ब्रेकिंग न्यूज़
मोतिहारी निवासी तीन लाख के इनामी राहुल को दिल्ली स्पेशल ब्रांच की पुलिस ने मुठभेड़ करके दबोचापूर्व केन्द्रीय कृषि कल्याणमंत्री राधामोहन सिंह का बीजेपी से पूर्वी चम्पारण से टिकट कंफर्मपूर्व केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री सांसद राधामोहन सिंह विभिन्न योजनाओं का उद्घाटन व शिलान्यास करेंगेभारत की राष्ट्रपति, मॉरीशस में; राष्ट्रपति रूपुन और प्रधानमंत्री जुगनाथ से मुलाकात कीकोयला सेक्टर में 2030 तक नवीकरणीय ऊर्जा क्षमता को 9 गीगावॉट से अधिक तक बढ़ाने का लक्ष्य तय कियाझारखंड को आज तीसरी वंदे भारत ट्रेन की मिली सौगातदेश की संस्कृति का प्रसार करने वाले सोशल मीडिया कंटेंट क्रिएटर को प्रधामंत्री ने संर्जक पुरस्कार से सम्मानित किया'दंगल' फेम सुहानी भटनागर की प्रेयर मीट में पहुंचीं बबीता फोगाट
बेतिया
गुलामी का प्रतीक बताकर बेतिया एमजेके अस्पताल के संस्थापक किंग एडवर्ड की मूर्ति तोड़ी
By Deshwani | Publish Date: 31/1/2019 7:58:46 PM
गुलामी का प्रतीक बताकर बेतिया एमजेके अस्पताल के संस्थापक किंग एडवर्ड की मूर्ति तोड़ी

बेतिया। देशवाणी संवाददाता।
 
बेतिया के महारानी जानकी कुंवर अस्पताल में स्थापित किंग एडवर्ड सप्तम अंग्रेज शासक की मूर्ति को एक मंच से जुड़े युवाओं के बड़े समूह ने गुरुवार को तोड़ डाला। बताया जाता है कि किंग एडवर्ड सप्तम ने  इस अस्पताल की स्थापना की थी। पहले इस अस्पताल का नाम किंग एडवर्ड ही था। बाद में इस अस्पताल का नाम माहारानी जानकी कुंवर के नाम पर एमजेके अस्पताल रख दिया गया। किंग एडवर्ड की याद में भारत में मुंबई में भी बड़ा अस्पताल है। बताया जा रहा है कि पूरे बिहार में एमजेके अस्पताल व गया के लेडी एल्जीन अस्पताल गया को विशेष सरकारी मान्यता प्राप्ता है।
 
 
मिली जानकारी के अनुसार विशेष मंच के कार्यकर्ता आज सुबह 10:30 बजे दर्जनों की संख्या में मंच के कार्यकर्ता बड़ी संख्या में पहुंच गए।  हॉस्पिटल के पीछे के द्वार पर लगे लगभग 6 फीट ऊंची किंग एडवर्ड की मूर्ति को तोड़ने लगे। करीब आधे घंटे के अंदर सब ने मिलकर मूर्ति को तोड़ डाला। अंग्रेज शासक एडवर्ड के टूटे हुए सर पर पैर रखकर युवाओं ने भारत माता की जय, वंदे मातरम का नारा भी लगाया।
 
इस मंच से जुड़े कार्यकर्ताओं का कहना है कि इस मूर्ति से महज कुछ मीटर दूरी पर वह ऐतिहासिक रमना का मैदान है। जहां कभी नेताजी सुभाष चंद्र बोस आए थे। उन्होंने अंग्रेजो के खिलाफ क्रांति का बिगुल फूंका था।  लिहाजा उनकी याद में अंग्रेज के मूर्ति की जगह पर सुभाष चंद्र बोस की सैन्य छवि वाली प्रतिमा लगाई जाएगी। इसके लिए पूरे चंपारण के लोगों से भिक्षाटन करेंगे।  जिससे चंपारण के लोगों को यह एहसास होते रहे कि सुभाष चंद्र बोस जैसे क्रांतिकारियों की वजह से ही हमें आजादी मिली है और इस आजादी को हम बनाए रखें। युवा जागरण मंच के अध्यक्ष दीपेश सिंह ने बताया कि बहुत जल्द उस जगह पर सुभाष चंद्र बोस की प्रतिमा लगा दी जाएगी। महारानी जानकी कुंवर महाविद्यालय के छात्रसंघ के छात्रों का कहना है कि ने गुलामी की इस आखिरी निशानी को तोड़कर हमें बहुत खुशी मिल रही है। अगर ऐसा कोई भी मूर्ति पूरे बिहार में किसी को  दिखाई दे तो उस गुलामी के प्रतीक को तोड़ देंगे।
image
COPYRIGHT @ 2016 DESHWANI. ALL RIGHT RESERVED.DESIGN & DEVELOPED BY: 4C PLUS