राजस्थान। बीकानेर में 275 बीघा जमीन खरीद फरोख्त के मामले रॉबर्ट वाड्रा व मोरिन वाड्रा को ईडी के सामने पेश होना पड़ेगा। राजस्थान हाईकोर्ट कोर्ट ने आज स्काईलाइट हॉस्पिटेलिटी लिमिटेड की याचिका पर सुनवाई करते हुए रॉबर्ट वाड्रा व मोरिन वाड्रा को ईडी के सामने को ईडी के सामने पेश होने के आदेश दिया है। मामले की सुनवाई जस्टिस पुष्पेंद्र सिंह भाटी की अदालत में हुई।
सुनवाई के दौरान कोर्ट में केंद्र सरकार की ओर से एडिशनल सॉलिसिटर जनरल आरडी रस्तोगी ने पक्ष रखा। जबकि याचिकाकर्ता कंपनी की ओर से कुलदीप माथुर विकास बालिया ने केस की पैरवी की। कोर्ट की कार्यवाही के दौरान एडिशनल सॉलिसिटर जनरल आरडी रस्तोगी ने कहा कि यह कोई एफआईआर नहीं है और ना ही कोई इस मामले में आरोपी है। यह महज एक शिकायत पर की गई जांच है, जिसे रोका नहीं जा सकता।
कोर्ट ने राजदीप रस्तोगी की इस दलील के बाद कंपनी और उसके पार्टनर के लिए जारी किए गए अपने नो कोर्सिव एक्शन के आदेश को स्थगित कर दिया और कंपनी के सभी पार्टनर्स को ईडी के समक्ष पेश होने के आदेश दे दिया।
हालांकि कोर्ट ने भले ही नो कोर्सिव एक्शन के आदेश को स्थगित कर दिया लेकिन गिरफ्तारी पर रोक जारी रखी। वहीं एएसजी रस्तोगी ने कोर्ट से यह अपील करते हुए कहा कि गिरफ्तारी के लिए भी रास्ता खुला रखा जाए। जिस पर कोर्ट ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि आवश्यकता पड़ी तो वह एक अर्जी दाखिल कर कोई आदेश ले सकते हैं।
वहीं इस कंपनी के अधिवक्ता कुलदीप माथुर ने कोर्ट को बताया कि जांच में सहयोग देने के लिए उनके मुवक्किल तैयार है लेकिन उनके बच्चे का इंग्लैंड के अस्पताल में घुटनों का ऑपरेशन है। जिसको सुनने के बाद कोर्ट ने यह स्वतंत्रता दी कि दोनों पक्षों के अधिवक्ता मिलकर तारीख तय कर लें। कोर्ट के आदेश के बाद यह तय किया गया कि अब आगामी 12 फरवरी को कंपनी के सभी पार्टनर्स को ईडी के सामने पेश होकर जांच में सहयोग करना पड़ेगा।
गौरतलब है कि रॉबर्ट वाड्रा के बीकानेर के कोलायत क्षेत्र में 275 बीघा जमीन खरीद के मामले में ईडी में जांच चल रही है। इसी मुद्दे पर एएसजी रस्तोगी ने कोर्ट में कहा कि वाड्रा ने अपने पार्टनर मोरीन वाड्रा को एक चेक दिया जिसके द्वारा बिचौलिए महेश नागर ने अपने ड्राइवर के नाम जमीन खरीदा. आरडी रस्तोगी ने कोर्ट के सामने अपना पक्ष रखते हुए यह कहा कि यह बड़ धोटाला है और इसकी जांच होनी चाहिए।