बेतिया डेस्क।
मझौलिया। बच्चों के विवाद में झगड़े में तकरीबन एक महीना इलाज उपरांत डॉक्टर नहीं बचा सके एक व्यक्ति की जान। इस संदर्भ में बताया जाता है कि होली के दिन लाल सरैया गांव में बच्चों के विवाद के चलते दो परिवार आमने-सामने हो गए जिसमें चुमन चौबे गंभीर रूप से घायल हो गए थे। जिन का इलाज बेतिया एमजेके अस्पताल में परिजनों द्वारा कराया जा रहा था।
परंतु गुरुवार की देर शाम उनकी जान को डॉक्टर की टीम नहीं बचा सकी एवं उनकी मौत हो गई। इस सदमे से लालसरैया स्थित उनके परिवार में कोहराम सा मचा हुआ है।
इस झगड़े के विवाद को लेकर मझौलिया थाना में मृतक के बड़े भाई राजगृह चौबे द्वारा एक आवेदन देकर 11 लोगों पर प्राथमिकी दर्ज कराई गई है। आवेदन में राजगृह चौबे ने उल्लेख किया है कि उसके घर पर त्रिलोकी चौबे ,साहेब चौबे, नगीना चौबे ,फुलेना चौबे, अमरेंद्र चौबे, ब्रिजबिहारी चौबे ,श्याम बिहारी चौबे, अर्जित चौबे, अरविंद चौबे, तप्पू नाथ चौबे ,एवं साक्षी कुमारी पहुंचकर हथियार से लैस होकर मारपीट की जिसमें उनका छोटा भाई सुमन चौबे को उनके पाटीदार अजीत चौबे द्वारा दबीला से प्रहार कर सिर को फोड़ डाला गया जिसके कारण वह बुरी तरह जख्मी हो गया।
वही झगड़ा उपरांत उनके फूस के घर को भी जला दिया गया तथा उनके पॉकेट से तीस हजार रुपया भी निकाल लिया गया। मझौलिया थाना में इस मामले को लेकर कांड संख्या 105/19 भी दर्ज है। शुक्रवार के दिन चुमन चौबे का शव जैसे ही पोस्मार्टम उपरांत गांव में पहुंचा परिजनों का रोते-रोते बुरा हाल हो गया आसपास के लोग ढांढस देकर चुपचाप कराने में जुटे रहे।
बताया जाता है कि चुमन चौबे का इलाज एम जे के अस्पताल बेतिया में करीब 1 माह से चल रहा था। बीच में ठीक होने पर पांच रोज पूर्व उन्हें घर वापस लाया गया था । 3 दिन पूर्व सीने में दर्द की शिकायत को लेकर फिर उसे बेतिया एमजेके हॉस्पिटल में इलाज के लिए परिजन द्वारा ले जाया गया जहां पर गुरुवार के देर शाम इलाज क्रम में ही उसकी मौत हो गयी। वहीं शनिवार के दिन डॉक्टर ने उसके शव को पोस्टमार्टम कर परिजन के हवाले कर दिया।