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बेतिया
मझौलिया चीनी मील का सुरक्षित क्षेत्र के किसानों से भेदभावपूर्ण रवैया , रोस्टर के अनुसार गन्ना चालान नहीं देने से किसान हलकान
By Deshwani | Publish Date: 15/2/2020 7:34:34 PM
मझौलिया चीनी मील का सुरक्षित क्षेत्र के किसानों से भेदभावपूर्ण रवैया , रोस्टर के अनुसार गन्ना चालान नहीं देने से किसान हलकान

किसानों के गन्ना की घटतौली, बकाया भुगतान वक़्त पर नहीं  नहीं देने का आरोप

भाजपा नेताओं ने गन्ना मंत्री को दिया ज्ञापन

बेतिया। पश्चिम चम्पारण जिला भाजपा मझौलिया मंडल के अध्यक्ष कामेश्वर सिंह, संदीप कुमार, पूर्व अध्यक्ष भिखारी सिंह सह सहकारिता प्रकोष्ठ संयोजक ने मझौलिया चीनी मिल पर आरक्षित क्षेत्र के किसानों के साथ भेदभावपूर्ण रवैया अख्तियार करने, गन्ना का चालान रोस्टर के अनुसार निर्गत नही करने, सभी प्रकार का गन्ना नहीं लेने तथा बकाया भुगतान समय पर नहीं करने, केवल फ्री एरिया के किसानों का गन्ना लेने एवं घटतौली करने का आरोप सम्बन्धी ज्ञापन गन्ना मंत्री बिहार सरकार को दिया है।

उनका कहना है कि मझौलिया चीनी मिल प्रबंधन मनमाने एवं तानाशाही पूर्ण रवैया से रिजर्व एरिया के किसानों का शोषण कर रहा है। 14 फरवरी तक किसानों के सामान्य प्रभेद के गन्ना की आपूर्ति आरक्षित क्षेत्र के किसानों का काफी सीमित मात्रा में लिया जा रहा है जबकि अगाध प्रभेध का गन्ना अब लगभग समाप्ति की ओर है। फ्री एरिया में मिल के चलने के समय से ही अगाध प्रभेद  के नाम पर नेपाल नेपाल के तराई क्षेत्र रामगढ़वा रक्सौल क्षेत्र का गन्ना पेराई के लिये मझौलिया चीनी मिल चालान निर्गत कर ले रहा है।

अलबत्ता सुरक्षित (रिजर्व) क्षेत्र के किसानों के साथ भेदभाव बरत रहा है। जिससे किसान गन्ना से ज्यादा पेरे जाने लगे हैं। रिजर्व क्षेत्र के छोटे किसान जो गन्ना चीनी मिल में आपूर्ति कर गेहूं की खेती करते हैं। उनके गन्ने खेत मे खड़े हैं और रवि फसल पीछे छूटता जा रहा है। उनका गन्ना अभी तक खेतों में लगा हुआ है जिससे भविष्य में उनके समक्ष भुखमरी की स्थिति उत्पन्न हो सकती है। उपर्युक्त नेताओं ने आवेदन में कहा गया है कि चीनी मिल में बिचौलियों और दलालों का वर्चस्व स्थापित है तथा गन्ना आपूर्ति की पर्ची (चालान) भी पसंदीदा लोगों को दी जा रही है। उनका कहना है कि नियम के अनुसार चीनी मिल को सबसे पहले रिजर्व क्षेत्र के किसानों का ही गन्ना लेना है।

भाजपा नेताओं का कहना है कि चीनी मिल में गन्ना आपूर्ति का भुगतान भी मनमाने तरीके से किया जा रहा है । विगत पेराई सत्र का गन्ना मूल्य भुगतान, इसी फरवरी 2020 में पूर्ण की गई है, जबकि बिहार के अन्य चीनी मिलों ने नवंबर 2019 में भुगतान कर दिया है। आवेदकों ने गन्ना मंत्री से सभी बिंदुओं पर ध्यान आकृष्ट करते हुए अनुरोध किया है कि किसानों के साथ हो रहे इस अन्याय की स्तर से जांच कराएं। 

अविलंब किसानों का गन्ना मूल्य भुगतान कराते हुए रिजर्व क्षेत्र के किसानों का कल्याण कराएं। भाजपा नेताओं ने जोरदार शब्दों में कहा है कि अगर उचित कार्रवाई नहीं होती है तो बाध्य होकर भारतीय जनता पार्टी मझौलिया चीनी मिल प्रबंधक के विरुद्ध धरना प्रदर्शन आंदोलन करने को उतारू हो जाएगी। आवेदन की प्रतिलिपि जिला पदाधिकारी पश्चिम चंपारण, भाजपा प्रदेश अध्यक्ष, राष्ट्रीय उपाध्यक्ष, जिला अध्यक्ष तथा   अंचलाधिकारी मझौलिया को भी प्रेषित किया गया है। इस संदर्भ में चीनी मिल प्रबंधन का पक्ष प्राप्त नहीं हो सका है।

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