बेतिया
वाल्मीकिनगर में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने किया 8 करोड़ की लागत से बने इको पार्क का उद्घाटन
By Deshwani | Publish Date: 8/11/2019 3:33:39 PMबेतिया। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने वाल्मीकिनगर को संवारने का जो सपना देखा था वह ईको हट, ईको पार्क व मेडिटेशन सेंटर, नौका विहार के उद्घाटन के साथ ही आज पूरा हो गया। मुख्यमंत्री ने आज पश्चिम चंपारण जिले के बगहा में स्थित वाल्मीकिनगर में इको पार्ट का उद्घाटन किया। इस दौरान उन्होंने कहा कि लोकसभा चुनाव के समय मैं यहां चुनाव प्रचार करने आया था। तब यहां के लोगों ने कई समस्याओं के बारे में बताया था।
सीएम ने कहा लोकसभा चुनाव के समय में जब यहां आया था तो लोगों ने बताया कि यहां दो पुल बने लेकिन एप्रोच रोड नहीं होने के चलते उनका इस्तेमाल नहीं हो रहा है। एक है सिकटा प्रखंड में त्रिभूवन नदी पर धनकुटवा तिनमुहान पुल और दूसरा है सिकनहना नदी पर बना महेसरा सिसवामा पुल। भूमि अधिग्रहण नहीं होने के चलते एप्रोच रोड नहीं बन रहा था। इसी तरह त्रिवेणी कैनाल पर 2017 की बाढ़ में छतिग्रस्त साइफन और नदी की उपशाखा में गाद जमाव के संबंध में लोगों ने बताया था। मैंने कहा था कि चुनाव बाद इसपर निर्देश दूंगा और फिर आपके पास आऊंगा।
नीतीश ने कहा कि मुझे चंपारण की भूमि से लगाव है। महात्मा गांधी 1917 में यहां आए। चंपारण की धरती से उन्होंने जन जागृति का जो अलख जगाया उसका असर देशभर में हुआ। मैं अपनी सभी यात्राएं चंपारण से शुरू करता हूं। जल जीवन हरियाली यात्रा की शुरुआत भी यहीं से करूंगा।
8 करोड़ की लागत से बना इको पार्क
इंडो नेपाल सीमा पर गंडक नदी के किनारे वाल्मीकिनगर की हसीन वादियों के बीच अब पर्यटकों का नये अंदाज में स्वागत होगा। वाल्मीकि प्रोजेक्ट टाइगर के अतिथि भवन के सामने लगभग 8 करोड़ की लागत से वाल्मीकिनगर में न्यू नालंदा टयूबवेल बोरिंग एंड इंजीनियरिंग वर्क्स के द्वारा इको पार्क तैयार किया गया है। यह सूबे का पहला ऐसा इको पार्क है जहां आने वाले पर्यटकों के लिए मेडिटेशन सेंटर तैयार किया गया है। ताकी जब दृश्यों का नजारा लेने पर्यटक पहुंचे तो यहां के औषधीय आबोहवा के बीच हिमालय की तराई से गुजरने वाली हवाओं के साथ ध्यान व योग का आनंद ले सके।
हरे रंग के मेहराब नुमा शेड भी तैयार किया गया है जहां पर कुछ पल समय बिताकर पर्यटक यहां आने का आनंद ले पाऐंगे। यहां पर बैठने की भी व्यवस्था की गयी है। पार्क में तरह-तरह के मेडिशनल प्लांट लगाए गए हैं। पार्क से एक ओर गगनचुंबी पहाड़ व दूसरी ओर गंडक की कलकल धारा का दीदार हो रहा है।