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कंट्रावर्सी वाले नेता का एक तरफा सफर
By Deshwani | Publish Date: 27/7/2019 4:14:15 PM
कंट्रावर्सी वाले नेता का एक तरफा सफर

नई दिल्ली संगीता कुमारी । आजादी के एक वर्ष बाद पाकिस्तान की आजादी के साथ आजम खान भारत भूमि के उत्तर प्रदेश के रामपुर में अपना हर वर्ष जन्मोत्सव मनाते हैं। कट्टर मुस्लिम व्यक्त्तिव वाले आजम खान का जन्म हिंदू के देवता ‘राम’ के नाम पर रामपुर स्थान में हुआ था। दिखने में शांत सरल सहज मगर वाणी में अपने चुनावी विरोधियों के लिये अक्सर भयंकर कटुता अभिव्यक्त करते आये हैं। इन्हीं कटु वाक्यों के कारण आजम खान अपने विरोधियों के निशाने पर भी रहते हैं। वकालत की पढ़ाई करने के बाद भी उचित शब्दों के चयन करने में चूक जाते हैं। कहीं ऐसा तो नहीं कि जानबूझकर बेवजह की कंट्रावर्सी में फँसकर नाम कमाते हैं। 

 
युवावस्था से ही इनकी राजनीति में रुचि रही है। अपने आपको धर्मनिर्पेक्ष बताने वाले आजम खान एक धर्म विशेष के नेता के रूप में अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी में पढ़ाई के दौरान ही उभर कर आ गये। लगभग बत्तीस वर्ष की आयू में पहली बार राज्य   विधानसभा में अपनी जीत दर्ज करा चुके थे। सन १९८० से इनका मुस्लिम नेता के रूप में अभी तक सफर कायम है। ९ बार विधायक व ५ बार सांसद रहने के साथ अपनी सुविधानुसार दल भी बदलते रहे। लोकदल, जनता दल, जनता पार्टी व समाजवादी पार्टी से नाता जोड चुके नेता अभी तक अपनी जुवान पर लगाम नहीं लगा पाये हैं। 
 
सन १९९२ में सपा की टिकट से इन्होंने चुनाव जीतकर सपा के मजबूत मुस्लिम नेता बन गये थे। सत्ताईस वर्षों से समाजवादी पार्टी से इनका घनिष्ठ नाता जुड़ चुका है। इनकी सबसे बड़ी कमजोरी यही रही कि यह ‘जनता के नेता’ ना होकर केवल ‘मुस्लिम नेता’ बनकर रह गये। सपा सरकार में केवल मुस्लिम वोट के नेता...
कोई भी विशेष बात पर अपनी बेतुकी बयानी करके इन्होंने भारत में रहकर केवल मुस्लिम- मुस्लिम करके भेदने की राजनीति की है। इनके ऐसे बयानों से भारतीय समाज में रह रहे सभ्य मुस्लिम भाई बहनों को भी शर्मिंदा होना पड़ता है। रामजन्मभूमि व शहीदों पर भी इनके बोले गये अपशब्द बोलियों पर इनकी खिल्ली उड़ चुकी है। कांग्रेसी नेताओं पर भी उल्टे सीधे बयानों की गठरी खोल चुके हैं। इस बार के लोकसभा चुनाव में फिल्म अभिनेत्री जया प्रदा पर बहुत ही शर्मनाक बयानवाजी कर गये थे। उनके निजी अंग वस्त्र के रंग पर घिनौना कटाक्ष कर रहे थे। शर्म आती है यह सोचकर भी कि कोई व्यक्ति कैसे सार्वजनिक सभा में  किसी महिला पर इतनी अभद्र टिप्पणी कर सकता है! सोचने पर मजबूर हो जाती है जनता अगर व्यक्ति सार्वजनिक भाषणों में इतना आग उगल सकता है तो बंद कमरे में कितना बोलता होगा!  वर्तमान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तो इनके निशाने पर हमेशा ही रहते हैं। मोदी जी पर निजी हमले बहुत कर चुके हैं। आश्चर्य होता है कि इतनी ज्यादा फालतू अभद्र टिप्पणी करने के बावजूद आजम खान इस बार फिर रामपुर से चुनाव जीत गये हैं। 
 
आजम खान जी शेर ओ शायरी में कुछ ज्यादा ही रुचि रखते हैं इसलिये तो कई बार संसद में भी शायरी कर जाते हैं। अब फिर २५ जुलाई २०१९ संसद में महिला पर अभद्र टिप्पणी करते हुए चर्चा में हैं। रमा देवी सिवहर बिहार से सांसद हैं। उन पर आजम जी ने शायरी पढ़ना शुरू कर दिया ‘इधर उधर...इतनी अच्छी लगती हैं कि आँखों में आँखें...’आदि आदि। 
 
देश का पवित्र स्थल जनता की समस्याओं पर क्या चर्चा करेगा? वह तो बयानों पर बहस करने लगा। आखिर बेवजह बहस की वजह आजम खान ने क्यों दी? देश की जनता के धन से संसद चलता है। संसद में पक्ष विपक्ष को जन हित से सम्बंधित समस्यायें उठानी चाहिये कि इस तरह के बेतुकी बातों पर समय खर्च करना चाहिये? ऐसे मुद्दे जनहित मुद्दों से जनता की सोच दूर कर देती है। काश! कि आजम जी जनता के दर्द से भरे मुद्दे अपनी बुलंद आवाज में उठाते आते तो वह देश के जनप्रिय नेता कहलाते ना कि कंट्रावर्सी वाले नेता जी...
 
 सबसे बड़ी विडम्बना है कि अपनी गल्ती भी नहीं स्वीकारते हैं माफी भी नहीं माँगते हैं। आजम खान गलत मुद्दों को और भी हवा देने के लिये छोड देते हैं। एकाध दल को छोड़कर सभी विपक्षी पार्टियाँ आजम खान के द्द्वारा रमा देवी जी पर किये गये अभद्र टिप्पणी पर विरोध कर रहे हैं। अपने राजनैतिक कैरियर में जमीन घोटालों में भी इनके ऊपर करावाई चल रही है। केवल मुस्लिम नेता बनकर भी तो इन्होंने मुस्लिम भाई बहनों के साथ न्याय नहीं किया। धर्म के नाम पर जनता भी कब तक ठगी जा सकती है? सबका सही विकल्प सही समय पर मिल ही जाता है...
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