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बिहार सरकार के प्रधान सचिव स्वास्थ्य विभाग अमृत प्रत्यय ने किया गवर्नमेंट मेडिकल कॉलेज अस्पताल का औचक निरीक्षण
By Deshwani | Publish Date: 2/9/2020 8:35:51 PM
बिहार सरकार के प्रधान सचिव स्वास्थ्य विभाग अमृत प्रत्यय ने किया गवर्नमेंट मेडिकल कॉलेज अस्पताल का औचक निरीक्षण

बेतिया। अवधेश कुमार शर्मा। बिहार सरकार के स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव का सोमवार को प्रस्तावित निरीक्षण को लेकर कालेज प्रशासन एवं अस्पताल प्रशासन सहित सभी चिकित्सक एवं विभागाध्यक्ष तथा सभी कर्मचारी सोमवार से ही अपनी अपनी उपस्थिति दर्ज कराते हुए अस्पताल में भर्ती रोगियों को रहने, नाश्ता तथा भोजन का पूर्ण व्यवस्था के साथ सभी  बेड पर सतरंगीचादरों  की जगह अस्पताल में रखी एक रंगी चादरों से दुल्हन की तरह सजाया गया। केवल स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव प्रत्यय अमृत के आगमन को लेकर सारी व्यवस्थाये धरातल पर नजर आई, स्वास्थ्य विभाग के किसी उच्चाधिकारियों के आगमन की सूचना मिलती है तो ऐसा किया जाता है। समूचे कालेज से लेकर सदर अस्पताल के सभी वार्ड को साफ-सफाई कर दुल्हन की तरह सजा दिया गया और पदाधिकारियों के जाते सभी व्यवस्था जैसे रोगियों को दी जाने वाली सारी सुविधाएं आकाश कुसुम बन जाती है। 





अस्पताल के भीतर से लेकर बाहर तक कूड़े कचरे का अंबार लग जाता है तथा एक रंग की चादर की जगह रोगियों के बिछाए सतरंगी चादर दिखाई देने लगते हैं। प्रधान सचिव प्रत्यय अमृत ने आइसोलेशन वार्ड का गहन निरीक्षण किया तथा कालेज के प्राचार्य विनोद प्रसाद, अस्पताल अधीक्षक प्रमोद कुमार तिवारी सहित सभी चिकित्सक उपस्थित रहे तथा उपस्थित प्राचार्य एवं अधीक्षक को आइसोलेशन वार्ड के कमी को शीघ्र दूर करने का निर्देश दिया श्री अमृत ने दिया। आउटसोर्सिंग के कार्यरत दर्जनों कर्मियों ने कालेज प्रशासन से मानदेय भुगतान करने की लिखित शिकायत की, कर्मचारियों की लिखित शिकायत पर प्रधान सचिव भड़क उठे तथा कालेज प्राचार्य, अस्पताल अधीक्षक को जमकर फटकार लगाते हुए कहा कि आउटसोर्सिंग से कार्यरत कर्मियों को विभागीय स्तर से मिलने वाली सभी सुविधाएं एवं मानदेय की राशि अगले माह से भुगतान किया जाए अन्यथा एजेंसी का इकरारनामा रद्द कर, दूसरे एजेंसी को दे दी जाएगी। श्री प्रत्यय ने मरीजो से पूछा आप कितने दिनों से यहां भर्ती हैं, क्या-क्या सुविधाएं अस्पताल प्रबंधन द्वारा दी जा रही है, आपको किसी भी तरह की परेशानी या फिर अस्पताल प्रबंधन के विरूद्ध कोई शिकायत हो तो बेहिचक मुझे बतायें। इसपर कोरोना पाॅजेटिव व्यक्ति ने बताया कि मैं यहां 07 दिनों से भर्ती हूं, अस्पताल की सारी व्यवस्थाएं ठीक है। समय-समय पर खाना-पानी, दवाई मिलता है। साफ-सफाई भी दिनभर में दो-तीन बार होता है। मुझे यहां किसी भी तरह की कोई दिक्कत नहीं है। डाॅक्टर और नर्स लोग बराबर चेक करने के लिए आते हैं। अब यहां ठीक महसूस कर रहा हूं, डाॅक्टर लोग बोले हैं कि एक बार और जांच होगा उसमें नेगेटिव आने पर घर भेज दिया जायेगा। 




