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गोरखपुर हादसे पर भावुक हुए योगी, कहा-यह सियासत नहीं संवेदना का मामला है
By Deshwani | Publish Date: 13/8/2017 4:12:40 PM
गोरखपुर हादसे पर भावुक हुए योगी, कहा-यह सियासत नहीं संवेदना का मामला है

 गोरखपुर,  (हि.स.)। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ रविवार को गोरखपुर मेडिकल कॉलेज के निरीक्षण के बाद मीडिया के सामने भावुक हो गए। पत्रकारों के सवालों का जवाब देते हुए उन्होंने कहा कि यहां जो घटना हुई है वह अति संवेदनशील मामला है, उस पर सियासत करना ठीक नहीं। 

मेडिकल कॉलेज में हुई मौतों पर कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद के बयान पर पलटवार करते हुए योगी ने कहा कि कांग्रेस और उस पार्टी के नेता संवेदनहीन हैं। उन्होंने कहा कि इंसेफेलाइटिस से मैं 1996 से लड़ रहा हूं। जब गुलाम नबी आजाद केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री थे, यहां का सांसद होने के नाते मैंने उनसे गोरखपुर समेत पूरे पूर्वांचल में फैले इंसेफेलाइटिस के कहर के बारे में अनुरोध किया तो उन्होंने कुछ भी करने से साफ मना कर दिया था। उस समय उन्होंने कहा था कि यह राज्य का मामला है, इसमें मैं कुछ भी नहीं कर सकता। आज वही गुलाम नबी आजाद यहां आकर सियासत कर रहे हैं। 

योगी ने कहा कि कांग्रेस के लोग संवेदनहीन हैं। ये लोग बच्चों की मौत पर भी सियासत करते हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि इंसेफेलाइटिस और उसके कहर के बारे में मुझसे अधिक कौन जानता है। मैंने अपनी आंखों के सामने बच्चों को मरते देखा है। योगी यह वक्तव्य देते हुए भावुक हो गए। उनकी आंखों में आंसू आ गए। 

मुख्यमंत्री ने कहा कि यहां की घटना से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी काफी दुखी हैं। उन्होंने केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा को भेजा है। पत्रकारों से वार्ता के दौरान जेपी नड्डा ने बताया कि योगी ने सांसद के रूप में संसद में इंसेफेलाइटिस के बारे में बार-बार सवाल उठाया है। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार पूर्वांचल से इंसेफेलाइटिस को खत्म करने के लिए प्रदेश सरकार को हर मदद देने के लिए तैयार हैं। उन्होंने गोरखपुर में क्षेत्रीय मेडिकल रिसर्च सेंटर भी खोलने की बात कही।

पूर्व में योगी आदित्यनाथ ने जेपी नड्डा के साथ मेडिकल कॉलेज के वार्डों में जाकर निरीक्षण किया। उन्होंने वहां भर्ती मरीजों और उनके परिजनों से भी बात की। इसके बाद उन्होंने बंद कमरे में अधिकारियों के साथ बैठक कर वस्तुस्थिति जानी। सूत्रों का कहना है कि बैठक के दौरान मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को जमकर फटकारा।

गौरतलब है कि ऑक्सीजन की आपूर्ति बंद होने के कारण पिछले दिनों अस्पताल में भर्ती 60 से अधिक मरीजों की मौत हो गई। इस घटना के बाद पूरे प्रदेश में हड़कंप मचा हुआ है। विपक्ष के लोग इस मामले में मुख्यमंत्री का इस्तीफा भी मांग रहे हैं। शनिवार को प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री सिद्धार्थनाथ सिंह और चिकित्सा शिक्षा मंत्री आशुतोष टंडन मेडिकल कॉलेज पहुंचे थे। प्रारम्भिक जांच में कॉलेज के प्रधानाचार्य डॉ. आरके सिंह की लापरवाही सामने आई थी। इसके बाद चिकित्सा शिक्षा मंत्री ने उन्हें तत्काल प्रभाव से निलम्बित कर दिया था। 

मुख्यमंत्री ने मामले की जांच के लिए मुख्य सचिव की अध्यक्षता में एक उच्च स्तरीय कमेटी भी गठित कर दी है। योगी ने बताया कि कमेटी जल्द ही अपनी जांच रिपोर्ट देगी जिसके बाद दोषियों के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई की जाएगी। इस बीच शासन ने राजकीय मेडिकल कॉलेज, अम्बेडकरनगर के प्रधानाचार्य डॉ. पीके सिंह को बीआरडी मेडिकल कॉलेज का कार्यवाहक प्रधानाचार्य नियुक्त कर दिया है।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पत्रकार वार्ता के दौरान आज फिर मीडिया से अपील की कि वे फेक रिपोर्टिंग से बचें, वार्ड में जाएं और हकीकत जानें फिर लिखें। योगी ने शनिवार शाम को भी लखनऊ में पत्रकारों से अनुरोध किया था कि गोरखपुर का मामला संवेदनशील है, इसलिए वहां के बारे में समाज के सामने सही तथ्य आना चाहिए। 

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