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बिहार
बेतिया: करीब एक वर्ष के अंतराल पर आयोजित जिला परिषद की बैठक शुरु होते हीं हो गई हंगामें में तब्दील
By Deshwani | Publish Date: 17/12/2020 8:55:01 PM
बेतिया: करीब एक वर्ष के अंतराल पर आयोजित जिला परिषद की बैठक शुरु होते हीं हो गई हंगामें में तब्दील

बेतिया। करीब एक वर्ष के अंतराल पर आयोजित जिला परिषद की सामान्य बैठक शुरु होते हीं हंगामें में तब्दील हो गयी। और अध्यक्ष ने बैठक को स्थगित करने की घोषणा करते हुए पुनः 28 दिसंबर को बैठक बुलाने का निर्देश दिया। हुआ यह कि जैसे हीं बैठक की कार्यवाही शुरु हुयी और पूर्व के बैठक में लाये गये प्रस्ताव एवं सवाल के प्रतिवेदन की अनुमोदन की कार्रवाई आरंभ हुयी तभी उपस्थित सदस्यों ने हंगामा शुरु कर दिया। सदस्यों का आरोप था कि अनुपालन प्रतिवेदन में कई ऐसे प्रस्ताव ऐसे है जिनका जबाब सही नही है तो कई ऐसे प्रस्तावों का ससमय जबाब हीं नही आया है। स्वंय जिला परिषद के अध्यक्ष ने भी इस पर नाराजगी जताते हुए कहा कि अधिकारी जिला परिषद को मजाक के रुप में ले रहे है। एक तो बैठक की पूर्व सूचना होने के बावजुद कई विभागीय अधिकारी बैठक में अनुपस्थित रहते है। दूसरे यदि विभाग से संबंधित सवाल बैठक में आते है तो उसका अनुपालन प्रतिवेदन भी नही भेजा जा रहा है। उन्होंने तत्काल बैठक को स्थगित कर देने की बात कही। 






इसपर जिला परिषद के कार्यपालक पदाधिकारी सह उप विकास आयुक्त ने कहा कि बैठक में कई मुद्दो पर चर्चा की जानी है। अतएव बैठक चलने दिया जाय। जिसपर अध्यक्ष समेत अन्य सदस्यों ने उप विकास आयुक्त को भी घेरे में ले लिया। स्थिति तनावपूर्ण होने लगी। पुनः डीआरडीए के निदेशक सह जिला परिषद के उप कार्यपालक पदाधिकारी राजेश कुमार के हस्तक्षेप पर स्थिति सामान्य हुयी। बावजुद इसके अध्यक्ष समेत सभी जिला पार्षद बैठक कक्ष से बाहर निकल गये। अध्यक्ष शैलेंद्र गढ़वाल ने बताया कि पिछले बैठक में 48 सवाल पुछा गया थ। जिसमें से 13 महत्वपूर्ण विंदुओं का जबाब अप्राप्त है। वहीं आज की बैठक में अधिकांश अधिकारी अनुपस्थित रहे। ऐसे में प्रतीत हुआ कि जिला परिषद का औचित्य हीं अधिकारी नही समझ रहे है तो बैठक करने की कोई जरुरत ही नही है। 




उन्होंने आरोप लगाया कि योजना संबंधित बातों में भी उप विकास आयुक्त सह मुख्य कार्यपालक पदाधिकारी पंचायती राज अधिनियमों के प्रावधानों के मुताबिक कार्यवाही करने से बच रहे है। वहीं उप विकास आयुक्त रविंद्र नाथ प्रसाद सिंह ने बताया कि बैठक में अनुपस्थित विभागीय अधिकारियों से जबाब मांगा जा रहा है। वहीं प्रतिवेदन तैयार करने एवं ससमय अनुपालन प्रतिवेदन नही भेजने वाले अधिकारियों के विरुद्ध भी प्रतिकूल प्रतिवेदन वरीय पदाधिकारियों को भेजी जायेगी।
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