रक्सौल। अनिल कुमार। करीब 58 दिन से अधिक समय से नेपाल में फंसे भारतीय नागरिकों की वतन वापसी का कार्य मंगलवार से शुरू हो गया। भारत-नेपाल सीमा पर बने एकिकृत जांच चौकी के माध्यम से भारतीय नागरिको की वतन वापसी हुयी। वतन वापसी की प्रक्रिया में किसी प्रकार की परेशानी न हो इसको लेकर जिलाधिकारी मोतिहारी शीर्षत कपिल अशोक रक्सौल पहुंचे थे। डीएम मोतिहारी व पर्सा जिला नेपाल के डीएम की निगरानी में मंगलवार को करीब 217 भारतीय नागरिको को देश में वापस लाया गया। इनमे वे लोग शामिल थे जो नेपाल के कोरेनटाइन सेंटर में रह रहे थे। सीमा पर बड़ी गर्मजोशी के साथ भारतीय नागरिको का जिला प्रशासन के द्वारा स्वागत किया गया। नेपाल से आने वाले भारतीय नागरिकों की सबसे पहले सीमा पर स्क्रिनिंग की गयी। इसके लिए स्वास्थ्य विभाग के सिविल सर्जन डॉ रिजवान अहमद मौजूद थे।
पीएचसी प्रभारी डॉ शरतचंद्र शर्मा के द्वारा सभी लोगों की स्क्रिनिंग की गयी। इसके बाद नेपाल से आये लोगों को भोजन का पैकेट दिया गया। साथ में पेयजल भी उपलब्ध कराया गया। नेपाल से लौट रहे सभी भारतीय नागरिकों के चेहरे पर वतन वापसी की खुशी साफ तौर पर झलक रही थी। सभी इस बात को लेकर काफी खुश थे कि उनकी सरकार ने उनकी चिंता की और लॉकडाउन के बीच उन्हे अपने घर बुला लिया। डीएम श्री अशोक ने बताया कि जो लोग नेपाल में कोरेनटाइन होकर आये है, उनको होम कोरेनटाइन किया जाएगा।
साथ ही जो लोग कोरेनटाइन होकर नहीं आये है, उनको संबंधित प्रखंड में कोरेनटाइन किया जाएगा। बुधवार को यह संभावना है कि रक्सौल में फंसे नेपाली नागरिको को उनके देश भेजा जाएगा। नेपाल में फंसे भारतीय नागरिको की पहली खेप के साथ नेपाल के अधिकारी भी पहुंचे थे। जिसमें पर्सा के डीएम ललीत कुमार बसनेत के अलावा एसपी गंगा पंत भी शामिल थी। वहीं भारतीय पक्ष के तरफ से एसपी नवीनचंद्र झा, कस्टम के अधिकारी आशुतोष कुमार सिंह, भारतीय महावाणिज्यदूतावास के अधिकारी नीतीश कुमार, एसडीओ अमीत कुमार, डीसीएलआर मनीष कुमार, अवर एसडीओ सर्वेश कुमार, निर्वाची पदाधिकारी संतोष कुमार सिंह, नप के गौतम आनंद, बीडीओ कुमार प्रशांत, थानाध्यक्ष अभय कुमार, हरैया के प्रभारी ध्रुव नारायण प्रसाद सहित कई अधिकारी मौजूद थे। अभी लगातार नेपाल से लोगों के आने का क्रम जारी रहेगा।