बिहार
आदमखोर बाघिन को बेहोश कर पकड़ा गया
By Deshwani | Publish Date: 18/2/2021 9:20:43 PMबेतिया। देशवाणी न्यूज़ नेटवर्क। वाल्मीकि टाइगर रिजर्व क्षेत्र के सहोदरा व मंगुरहा वनक्षेत्र में एक दम्पति समेत तीन लोगों की जान लेकर आदमखोर बनी टी-3 बाघिन को ऑपरेशन के पांचवें दिन सफल रूप में पूरा हुआ।इसको लेकर गठित 60 लोगों के क्विक रिस्पांस टीम ने गुरुवार को मानपुर वन क्षेत्र के नाले में पानी पीते हुये दिखने पर ट्रेंकुलाइजर गन से उसे बेहोश करके पकड़ लिया गया। कार्यबल ने पायी गिरफ्त में लेने में कामयाबी।ट्रेंकुलाइजर गन से बेहोश कर के पकड़ लिया गया।
विगत 11 फरवरी को पहली बार नजर आने व 12 से 13 फरवरी तक में अपने हमले में ही मंगुरहा व मानपुर वनक्षेत्र के तीन ग्रामीणों की जान लेने के बाद यह बाघिन वन क्षेत्र के दर्जनभर गांवों के हजारों परिवारों में आंतक का पर्याय बन गयी थी। वीटीआर प्रोजेक्ट डायरेक्टर हेमकांत राय इस आदमखोर टी.3 बाघिन को पकड़ने के लिये गठित क्विक रिस्पांस फोर्स का नेतृत्व व निर्देशन कर रहे थे।पांच दिन तक की जद्दोजहद के बाद बाघिन को काबू में करने की कामयाबी साझा करते हुये वे भावुक हो गये।उन्होंने कहा कि मानपुर के समीप एक नाले में पानी पीते हुये हमारी फिरफ्त में आयी टी.3 बाघिन बेहद कमजोर लग रही है।ऐसा लगता है कि बीते तीन या चार दिन से उसको भोजन नहीं मिला है।
फिलवक्त हमारी पहली प्राथमिकता उसके उत्तम से सर्वोत्तम उपचार की है।उसको होश लाये जाने के बाद उसकी पूरी जांच की जायेगी।बाघ प्रजाति के जानवरों की देखभाल के विशेषज्ञजन के माध्यम से उसके आदमखोर बनने के साथ उसकी वर्तमान अवस्था का अध्ययन किया जायेगा।इसके बाद ही निर्णय हो सकेगा कि उसको वाल्मीकि टाइगर रिजर्व क्षेत्र में रहने देना है कि नहीं। परियोजना निदेशक श्री राय ने बताया कि टी.3 बाघिन अगर इस व्याघ्र परियोजना क्षेत्र में रहने देने के लायक नहीं पायी गयी तो उसे पटना के संजय गांधी जैविक उद्यान में लिये भेजने की व्यवस्था होगी।