बेतिया
बेतिया में 15 युवक-युवतियों ने थामा एक दूजे का हाथ , बाबुल की दुआएं लेती जा, जा तुझको सुखी संसार मिले ...
By Deshwani | Publish Date: 1/3/2020 6:46:36 PMबेतिया।अवधेश कुमार शर्मा। बाबुल की दुआएं लेती जा, जा तुझकों सुखी संसार मिले, मायके की कभी याद न आए, ससुराल में इतना प्यार मिले... शादी के बाद विदाई गीत के बीच नगरवासियों ने नवविवाहित 15 युवक-युवतियों को उनके सुखमय जीवन के आशीर्वाद के साथ विदा कर दिया।
विदाई की बेला की दृश्य को देखकर वहां मौजूद लड़कियों के परिजनों के साथ-साथ नगरवासियों की आंखों से आंसू छलक गये। पश्चिम चम्पारण जिला मुख्यालय बेतिया स्थित हरिवाटिका शिवमंदिर परिसर में शनिवार को 15 कन्याओं का सामूहिक विवाह समारोह पूर्वक संपन्न हुआ। इस कल्याणकारी सामाजिक समारोह की मुख्य अतिथि बेतिया नगर परिषद की सभापति गरिमादेवी सिकारिया रहीं।
हरिवाटिका शिवमंदिर विवाह सेवा समिति का 10 वें वर्ष सामुहिक विवाह कराना एक कीर्तिमान
सामूहिक विवाह आयोजन समिति ने सभापति श्रीमती सिकारिया को मोमेंटो व बुके देकर सम्मानित किया गया। इस पुनीत अवसर पर उन्होंने कहा कि सामाजिक महत्व ऐसे श्रेष्ठ आयोजन से दहेजमुक्त समाज के निर्माण का मार्ग प्रशस्त होता है। उल्लेखनीय है कि गरीब कन्याओं का सामुहिक विवाह का यह क्रम विगत 10 वर्ष से संचालित है, यह भी एक कीर्तिमान से कमतर नही है।
दहेज़ रूपी कुष्ठ मिटायें, दहेजमुक्त विवाह को सामाजिक आंदोलन बनाये : गरिमादेवी सिकारिया
उन्होंने कहा कि सभी महिलाये यहां से संकल्प लेकर घर जाएँ कि वे अपने बेटा, भाई के विवाह में दहेज़ नहीं लेंगी और न इसके लिए किसी को प्रोत्साहित करेंगी। आमे वाले समय में सभी अपने अपनों के विवाह में पुत्र के लिए सुयोग्य और सौभाग्यशाली पुत्रवधू ढूंढे दहेज़ नहीं। विवाह में दहेज की सौदेबाजी अब नहीं होने देंगी महिलाएं। क्योंकि जबतक दहेज़ रूपी कुष्ठ समाज से दूर नही होगा तब तक ऐसी विवाह समितियों के प्रतिवर्ष सामूहिक विवाह आयोजित करते रहने के बावजूद विवाह योग्य हजारों कन्यायें दुर्भाग्य व परिवार की विवशता के बीच उद्धारक की प्रत्याशा में सिसकने को बाध्य हैं, इससे बेमेल विवाह को बढ़ावा भी मिलता है।
श्रीमती सिकारिया ने उपस्थित महिला और पुरुषवृन्द से करबद्ध प्रार्थना किया कि अपनी जानकारी की विवाह योग्य लड़कियों का विवाह का सद्प्रयास कर उनके विवाह में योगदान देकर पुण्य की भागी बनें, जिससे दहेजमुक्त विवाह एक सामाजिक आंदोलन बन सके।