बेतिया। पश्चिम चम्पारण जिला ही नही राज्य में मौत के सौदागर खुलेआम इंसान की जिंदगी से खिलवाड़ कर रहे हैं, मानो हुकूमत व हुक्मरानों ने मौत का सौदा करने की खुली छूट दे रखी हो। "इलाज के अभाव में मरीज की मौत" पर परिजनों ने खूब हंगामा किया। मामला खिरिया घाट स्थित "आस्था हॉस्पिटल का है" हमारे प्रतिनिधि कहते हैं कि चौंकिए नहीं, यहां चिकित्सकों के क्लीनिक में रोगी की मौत होना आम बात हो गई है।
आए दिन ऐसी घटनाएं घट रही है, इतना सबके बावजूद शासन व प्रशासन आज भी सतर्क नहीं है, सबसे बड़ी चौंकाने वाली बात यही है। उल्लेखनीय है कि बानु छापर ओपी निवासी बहादुर राम का पुत्र सुरेश राम उम्र (33 वर्ष) को सांस लेने की समस्या हो हुई, उन्हें "आस्था हॉस्पिटल खिरिया घाट" में इलाज के लिए भर्ती किया गया। रोगी की स्थिति बिगड़ने लगी, तो मृतक के परिजनों ने डॉक्टर को बार-बार रिक्वेस्ट किया कि वे आकर रोगी को देख लें।
अलबत्ता मरीज़ की मौत होने के बाद भी पहली बार देखने के बाद, दूसरी बार झांकने तक चिकित्सक नहीं आया। मरीज के परिजनों का कहना है कि भर्ती किया गया रोगी रात में ही मर गया। अलबत्ता और रुपये के लिए मरे हुए व्यक्ति के शव को बंद करके रखा। अस्पताल प्रबंधन ने जब एक लाख 75 हजार रुपये लिए जब जाकर शव परिजनों को सौंपा।
इस संदर्भ में डॉ. अंजनी कुमार का कहना है कि मरीज को खून की कमी थी, उसके परिजनों को बोला गया लेकिन उन्होंने खून उपलब्ध नहीं कराया इसलिए मरीज की मौत हो गई।