प्रधान सचिव ने आईसोलशन केन्द्र में भर्ती अन्य मरीजों से बारी-बारी से अस्पताल प्रबंधन द्वारा दी जा रही सुविधाओं के बारे में जानकारी प्राप्त की गयी। प्रधान सचिव ने जीएमसीएच के सभी फ्लोर पर संचालित विभिन्न सेक्षनों का गहन निरीक्षण किया। इस क्रम में कन्ट्रोल रूम, सीसीटीवी, पीपीई किट्स चेंजिग रूम, आॅक्सीजन लाईनिंग, आईसीयू, रिसेप्शन काउंटर आदि में जाकर संबंधित डाॅक्टरों एवं कर्मियों से जानकारी प्राप्त किया। मेडिकल बाॅयो वेस्ट तथा साॅलिड वेस्ट को प्राॅपर तरीके से डिस्पोजल कराने का निदेश दिया। कोरोना पाॅजेटिव मरीजों के परिजनों से भी अस्पताल प्रबंधन द्वारा दी जा रही सुविधाओं के संदर्भ में पूछताछ किया। निरीक्षण के क्रम में उन्होंने कहा कि आईसोलेशन केन्द्र में मरीजों को दी जा रही सभी सुविधाएं संतोषजनक है। इस बात का हमेशा ध्यान रखे कि कोराना पाॅजेटिव मरीजों की देखरेख में किसी भी प्रकार की कमी नहीं रहें। उन्हें सरकार की उपलब्ध करायी जा रही सभी सुविधाएं ससमय मुहैया करायी जाय। उपस्थित सिविल सर्जन को निदेश दिया गया कि 50 वर्ष से उपर के सभी व्यक्ति जो भी कोरोना पाॅजिटिव हैं उनका विशेष तौर पर ख्याल रखा जाय। उनका नियमित रूप से स्वास्थ्य जांच होना चाहिए। 05 वर्ष से कम उम्र के बच्चे, गंभीर बीमारी से ग्रसित मरीज तथा गर्भवती महिलाओं का नियमित रूप से स्वास्थ्य परीक्षण करते हुए आवश्यकतानुसार बेहतर तरीके से चिकित्सा व्यवस्था मुहैया करायी जाय। मीडिया प्रतिनिधियों के सवाल के जवाब में प्रधान सचिव अमृत प्रत्यय ने कहा कि राज्य के सभी मेडिकल काॅलेज अस्पतालों का निरीक्षण किया जा रहा है। कोविड-19 से संबंधित जो व्यवस्थाएं हैं, उसका अवलोकन किया जा रहा है। यहां जो व्यवस्थाएं सराहनीय है। जिला प्रशासन एवं अस्पताल प्रबंधन सभी व्यवस्थाएं चुस्त-दुरूस्त रखा है। कुछ आवश्यक सुझाव अस्पताल प्रबंधन को दिया गया हैं। प्रधान सचिव ने जिला वासियों से अनुरोध किया कि कोविड-19 महामारी समाप्त नहीं हुई है। इसलिए सावधान रहते हुए 02 गज की दूरी का पालन कर मास्क अनिवार्य रूप से लगाना है। उन्होंने कहा कि जबतक कोविड-19 से बचाव को वैक्सीन नहीं आ जाता है, तबतक हमसभी के लिए एक गंभीर चुनौती है। कोरोना से डरना नहीं है, इसका डटकर मुकाबला करना है। सरकार के निदेश के आलोक में नियमित जिला प्रशासन कार्रवाई कर उसकी समीक्षा कर रहा है। उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा राज्यस्तर पर कोविड-19 की रोकथाम को सभी तैयारियां कर ली गयी है। अन्य राज्यों की तुलना में बिहार में डेथ रेट कम है। रिकवरी रेट काफी अच्छा है, लगातार कोशिश की जा रही है कि कोरोना पाॅजेटिव व्यक्तियों को किसी तरह की परेशानियों का सामना नहीं करना पड़े। 




उन्होंने कहा कि लोगों की सुविधा को संजीवन एप लाॅंच किया गया है। यह एप अत्यंत ही उपयोगी है, उन्होंने रास्ते में भी विभिन्न जगहों पर इसका फ्लेक्स देखा है। कोई भी व्यक्ति आसानी से इसे अपने मोबाइल में डाउनलोड कर सकता हैं। कोविड-19 से संबंधित सभी तरह की जानकारियां इस एप के माध्यम से प्राप्त की जा सकती है। उन्होंने कहा कि अस्पताल प्रबंधन ने डाॅक्टर्स की कमी बताया है। डाॅक्टरों की प्रतिनियुक्ति को तत्परतापूर्वक कार्य जारी है तथा शीघ्र ही डाॅक्टरों की प्रतिनियुक्ति कर दी जायेगी। सचिव, स्वास्थ्य विभाग, बिहार लोकेश कुमार सिंह ने कहा कि आयुष मंत्रालय होम आईसोलेशन में रहने वाले कोरोना पाॅजेटिव मरीजों को विशेष प्रकार का काढ़ा तैयार किया है। इस काढ़ा को होम आईसोलेशन में रहने वाले प्रत्येक व्यक्ति को उपलब्ध कराना सुनिश्चित करें प्रशासन। होम आईसोलेशन में रहने वाले प्रत्येक व्यक्ति का डाॅक्टरों की टीम नियमित तौर पर स्वास्थ्य जांच क।रें जिला पदाधिकारी कुंदन कुमार ने प्रधान सचिव को बताया गया कि अत्यंत कम समय में लॉकडाउन के दौरान जीएमसीएच में सारी व्यवस्थाएं अपडेट कर फंक्शनल कर दी गयी। जीएमसीएच में संचालित आईसोलेशन केन्द्र में सभी तरह की आधुनिक सुविधाएं उपलब्ध है। स्वास्थ्य विभाग के निदेशानुसार सभी तरह की सुविधाएं कोरोना पाॅजेटिव व्यक्तियों को मुहैया करायी जा रही है। खाना, पेयजल, साफ-सुथरा शौचालय, मेडिसिन किट्स, दवाईयां आदि सभी कोरोना पाॅजेटिव व्यक्तियों को दी जा रही है। कन्ट्रोल रूम के माध्यम से भर्ती मरीजों को तुरंत राहत दी जाती है। पूरे जीएमसीएच में सीसीटीवी कैमरे के माध्यम से अधिकारी निगरानी कर रहे हैं। जिला प्रशासन नियमित रूप से अस्पताल प्रबंधन एवं स्वास्थ्य विभाग द्वारा किये जा रहे कार्यों की समीक्षा करता है। निरीक्षण के क्रम में निदेशक, राज्य स्वास्थ्य समिति प्रदीप कुमार, सिविल सर्जन डॉ अरूण कुमार सिन्हा सहित अस्पताल प्रबंधन के पदाधिकारी,  चिकित्सक  उपस्थित रहे।
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