होली के हुड़दंग में टूटी सब लगाम, 'लाज शर्म की कौन कहे पहरे सब नाकाम" वसंतोत्सव 2020 कार्यक्रम सम्पन्न
बेतिया।अवधेश कुमार शर्मा। "होली के हुड़दंग में टूटी सब लगाम, लाज शर्म की कौन कहे पहरे सब नाकाम"। उपर्युक्त पंक्तियाँ डॉ परमेश्वर भक्त ने "वसन्तोत्सव 2020" कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए, समर्पित किया। चम्पारण साहित्य संस्थान, बेतिया ने एमजेके कॉलेज में वसंतोत्सव- 2020 का आयोजन सोमवार को किया। डॉ. भक्त ने कहा कि वसंत आपकी ऊर्जा और क्षमता को बढ़ाता है। यह सौन्दर्य व सामाजिक चेतना का परिचायक है।
अवधेश कुमार वर्मा, डॉ. राजेश कुमार चंदेल ने कहा कि वसंत में पूरी प्रकृति में भौतिक परिवर्तन होता है। वसंत जीवन, आत्मा, आंतरिक मूलभूत विकास का सृजन है। यह जीवन की बेचैनी को शांत करने वाली ऋतु है। विशिष्ट अतिथि आरएलएसवाई कॉलेज के भोजपुरी विभाग के प्राध्यापक डॉ. रवीन्द्र शाहाबादी, प्रो. सुशीला ओझा, पं. व्रतराज दूबे 'विकल', विजय नाथ तिवारी ने जीवन में वसंत के महत्व पर प्रकाश डाला।
अरुण गोपाल ने कहा कि राधा रानी के संग नंदलाल आवन खेले होरी हो...। सुरेश गुप्त कि पंख पसारे चिड़िया, हमसे कहने आती है, सरसो तीसी फूल का मौसम होली लाती है। अनिल अनल की तोहके कौन रंग भावे चुनरिया के, हाल जी के बता द सांवरिया के। पं. व्रतराज दूबे, डॉ. रवीन्द्र शाहाबादी, मोहन मधुर, नवल प्रसाद, मुनीन्द्र मिश्र, रामानंद शुक्ल, जयकिशोर जय, डॉ. शिप्रा मिश्रा, शालिनी रंजन, जगतभूषण राज, प्रभात रंजन, धनुषधारी उराँव, प्रशांत सौरभ की वासंती व फागुनी प्रस्तुति ने कार्यक्रम को ऊँचाई प्रदान की, जिससे श्रोता भाव विभोर हो गए।
कार्यक्रम का संचालन संस्थान के प्रवक्ता डॉ. जगमोहन कुमार व धन्यवाद ज्ञापन संयोजक दिवाकर राय ने किया। इस अवसर पर संस्थान के निदेशक मंडल सदस्य पं. चतुर्भुज मिश्र, रवीन्द्र किशोर राय, कृष्णमोहन हिन्दू, आभास झा, कुंदन कुमार शांडिल्य, प्रमोद कुमार, भीम कुमार, क्षितिज व्यास, दीपक कुमार सिंह उपस्थित रहे।