बेतिया: संयुक्त किसान मोर्चा ने दिल्ली बॉर्डर पर धरना का आज 256 वाँ दिन व 9 अगस्त क्रान्ति दिवस के अवसर पर देश के प्रत्येक जिले में जन प्रदर्शन निकाला
बेतिया। पश्चिम चंपारण के जिला मुख्यालय बेतिया में किसान , मजदूर , छात्र , नौजवानों का भारी काफिला राज देवड़ी से निकला जो शहर में मार्च करते हुए समाहरणालय पर प्रदर्शन किया । प्रदर्शन का मुख्य मांग किसान विरोधी तीनों काले कानूनों की वापसी , एमएसपी को कानूनी दर्जा देने , सभी प्रकार के किसानों के कृषि कर्ज माफ करने के साथ-साथ पश्चिम चंपारण जिले में आई भयंकर बाढ़ , यास तूफान तथा भारी वर्षा से बड़े पैमाने पर हूई फसलों की बर्बादी का हर्जाना , परचाधारियों को जमीन पर कब्जा , अनुमंडल से समाहर्ता तक 150 लंबित सिलिंग वादों की सुनवाई , गन्ना किसानों को सूखे गन्ने का मुआवजा तथा चीनी मिलों में बकाए पैसों का ब्याज सहित भुगतान , गन्ना का दाम ₹500 प्रति क्विंटल करने , सभी बाढ़ पीड़ितों को आपदा प्रबंधन के मानदंड के आधार पर सहायता प्रदान करने , सभी स्वास्थ्य केंद्रों पर कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए समुचित व्यवस्था तथा डॉक्टर एवं दवा की उपलब्धता की गारंटी करने शिक्षा तथा रोजगार की व्यवस्था करने आदि मांगों को लेकर जिला पदाधिकारी के समक्ष प्रदर्शन किया गया।
इस अवसर पर समाहरणालय के सामने एक विशाल सभा की गई । जिसको को संबोधित करते हुए बिहार राज्य किसान सभा के संयुक्त सचिव प्रभुराज नारायण राव ने कहा कि पिछले 2 सालों से कोरोना संक्रमण काल में केंद्र की मोदी सरकार और बिहार की नीतीश सरकार जिस तरीके से किसान विरोधी मजदूर विरोधी नीतियां तैयार की है । वह अब जनता मानने को तैयार नहीं है । आज की सभा के माध्यम से हम कहना चाहते हैं कि आज बड़े पैमाने पर नौकरी से नौजवानों को हटाया गया है । सरकारी आंकड़े के अनुसार देश के 97% लोगों की आमदनी घटी है । खेत मजदूरों के पास कोई काम नहीं है । किसान इस भारी महंगाई की मार से त्रस्त है । नौजवानों के पास काम नजर नहीं आता । पढ़ाई पूरी तरह से चौपट हो चुकी है।
इस तरीके से देश में चौतरफा हारास नजर आ रहा है । बावजूद इसके देश की मोदी सरकार विकास करने की बात कर रही है । तो इसमें कोई दो राय नहीं कि देश के कारपोरेट जगत के लोग इस कोरोना काल तथा लॉकडाउन के दौर में जहां लोग अपने जान बचाने की फिराक में लगे रहे , वहीं कारपोरेट कंपनियों ने भारी कमाई की है और ऐसा मोदी सरकार के सहयोग से हुआ है । इसलिए अब इसमें कोई दो राय नहीं कि सरकार देश के किसान मजदूर छात्र नौजवान या गरीबों की नहीं , बल्कि यह सरकार कारपोरेट जगत के विकास और हिफाजत के लिए है । इसलिए आइए आज हम इस जन विरोधी , सांप्रदायिक तथा अमेरिकी साम्राज्यवादी चाटुकार सरकार को गद्दी से उतारने का एलान करें।
सभा को संबोधित करते हुए लोक संघर्ष समिति के राज्य नेता प्रियदर्शी जी , पंकज जी , एटक के राज्य नेता ओमप्रकाश क्रान्ति , किसान सभा के जिला मंत्री चांदसी प्रसाद यादव , राष्ट्रीय किसान मोर्चा के विजय कश्यप , सीटू के जिला अध्यक्ष बी के नरुला , मंत्री शंकर कुमार राव , जिला किसान सभा के अध्यक्ष अशोक मिश्र , मंत्री राधामोहन यादव , लोक संघर्ष समिति के अमर राम , सोहन राम ,खेतिहर मजदूर यूनियन के जिला मंत्री प्रभुनाथ गुप्ता , खेत मजदूर यूनियन के सुबोध चौधरी ,नौजवान सभा के म . हनीफ , ई रिक्शा चालक संघ के नीरज बरनवाल , प्रकाश वर्मा , म.वहीद , सहीम मियां , म. समी , शिवसागर राम , चांद आलम , सुशील श्रीवास्तव , राजू बैठा , सुनील यादव , अंजारूल , शिवजी राय आदि ने प्रदर्शन का नेतृत्व किया।