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बिहार
बच्चे राष्ट्र की धरोहर, उनकी सुरक्षा सबका कर्त्तव्य, स्वस्थ बच्चे समृद्ध भारत की पहचान, बच्चों की बचाएं जान: कुन्दन कुमार
By Deshwani | Publish Date: 28/4/2020 8:40:13 PM
बच्चे राष्ट्र की धरोहर, उनकी सुरक्षा सबका कर्त्तव्य, स्वस्थ बच्चे समृद्ध भारत की पहचान, बच्चों की बचाएं जान: कुन्दन कुमार

मस्तिष्क ज्वर-चमकी बुखार से बचाव को सारी तैयारी व व्यवस्था करें अद्यतन रखने का डीएम का निदेश

 
बच्चों को रात में बिना भोजन नहीं सोने दे अभिभावक
 
चमकी बुखार का लक्षण नज़र आने पर घबड़ाएं नहीं
 
सेविका-सहायिका, आशा, एएनएम या पीएचसी से करें संपर्क
 
बेतिया अवधेश कुमार शर्मा। बिहार में कोविड19 कोरोना वायरस की जंग के साथ सरकार ने मस्तिष्क ज्वर(जेई) और चमकी बुखार(एईएस) से बचाव की प्रशासनिक तैयारियां प्रारम्भ हो गई है। उल्लेखनीय है कि बिहार राज्य के कई जिला में मस्तिष्क ज्वर व चमकी बुखार पांव पसार रहा है। पश्चिम चम्पारण जिला में इस बीमारी के फैलने की आशंका काफी कम है, फिर भी एहतियातन इसकी रोकथाम के लिए आवश्यक व्यवस्थाओं को अद्यतन रखना आवश्यक है। जिला पदाधिकारी कुंदन कुमार ने बताया है कि पश्चिम चम्पारण जिला के उन क्षेत्र की पहचान (आईडेंटिफिकेशन) अनिवार्य हैं, जहां विगत पांच वर्ष में इस प्रकार की बीमारी हुई हो। इसना ही नही वर्षवार आयु की पहचान(ऐज आईडेंटिफिकेशन) भी किये जाने पर बल दिया। जिला मुख्यालय स्थित समाहरणालय के एनआईसी के सभागार में मंगलवार को संबंधित अधिकारियों को लेकर डीएम कुन्दन कुमार ने चमकी बुखार व मस्तिष्क ज्वर  (जेई-एईएस) से संबंधित कार्यों की समीक्षा किया। 
 
 
 
उन्होंने कहा कि बच्चे राष्ट्र की धरोहर, उनकी सुरक्षा सबका कर्त्तव्य, हर कीमत पर उनकी जान बचायी जायेगी। सभी अधिकारी जितना संंभव हो अपने बच्चों की तरह सभी बच्चों का ध्यान रखना होगा, तभी पश्चिम चम्पारण जिला सुरक्षित रह सकेगा। इसके लिए सभी को अपनी-अपनी सहभागिता देनी होगी। उन्होंने सिविल सर्जन को निदेश दिया कि जिला के सभी पीएचसी में जेई-एईएस से बचाव को सभी आवश्यक दवाएं पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध कराना सुनिश्चित करेंगे। नवनिर्मित पीआईसीयू को अविलंब प्रारंभ करायें। पीएचसी में एईएस के लिए 17 आवश्यक दवाओं के साथ-साथ पैरासिटामोल, ओआरएस सहित ग्लूकोज भी पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध करायें। इसके साथ ही इसकी रोकथाम के लिए सभी एमओआईसी के साथ समय पर बैठक करते रहेंगे। उन्होंने संबंधित पदाधिकारियों से कहा कि फ्रंटलाइन वर्कर जैसे सेविका-सहायिका, आशा, एएनएम, जीविका दीदियों को पूर्णरूप से प्रशिक्षित करें जिससे जेई-एईएस की रोकथाम में कोई परेशानी उत्पन्न नहीं हो तथा पीड़ित बच्चों का प्राथमिक उपचार समुचित ढंग से किया जा सके। 
 
 
 
जिला समाहर्त्ता ने कहा कि मुख्यमंत्री परिवहन योजना के तहत जिला में वितरित किये गये वाहनों को सूचिबद्ध करते हुए, उन्हें सीएस, आईसीडीएस को मुहैया करायी जाय। वैसे वाहन चालक को  आपातकाल व रात्री में पीड़ित को अस्पताल पहुँचाने को प्रोत्साहित किए जाने की आवश्यकता है। वाहन चालकों को विभागीय दर पर भुगतान दिए जाने की जानकारी डीएम ने दी। उन्होंने कहा कि आशा, एएनएम एवं सेविका- सहायिकाओं के माध्यम से समूचे जिले का सर्वेंक्षण कराया जाय कि कहां-कहां कितने जेई-एईएस, सैम के संभावित मरीज हैं। सर्वेक्षण में इस बात का खास ख्याल रखा जाय कि कितने बच्चों को जेई का टीका दिया जा चुका है तथा कितने बच्चे बाकी है। जिला पदाधिकारी ने जिलावासियों से अपील किया गया है कि वे बच्चों को रात में बिना भोजन कराए नहीं सोने दें। यदि कोई बच्चा शाम को भोजन कररात में सो जाए तो उसे रात में जगाकर अवश्य भोजन दें। इसके साथ ही बच्चों को रात में सोते समय अनिवार्य रूप से मीठा सामग्री यथा-गुड़, शक्कर, चीनी खिलाएं। उन्होंने कहा कि चमकी बुखार अधिकांशतः रात के 2 से 4 बजे के बीच अक्रामक रूप लेता है, इस समय सभी अभिभावकों को सचेत रहने की आवश्यकता है। 
 
 
 
अगर चमकी के साथ तेज बुखार हो तो तुरंत क्षेत्र के एएनएम, आशा अथवा अंागनबाड़ी सेविका-सहायिका को सूचित करें। इनके माध्यम से आवश्यक दवाएं तथा प्राथमिक उपचार की जायेगी तथा नजदीकी पीएचसी में ले जाकर समुचित उपचार किया जायेगा। इस अवसर पर अपर समाहर्ता नंदकिशोर साह, उप विकास आयुक्त रवीन्द्र नाथ प्रसाद सिंह, सिविल सर्जन, डाॅ अरूण कुमार सिन्हा, डीपीओ आईसीडीएस, डाॅ निरूपा कुमारी, सहायक निदेशक, सामाजिक सुरक्षा कोषांग ममता झा, जिला आपूर्ति पदाधिकारी अनिल राय व अन्य जिलास्तरीय पदाधिकारी उपस्थित रहे।
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