बिहार
बेतिया : समाज सेवी आगे आते तो इलाज के लिए बाप को बेंचना नहीं पड़ता कलेजे का टुकड़ा
By Deshwani | Publish Date: 2/12/2017 11:00:00 PMबेतिया। रूमा तिवारी की रिपोर्ट।
बेतिया। समाज का कोई अगुआ 70 लोगों को अह्वान करता तो एक-एक हजार मिलाकर 70 हजार जुटा लिए जाते। ऐसा होता तो विकसित हो रहे हमारे समाज पर आज यह तोहमत नहीं लगता। दुनियाभर के लोग ये व्यंगयवाण नहीं छांड़ पाते कि सभ्य व विकसित समाज के होते बेतिया में एक लाचार बाप को पैर के इलाज के लिए अपने छह मांह के दुधमुहे बच्चे को बेचना पड़ा। हालांकि यहां की नगर पुलिस ने त्वरित कर्रवाई करते हुए। इसमें संलिप्त दो लोगों को दबोच लिया। मासूम बच्चे को 10 घंटे के भीतर ढूंढ़ निकाला है। फिर भी संवेदनशील लोगों को इस वाक्या पर गहन मंथन को मजबूर कर दिया है।
बच्चा मिला, खरीदार व विचौलिए गिरफ्तार
बच्चे को खरीदने के आरोप में मैनाटाड़ के बौद्ध बरवा निवासी होमगार्ड जवान बृजमोहन प्रसाद व विचौलिये आरोप में शिकारपुर के प्रमोद प्रसाद। अपने बच्चे को पैर के इलाज के लिए बेचने को मजबूर हुए लौरिया के मिश्र टोला निवासी नन्हू राम। दरअसल ट्रेन दुर्घटना में घायल हो गये थे। लोगों ने कुछ चंदा इकट्ठे किए और इन्हें भर्ती कराया गया। लिहाजा पैसों की कमी से इनके पैर का प्रोपर इलाज नहीं हो पा रहा था। चिकित्सकों के अनुसार इनका पैर सड़ने लगा था। सर्जरी के लिए ज्यादा रुपयों की जरूरत आ पड़ी। इस बीच इनकी पत्नी का भी देहान्त हो गया। तब इन्हें कुछ नहीं सूझ रहा था। कलेजे पर पत्थर रख इन्होंने अपने मासूम तक को बेंच देने का कठोर फैसला लेना पड़ा। प्रसाशन को जब सूचना मिली तो आनन-फानन में कार्रवाई शुरू की। पुलिस ने 10 घंटे के भीतर बच्चे को ढूंढ़ निकाला। आरोपियों को भी दबोच लिया। जिन्होंने लाचार बाप के मजबूरी का फायदा उठाने की कोशिश की थी। पुलिस अधीक्षक विनय कुमार ने दोनों आरोपियों की गिरफ्तारी व बच्चे के मिलने की पुष्टि की है।