नरकटियागंज स्थित उच्चत्तर माध्यमिक विद्यालय के केदार प्रसाद सभागार में संस्कृत दिवस सप्ताह का आयोजन
बेतिया। देवभाषा संस्कृत भारतीय स्वर्णिम इतिहास को प्रदर्शित करता है। भारतीय देव भाषा संस्कृत को राष्ट्रीय संस्कृति का आधार है। पश्चिम चम्पारण जिला के नरकटियागंज स्थित उच्चत्तर माध्यमिक विद्यालय के केदार प्रसाद सभागार में संस्कृत दिवस सप्ताह अन्तर्गत समारोह का उद्घाटन दीप प्रज्वलित कर अवधेश तिवारी, भोट चतुर्वेदी, नागेन्द्र तिवारी, कृष्ण कुमार पाठक, छोटेलाल प्रसाद ने किया।
इस अवसर पर मुख्य अतिथि नागेन्द्र तिवारी ने कहा कि समृद भारतवर्ष के हृदय में संस्कृत का स्थान है, जहां से समस्त भाषाओं का उद्गम हुआ है। सामाजिक सरोकार, शिक्षा और सभी सरकारी योजनाओं के उन्नयन में अपना अहम योगदान देने वाला संस्कृत अपने विद्वान पुत्रों के बीच लाचार है।
जिला सचिव भोट चतुर्वेदी ने संस्कृत की प्रसांगिकता पर जोर देते हुए कहा कि संस्कृत की विफलता का श्रेय अंग्रेजी भाषा को दिया। हमारी राष्ट्रीयता को मुंह चिढाने से कम नही है। अध्यक्षीय उद्बोधन में अवधेश तिवारी ने कहा कि शिक्षा और अन्य कार्यों में संस्कृत का प्रयोग अधिक से अधिक हो इसके लिए हमे जागृत होने की आवश्यकता है, अपनी संस्कृति का आधार संस्कृत की खोई अस्मिता को लौटना होगा।
कार्यक्रम का शुभारंभ युवा कवि साहित्यकार मुकुंद मुरारी राम के वन्देमातरम गायन तदुपरान्त मंगलाचरण पंडित सुधाकर पांडेय जबकि स्वागत संबोधन डॉ. विभाकर दूबे ने किया।
इस समारोह की अध्यक्षता अवधेश तिवारी ने की जबकि सफल संचालन आचार्य मधुसूदन चतुर्वेदी ने किया। समारोह को प्रजापिता ब्रह्मा कुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय की संचालिका बी के अबिता बहन, भाजपा नेत्री रेणु देवी, कृष्ण कुमार पाठक, डॉ. आफताब आलम, अशोक पांडेय, सरोज सिंह आदि ने संबोधित किया।
संस्कृत दिवस के सुअवसर पर सुरेंद्र मिश्र, नरेंद्र नाथ तिवारी, विजय मणि तिवारी, बालचंद्र मिश्र, अभय कांत तिवारी, सुधीर कुमार आर्य, धर्मनाथ मिश्र, योगेंद्र मिश्र राजेश जायसवाल, विंध्यवासिनी शुक्ल, अविनाश कुमार , चिंताहरण सिंह एवं तमाम छात्र व संस्कृतानुरागी उपस्थित रहे।