कुशीनगर: गंडक का जलस्तर बढ़ने से दियारा में सैलाब, घर-सामान छोड़कर जान बचाने में जुटे लोग
कुशीनगर। भानु तिवारी। गंडक नदी के खतरे का निशान पार कर जाने से ब्लॉक के दर्जन भर गांवों में बाढ़ का पानी घरों में भर गया है। बाढ़ प्रभावित लोग घर व सामान छोड़कर जान बचाने के लिए सुरक्षित स्थान के लिए निकल रहे हैं। बाढ़ प्रभावितों के लिए बारिश भी बड़ी मुसीबत बनी हुई है।
खड्डा तहसील के गांव मरचहवा, बसंतपुर, शिवपुर, हरिहरपुर, नरायनपुर, बकुलादह, शाहपुर, विन्ध्याचलपुर, बालगोविंद छपरा, सालिकपुर, महदेवा आदि में सोमवार की रात में ही पानी भरने लगा। लगभग चार हजार लोग बाढ़ में घिर गए हैं। मंगलवार को मरचहवा दक्षिण टोला के लोगों ने छोटी नाव के सहारे जान जोखिम में डालकर दो किलोमीटर दूर सोहगीबरवा जाना शुरू कर दिया है। गांव में पानी का धारा बह रही है। लोग मचान व छप्पर आदि पर शरण लिए हैं। सालिकपुर व महदेवा गांव में सड़क पर कमर तक पानी बह रहा है। गंडक नदी में लगातार डिस्चार्ज बढ़ने से एपी बांध और नरवाजोत बांध पर खतरा बढ़ गया है। मंगलवार सुबह बाढ़ खंड के अभियंताओं के साथ एसडीएम ने एपी बांध पर बाढ़ व कटान का जायजा लिया। अभियंताओं को हर समय सतर्क रहने का निर्देश दिया।
एपी बांध के अहिरौलीदान, पिपराघाट और जंगलीपट्टी में 104 करोड़ की लागत से चल रहे बचाव कार्यों के बाद भी बांध की सुरक्षा पर खतरा मंडराने लगा है। एपी बांध पर बिन टोली, पिपराघाट, जंगलीपट्टी, घघवा जगदीश, चैन पट्टी, जवही दयाल, विरवट कोन्हवलिया, बाकखास, बाघाचौर,नोनियापट्टी, कचहरी टोला व अहिरौलीदान के सामने दबाव बढ़ गया है। बाढ़ खंड के सहायक अभियंता एसके प्रियदर्शी, जेई चंद्रप्रकाश, संजय मौर्य, श्रीराम यादव, नवीन शुक्ल, राजेश सिंह, राकेश कुमार सहित अन्य अभियंता मंगलवार को पूरे दिन एपी बांध की निगरानी में जुटे रहे। तहसीलदार रामप्यारे ने बताया कि बाढ़ शरणालय अहिरौलीदान में नायब तहसीलदार विकास कुमार सिंह, बाढ़ सहायता केंद्र जंगलीपट्टी में नायब तहसीलदार आशीष कुमार गुप्ता, बाढ़ चौकी सेवरही में राजस्व निरीक्षक प्रमोद कुमार श्रीवास्तव, साधन सहकारी समिति बेदूपार में प्रभारी राजस्व निरीक्षक जयंत गुप्ता की तैनाती कर दी है। इसके अलावा अहिरौलीदान, बेदुपार, जंगलीपट्टी, फागू छापर, बाक खास, बाघाचौर, परसौनी सुमाली, पिरोजहा, सेवरही, राजपुर बगहा, विरवट कोन्हवलिया, पिपराघाट, राजपुर खास आदि सभी बाढ़ सहायता केंद्रों पर सम्बंधित लेखपालों की ड्यूटी लगा दी गई है।
