बेतिया में आयोजित आनंन्द मार्ग धर्म महासम्मेलन में उड़ीसा के बालिकाओं ने सुंदर प्रस्तुति देकर बांधा समा
बेतिया।अवधेश कुमार शर्मा। पश्चिम चम्पारण जिला मुख्यालय बेतिया स्थित नगर भवन परिसर में आयोजित तीन दिवसीय आनंद मार्ग महासम्मेलन कार्यक्रम के दूसरे दिन कार्यक्रमों में संध्या के समय उड़ीसा से आए बालिकाओं ने अपने नृत्य व रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रम की सुंदर प्रस्तुति देकर समा बांधा। जिसमें रिनेसा आर्टिस्ट एवं राइटर्स एसोसिएशन (रावा) भुनेश्वर से आए कलाकारों ने अपनी आकर्षक व सुंदरमयी प्रस्तुति दिखाकर दर्शकों को अध्यात्मक व भावुकता के भावरस में सराबोर कर दिया। कई सांस्कृतिक गीतों पर इन कलाकारों द्वारा नित्य व शास्त्रीय संगीत कार्यक्रम का आयोजन किया गया।
महासम्मेलन के समापन समारोह की मुख्य अतिथि नप सभापति गरिमा देवी सिकारिया रहीं। उन्होंने कहा कि अध्यात्म जीवन को सफल करने का सबसे सशक्त माध्यम है। योग और ध्यान आध्यात्मिक सिद्धियों के माध्यम हैं। तीन दिन तक देश विदेश के सैकड़ों भाई बहनों ने अध्यात्म का रसास्वादन किया है।
वहीं इस महासम्मेलन के तीसरे दिन शैक्षिक सत्र को मुख्य रूप से आचार्य विश्वदगतानंद अवधूत ने सम्बोधित किया। उनके प्रवचन का सम्मेलन के सैकड़ों प्रतिभागियों ने आनन्द उठाया। उनके प्रवचन का विषय था कर्म सन्यास और गुरु कृपा। कर्म सन्यास ऐसा व्यवहार है जिसमें कर्म के प्रति आसक्ति नहीं है सत्य में व्यस्त हो निष्काम भाव से सेवा करना कर्म साधना की विधि वह गुरु ही सिखाते हैं व अनुभव कराते हैं, पर गुरु व परम पुरुष एक ही हैं। यह सभी नृत्य प्रभात रंजन सरकार द्वारा रचित प्रभात संगीत पर आधारित थे।
इनका नृत्य संयोजन गुरु भारत चरण गिरी ने किया। इसमें ज्योत्सना, स्पन्दिता, प्रियंका, अमृता, शताब्दी, मनीषा, अर्पिता आदि ने नृत्य कला में भाग लिया। सागरिका ने इससे टीम का निर्देशन किया। महासम्मेलन के साथ संत में नेपाल से आए आचार्य महेंद्र श्रेष्ठ ने धर्म के पथ की चर्चा करते हुए कहा कि बिना अष्टांग योग की साधना किए मनुष्य की मुक्ति संभव नहीं।