाबंदी कर दी। आक्रोशित छात्राें आज पुन: आज शाम कॉलेज प्रशासन के विरूद्ध में कैंडिल मार्च भी निकाला। प्राचार्य हरिनाराय ठाकुर के मोतिहारी में नहीं होने की वजह से कॉलेज प्रबंधन ने एडमीशन अगले आदेश तक के लिए स्थगित कर दिया। यहां बता दें एमएस कॉलेज में इंटर में नामांकन के लिए ओएमआर सीट पर परीक्षा ली गयी थी। जिले में बाढ़ आने से पहले रिजल्ट घोषित किया गया। लेकिन बाढ़ और परीक्षा में त्रुटि की बात कहकर एडमीशन के डेट बढ़ा दिया गया था। प्राचार्य ने पूछने पर देशवाणी को बताया था कि रिजल्ट में थाड़ी त्रुटि हो गयी है। दुबारा रिजल्ट निकाला जाएगा। फिर जब दो-चार दिन पहले फिर से रिजल्ट निकाला गया और नामांकन शुरू हुआ तो छात्रों ने हंगामा शुरू कर दिया। छात्रों का कहना था कि 438 नम्बर वाले छात्र का एडमीशन नहीं हुआ जबकि 294 प्राप्तांक वाले छात्र का एडमीशन कर लिया गया है। काॅलेज के एक कर्मी ने बताया कि 438 नम्बर वाला साइंस में फर्म भरा था जबकि 294 वाले का नामांकन आर्ट्स में हुआ है। उन्होंने बताया कि आर्ट्स वाले छात्रों का नामांकन कम नंबर वाले छात्रों का भी हो जाता है। तालाबंदी करने वाले छात्रों में समिति के अध्यक्ष कुणाल झा, सचिव विराज वंसल,राकेश सिंह, मनप्रीत कुमार, प्रिंस मिश्रा, दीपक कुमार, अनिल कुमार, रौनक राज, अनिल कुमार, सुधाकर तिवारी, रविरंजन मिश्रा, आदित्य सिंह सहित दर्जनों छात्र शामिल थें।
देशवाणी ने इस काॅलेज की प्रवेश परीक्षा गड़बडी व छात्र आंदोलनन के मूड में, संबंधित खबर प्रकाशित की थी। 4 सितंबर को प्रकाशित रिपोर्ट का शीर्षक था-
"एमएस कॉलेज प्रवेश परीक्षा में सफल छात्र भटक रहें इधर-उधर, हेराफेरी की आशंका, कोर्ट जाने की चेतावनी'
सफल छात्रों को 25 से 30 हजार देकर प्राइवेट स्कूलों में लेना पड़ा दाखिला
छात्र संगठन आंदोलन के मूड में
बार-बार बढ़ाया जा रहा है एडमिशन का डेट, कभी बाढ़ का तो कभी रिजल्ट में त्रुटि का बहाना
मोतिहारी। एमएस कॉलेज में इंटरइमीडियट की प्रवेश परीक्षा में सफल छात्र का भविष्य अधर में लटका हुआ है। सैकड़ों सफल छात्रों को यह समझ में नहीं आ रहा है कि वे क्या करें। कई सफल छात्रों ने कॉलेज के साइट से अपने रिजल्ट डाउनलोड कर उसका प्रिंट व स्क्रिन शॉट ले लिया है। उनका कहना है कि उनका दाखिला नहीं होने की स्थिति मेें वे न्यायालय की शरण लेंगे। यहां बता दे कि मैट्रिक पास लगभग 512 छात्रों के दाखिला का रिजल्ट एमएस कॉलेज द्वारा लगभग एक महीना पहले ही निकाला जा चुका है। एडमीशन के लिए डेट भी घोषित किया जा चुका है। उसके बाद दूसरा कारण बताकर एडमिशन का डेट बढ़ा। फिर रिजल्ट में त्रुटि की बात बतायी गयी। अब अलग-अलग बातों से छात्र संशय में पड़ गये है।
कई सफल छात्रों काे 20 से 30 हजार रुपये का अतिरिक्त भार
वहीं कुछ धनाढ्य अभिभावक इस पचड़े से निकलकर सीबीएसई करिकुलम वाले स्कूल में अपने बच्चाें का दाखिला करा चुके हैं। दाखिले के लिए लिए उन्हें मजबूरी में 25-30 हजार का फी इन्टर मान्यता प्राप्त प्राइवेट स्कूलों को देना पड़ा है। इधर एमएस कॉलेज प्रबंधन तरह-तरह के बहाने बना रहा है। प्रबंधन कभी नोटिश बोर्ड पर बाढ़ के कारण एडमिशन में देर होने की सूचना दे रहा है। कभी दोबारा दूसरा रिजल्ट आने की बात कही जा रही है। वहीं कुछ कॉलेजकर्मियों ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि दुबारा रिजल्ट का मतलब ही है कि कुछ न कुछ गड़बड़ झाला है।
प्राचार्य ने बताएं थे ये कारण
इधर कॉलेज के प्राचार्य हरिनारायण ठाकुर का कहना है कि रिजल्ट में कुछ गड़बड़ी हो गयी है। इसलिए दुबारा रिजल्ट निकाला जाएगा। पूछा गया आपके प्रबंधन की गड़बड़ी का खामियाजा छात्र क्यों भुगते? देर होने के कारण कई सफल छात्रों ने भी मजबूरी में दूसरी जगह अपने नामांकन करा लिए हैं। यह भी पूछा गया कि कुछ कॉलेजकर्मियों का कहना है कि स्कूल का साइट प्राइवेट व्यक्ति द्वारा बनाया गया है। उसमें गड़बड़ी की आशंका है। इस पर प्राचार्य ने कहा कि सबकुछ स्वच्छ व पारदर्शी तरीके से किया जा रहा है। जहां तक कालेजकर्मियों का आरोप है तो वे पहले ये लोग एडमिशन को बेंचा करते थें। इस बार ओएमआर सीट से परीक्षा ली गयी है। अब यह नहीं चलेगा।
कई छात्र संगठनों ने इस दाखिले की हेराफेरी की आशंका को लेकर आदोलन की चेतावनी दी है।