मुस्लिम परित्यक्ता और तलाकशुदा महिलाओं को आर्थिक रूप से सुदृढ़ बनाने को लेकर जिला प्रशासन की ओर से कवायद शुरू
- पंचायतवार सर्वेक्षण कर मुस्लिम परित्यक्ता व तलाकशुदा महिलाओं की सूची तैयार होगा
- महिलाओं को सरकार एकमुश्त ₹25 हजार उपलब्ध कराएगी
बेतिया। पश्चिम चंपारण जिला अंतर्गत मुस्लिम समुदाय की परित्यक्ता व तलाकशुदा महिलाओं को आर्थिक रूप से सुदृढ़ व स्वावलंबी बनाने को लेकर, जिला प्रशासन की ओर से कवायद शुरू कर दी गई है। मुस्लिम परित्यक्ता व तलाकशुदा महिलाओं का डाटाबेस तैयार किया जाएगा। जिससे चिन्हित महिलाओं को सरकार एकमुश्त ₹25 हजार उपलब्ध कराएगी। जिला पदाधिकारी डॉ नीलेश रामचंद्र देवरे ने पंचायतवार सर्वेक्षण कर मुस्लिम परित्यक्ता व तलाकशुदा महिलाओं की सूची तैयार कराने का निर्देश जिला अल्पसंख्यक कल्याण- पदाधिकारी बैजनाथ प्रसाद को दी है।
डीएम ने पत्रकारों को बताया कि मुस्लिम समुदाय की परित्यक्ता व तलाकशुदा सहायता योजना सरकार की अति- महत्वाकांक्षी एवं महत्वपूर्ण योजना है। इसका उद्देश्य है कि महिलाएं समाज में सम्मान से जीवन व्यतीत करें, उनको किसी तरह की परेशानी नहीं हो। वह आर्थिक रूप से सुदृढ़ हो सके, इसको लेकर एक वित्तीय सहायता प्रदान कर उन्हें आत्मनिर्भर बनाया जाएगा।
डीएम ने बताया कि ऐसी महिलाएं जिनकी शादी में हो चुकी है लेकिन उसके पति ने 2 वर्ष या उससे अधिक अवधि से परित्याग कर दिया है। उनके जीवन यापन की कोई व्यवस्था पति ने की है। इसके अलावा पूर्ण रूप से मानसिक अपंगता के कारण पति परिवार का भरण-पोषण करने में अक्षम है, ऐसी स्थिति महिलाओं को योजना के तहत परित्यक्ता महिला समझा जाएगा।
डॉ नीलेश रामचंद्र देवर ने यह भी बताया कि ऐसी अल्पसंख्यक मुस्लिम महिला जिसके पति ने तलाक दे दिया हो, उसके जीवन-यापन की कोई ठोस व्यवस्था नहीं हो। ऐसी महिलाएं इस योजना अंतर्गत तलाकशुदा समझी जाएंगी। सरकार की ओर से उनको एकमुश्त राशि दी जाएगी, जिससे वह समाज में बेहतर तरीके से जीवन यापन कर सकें। उन्होंने बताया कि मुस्लिम-परित्यक्ता व तलाकशुदा वंचित नहीं रहेगी। इसको लेकर पंचायत वार सर्वेक्षण कर सूची उपलब्ध कराने का निर्देश दिया गया है, जिसके आधार पर योजना का लाभ वैसे जरूरतमन्दों तक पहुंचाया जा सके।