मुंबई। देश की आर्थिक राजधानी मुंबई में डांस बार पर रोक हट गई है इस बारे में सुप्रीम कोर्ट का फैसला आया था जिसके मुताबिक डांसर को अलग से टिप नहीं दी जा सकती है और ना ही डांसर पर पैसे उछाले जा सकते हैं। इसके साथ ही कोर्ट ने बार में कैमरे लगाने को भी अनुचित ठहराते हुए कहा है कि इससे लोगों की प्राइवेसी यानि उनके निजता के अधिकार का हनन होगा।
महाराष्ट्र में फिर से डांस बार खोलने का मार्ग प्रशस्त करने वाले सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद राज्य सरकार इसे रोकने के लिए एक अध्यादेश लाने पर विचार कर रही है। सुप्रीम कोर्ट ने डांस बार को लाइसेंस देने और उनके संचालन पर प्रतिबंध लगाने वाले 2016 के एक कानून के कुछ प्रावधानों को रद्द करते हुए कहा कि इन पर 'नियमन' हो सकते है लेकिन 'पूर्ण प्रतिबंध' नहीं।
वरिष्ठ मंत्री सुधीर मुंगंतीवार ने बताया कि राज्य के सांस्कृतिक तानेबाने की रक्षा करने के लिए राज्य सरकार डांस बारों को फिर से खोलने से रोकने के लिए अध्यादेश लाने पर विचार कर रही है। मुंगंतीवार ने कहा कि राज्य सरकार सुप्रीम कोर्ट के फैसले का सम्मान करती है लेकिन वह अपने रुख पर कायम है कि डांस बार को खुलने नहीं दिया जा सकता।
वित्त एवं योजना मंत्री ने बताया कि अगले सप्ताह राज्य मंत्रिमंडल की साप्ताहिक बैठक में मुद्दे पर विस्तार से चर्चा की जाएगी। उन्होंने कहा, 'लोगों के हित में और राज्य के सांस्कृतिक तानेबाने की रक्षा के लिए हम डांस बार खुलने से रोकने के लिए अध्यादेश लाने से भी नहीं हिचकिचाएंगे।'
उन्होंने कहा, 'एक बार जब हमें अदालत का आदेश मिल जाएगा तो हमारे वकील इसका अध्ययन करेंगे और उनकी सिफारिशों के आधार पर हम अगले दो सप्ताह में एक अध्यादेश लाएंगे जिसके तहत मौजूदा कानून में संशोधन और उसे मजबूत किया जाएगा।' यह पूछने पर कि क्या ऐसा अध्यादेश उच्चतम न्यायालय के आदेश का उल्लंघन करेगा, इस पर मंत्री ने कहा कि अदालत के आदेश डांस बार के पक्ष में हैं। उन्होंने कहा, 'सभी दल डांस बार के खिलाफ एक कानून के लिए एक साथ आए थे। हम इस बार भी ऐसा करेंगे।'