ब्रेकिंग न्यूज़
मोतिहारी के केसरिया से दो गिरफ्तार, लोकलमेड कट्टा व कारतूस जब्तभारतीय तट रक्षक जहाज समुद्र पहरेदार ब्रुनेई के मुआरा बंदरगाह पर पहुंचामोतिहारी निवासी तीन लाख के इनामी राहुल को दिल्ली स्पेशल ब्रांच की पुलिस ने मुठभेड़ करके दबोचापूर्व केन्द्रीय कृषि कल्याणमंत्री राधामोहन सिंह का बीजेपी से पूर्वी चम्पारण से टिकट कंफर्मपूर्व केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री सांसद राधामोहन सिंह विभिन्न योजनाओं का उद्घाटन व शिलान्यास करेंगेभारत की राष्ट्रपति, मॉरीशस में; राष्ट्रपति रूपुन और प्रधानमंत्री जुगनाथ से मुलाकात कीकोयला सेक्टर में 2030 तक नवीकरणीय ऊर्जा क्षमता को 9 गीगावॉट से अधिक तक बढ़ाने का लक्ष्य तय कियाझारखंड को आज तीसरी वंदे भारत ट्रेन की मिली सौगात
बेतिया
मानव को अमृत प्राप्ति तभी संभव है, विष निकल जाए : श्रीमद भागवत
By Deshwani | Publish Date: 6/1/2020 9:28:45 PM
मानव को अमृत प्राप्ति तभी संभव है, विष निकल जाए : श्रीमद भागवत

बेतिया।अवधेश कुमार शर्मा ।पश्चिम चम्पारण जिला मुख्यालय बेतिया स्थित ऐतिहासिक हजारीमल धर्मशाला के बगल स्थित हजारीमल धर्मशाला काम्प्लेक्स में 04 जनवरी 2020 से दिनांक 10 जनवरी 2020 तक एक सप्ताह तक चलने वाले “श्रीमद् भागवत कथा” का आयोजन किया गया है। प्रतिदिन दोपहर 2 बजे से शाम 6 बजे के बीच पंडित शिवम विष्णु पाठक (कोलकाता) श्रीमद भागवत के दिव्य प्रसंगों का अमृतपान कराएंगे। शोभायात्रा श्याम मंदिर  से गाजे-बाजे के साथ निकलकर नगर के विभिन्न मार्ग से गुजरा जिसमें कई गणमान्य भक्तगण शामिल हुए।


“श्रीमद् भागवत कथा” के तीसरे दिन अतिदिव्य भागवत प्रसंगों का वर्णन हुआ । श्री कृष्णानुरागी युवा भागवत प्रवक्ता पण्डित शिवम विष्णु पाठक ने सोमवार को “ध्रुव चरित्र के उतरार्ध भाग” से कथा का शुभारम्भ किया। प्रभु वैकुण्ठनाथ “बालक ध्रुव” की भक्ति से प्रसन्न होकर ध्रुव को दर्शन देने नहीं अपितु उसका दर्शन करने आये ।  पंडित पाठक ने कहा कि गोविन्द को पाने की उम्र नहीं होती, यदि तल्लीनता हो तो 05 वर्ष की आयु में बालक यथा “बालक ध्रुव” भी पा सकते हैं। “श्रीमद् भागवत कथा” यज्ञ में राज्य सभा सांसद श्री सतीश चन्द्र दुबे व गोविन्द सिकरिया, रोहित व गरिमा व समस्त सिकरिया परिवार को आशीष देते हुए, कथा व्यास ने अजामिल की दिव्य कथा का वर्णन किया । अजामिल के माध्यम से प्रभु के नाम महिमा का बखान किया ।


राम का नाम प्रभु श्रीराम से भी बड़ा है। इसलिए जीवन में जीव मात्र को राम नाम का आश्रय नहीं त्यागना चाहिए। प्रह्लाद की त्याग वंदना का वर्णन करते हुए पण्डित पाठक ने कहा कि कभी भी प्रभु से कुछ मत मांगो, मांगना है तो प्रभु को ही मांगना चाहिए। नरसिंह-प्रह्लाद की दिव्य झांकी का पूजन गौरव सिकारिया ने अपने बन्धु बांधव के साथ किया। जिनमे सभापति गरिमा देवी सिकारिया, नम्रता पोद्दार, कविता गोयल, तृप्ति गोयल, मयूर सिकारिया, सुमन सिकारिया, बद्री विशाल टिकमानी, राजेश सिकारिया ने भी प्रभु का आशीष लिया।


गज-ग्राह का युद्ध का वर्णन करते हुएकथा व्यास नें कहा कि यौवन का मद ही मनुष्य के पतन का कारण होता है, इसलिए सदैव मद से दूर रहना चाहिए। समुंद्र मंथन का दिव्य एवं भव्य वर्णन करते हुए कहा कि “विष निकले बिना कभी भी अमृत नहीं निकल सकता”  यद्दपि दैव कृपा से ये सम्भव हो जाए कि सीधा अमृत ही मिले लेकिन प्राणी मात्र को विष के लिए तैयार रहना चाहिए। श्रोताओ से भरपूर कथागार में तृतीय दिवस की कथा का विश्राम वामन प्रभु के अवतरण के साथ हुआ । प्रभु की अलौकिक छठा देखकर सब मंत्र मुग्ध हो गए।  सप्ताह यज्ञ के चतुर्थ दिवस मंगलवार 07 जनवरी 2020 को वामन चरित्र का उतरार्ध भाग राम चरित्र का वर्णन किया जायेगा ।


“श्रीमद भागवत” का दिव्यतम प्रसंग कल ही कृष्ण जन्म उत्सव के साथ मनाया जाएगा। वस्तुतः मलमास में गोविन्द की कथा में विशेष कर नन्दोत्सव में सब पधारेंI तृतीय दिवस की कथा की व्यास द्वारा कुछ शिक्षादायी पंक्तियाँ में प्रभु को पाने की कोई आयु नहीं होती प्रभु बालक को मिल सकते हैं और हो सकता है कि वृद् को भी ना भी प्रभु को भजना प्रभु की सर्वश्रेष्ठ भक्ति संसार में यदि आनन्द प्राप्त करना है तो सरल बनो। याचक हमेशा छोटा ही होता है चाहे कोई हो। जीवन को तपस्या बनाओ तमाशा नहीं।पर्यावरण का असंतुलन ही हमारे जीवन को असंतुलित कर रहा हैI इसलिए उसे सुरक्षित करना श्रेष्यकर है।

image
COPYRIGHT @ 2016 DESHWANI. ALL RIGHT RESERVED.DESIGN & DEVELOPED BY: 4C PLUS