बेतिया। देशवाणी। बिहार में कोरोना वायरस से हुई दो अप्रत्याशित मौत के उपरान्त सरकार बेचैन है। कोरोना कोविड 19 की बिहार में दबे पांव आहट व के बढ़ते खतरे को देखते हुए, सरकार ने "बिहार को लॉक डाउन" घोषित कर दिया है।
विगत 22 मार्च 2020 को मुख्यमंत्री आवास पर आपात उच्चस्तीय बैठक में 31 मार्च 2020 तक सभी जिला मुख्यालय, अनुमंडल मुख्यालय, प्रखंड मुख्यालय, और नगर निकाय मुख्यालय को "लॉक डाउन" करने का निर्णय लिया गया। बैठक उपरान्त तत्संबंधित आदेश जारी कर दिया गया। सरकार ने इसे तात्काल प्रभाव से लागू कर दिया है। इसके अंतर्गत निजी चिकित्सा सेवा, दवा दूकान, किराना दूकान, फल सब्जी की दूकान, डेयरी सेवा सम्बन्धी दूकान, दूरसंचार सेवा, एटीएम व बैंकिंग सेवा, एलपीजी गैस सेवा, सर्जिकल सामग्री सम्बन्धी संस्थान, सीएनजी व पेट्रोल पम्प केन्द्र, पोस्ट ऑफिस व ई-कॉमर्स सेवाएं, इलेक्ट्रॉनिक व प्रिंट मीडिया सेवाओं को लॉक डाउन आदेश से मुक्त रखा गया है।
राज्य सरकार के आदेश के अनुसार "कोरोना वायरस" के बढ़ते संक्रमण को रोकने के लिए स्वास्थ्य विभाग की 'एपिडेमिक डिजीज एक्ट 1897' की धारा 2, 3 एवं 4 में अंकित सेवाओं को छोड़कर निजी प्रतिष्ठान, निजी कार्यालय एवं सार्वजनिक परिवहन को बंद करने का आदेश दिया गया है। जिसके अनुसार राज्य के जिला मुख्यालय, अनुमंडल मुख्यालय, सभी प्रखंड मुख्यालय एवं नगर निकायों पर सरकार का यह आदेश तत्काल प्रभाव से लागू है। बिहार
सरकार का उपर्युक्त निर्णय व आदेश 22 मार्च 2020 को तत्काल प्रभाव से 31 मार्च 2020 तक लागू है।