एसडीएम एआर फारुकी ने बताया कि एपी बांध के संवेदनशील स्थानों पर अतिरिक्त सतर्कता बरती जा रही है। प्रशासन आपात स्थिति से निपटने की तैयारी में जुटा है। सैकड़ों गांवों पर मंडरा रहा खतर गंडक का जलस्तर बढ़ने से अमवा तटबंध के किनारे बसे गांवों में बाढ़ का खतरा मंडराने लगा है। अमवा तटबंध पर बरवापट्टी के सामने कई दिनों से हो रही कटान ने ग्रामीणों की चिंता और बढ़ा दी है।
अधिकांश लोग अपने सामान सुरक्षित स्थान पर भेजने में लगे हैं। बरवापट्टी व खैरटिया गांव के अगल-बगल पानी भर गया है। ग्रामीणों का कहना है कि बरवापट्टी के पास स्पर पर हो रही कटान नहीं रुकी तो सीधे अमवा खास तटबंध प्रभावित होगा। अगर बांध टूटता है तो दुदही क्षेत्र के 50 से अधिक गांव बाढ़ की चपेट में आ जाएंगे। पिपराघाट व अहिरौलीदान के लोगों की बढ़ी दिक्कत तमकुहीरोड। मंगलवार से एक बार फिर पिपराघाट के एक दर्जन से अधिक पुरवा तो अहिरौलीदान ग्राम सभा के डीह टोला व खैरखुटा टोले में पानी बढ़ने लगा। कई घरों व स्कूलों में पानी भर गया है। संजय सिंह, ध्रुव निषाद, सुरेन्द्र सिंह, प्रभुनाथ यादव, सकलदेव सिंह, राजकुमार, विक्रमा, संतलाल बैठा, नथुनी यादव, माया देवी आदि का कहना है कि नाव के अलावा तहसील प्रशासन ने कोई व्यवस्था नहीं की है।
बिहार प्रशासन ने जारी किया अलर्ट, बढ़ी निगरानी तमकुहीरोड। गंडक नदी के बढ़ते जलस्तर के कारण सीमावर्ती बिहार के गोपालगंज जिले में भी बाढ़ व कटान का खतरा बढ़ गया है। गोपालगंज जिला प्रशासन ने अलर्ट जारी करते हुए निचले हिस्सों में रहने वाले सभी लोगों को सुरक्षित स्थान पर चले जाने का निर्देश दिया है। सिंचाई विभाग के अभियंताओं के साथ एनडीआरएफ की टीम को भी सतर्क कर दिया गया है। अहिरौलीदान के आगे बिहार प्रांत विशुनपुर तक लगभग 8.200 किमी लंबे गाइड बांध का निर्माण कराया है।
पानी बढ़ने से कुचायकोट प्रखंड के भसही, काला मटिहिनिया, भगवानपुर, विसंभरपुर, खेम मटिहिनिया, शलैपुर, दुर्ग मटिहिनिया, बिशुनपुर सहित दो दर्जन से अधिक गांवों के साथ यूपी के फागु छापर, मठिया श्रीराम, खैरटिया आदि गांवों पर खतरे को देखते हुए गोपालगंज जिला प्रशासन ने अलर्ट जारी कर दिया है। गोपालगंज के एसपी मनोज कुमार तिवारी, सिंचाई विभाग के कार्यपालक अभियंता महेश्वर शर्मा और सदर सीओ विजय कुमार सिंह आदि को बांधों पर चौकसी बढ़ाने तथा संभावित प्रभावित लोगों के लिए भोजन, दवा आदि के इंतजाम का निर्देश दिया गया है। गोपालगंज के डीएम अरसद अजीज ने बताया कि वाल्मीकिनगर बैराज से छोड़े गए पानी का असर क्षेत्र में बुधवार से दिखना शुरू हो जायेगा। इसको देखते हुए लोगों को सुरक्षित स्थान पर भेजा जा रहा है। एनडीआरएफ के साथ सभी सुरक्षा एजेंसियों को सतर्क कर दिया गया है।