नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने बुधवार को महात्मा गांधी की 150वीं जयंती के अवसर पर कारागारों से कैदियों को विशेष माफी देने के प्रस्ताव को मंजूरी दी है। ऐसे कैदियों को विशेष माफी नहीं दी जाएगी जो मृत्युदंड की सजा काट रहे हैं अथवा जिनकी मृत्युदंड की सजा को आजीवन कारावास में बदल दिया गया है। इसके अलावा दहेज मृत्यु, बलात्कार, मानव तस्करी और पोटा, यूएपीए, टाडा, एफआईसीएन, पोस्को एक्ट, धन शोधन, फेमा, एनडीपीएस, भ्रष्टाचार रोकथाम अधिनियम आदि के दोषियों को भी इसमें शामिल नहीं किया गया है।
इस दौरान जिन कैदियों को विशेष माफी दी जाएगी और उन्हें तीन चरणों में रिहा किया जाएगाः-
पहले चरण में कैदियों को 02 अक्टूबर, 2018 (महात्मा गांधी की जयंती) को रिहा किया जाएगा।
दूसरे चरण में कैदियों को 10 अप्रैल, 2019 (चम्पारण सत्याग्रह की वर्षगांठ) को रिहा किया जाएगा।
तीसरे चरण में कैदियों को 02 अक्टूबर, 2019 (महात्मा गांधी की जयंती) को रिहा किया जाएगा:-
इन्हें मिलेगी विशेष माफी
1.महिला कैदी जिसकी आयु 55 वर्ष या इससे अधिक हो और जिसने अपनी 50 फीसदी वास्तविक सजा अवधि पूरी कर ली हो।
2.ऐसे किन्नर कैदी जिसकी आयु 55 वर्ष या इससे अधिक हो और जिसने अपनी 50 फीसदी वास्तविक सजा अवधि पूरी कर ली हो।
3.ऐसे पुरुष कैदी जिसकी आयु 60 वर्ष या इससे अधिक हो और जिसने अपनी 50 फीसदी वास्तविक सजा अवधि पूरी कर ली हो।
4.ऐसे दिव्यांग/शारीरिक रूप से 70 प्रतिशत या इससे अधिक अक्षमता वाले कैदी जिसने अपनी 50 फीसदी वास्तविक सजा अवधि पूरी कर ली हो।
5.ऐसे दोष सिद्ध कैदी जिसने अपनी दो तिहाई (66%) वास्तविक सजा अवधि पूरी कर ली हो।
गृह मंत्रालय सभी पात्र कैदियों के मामलों की पहचान के लिए सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को परामर्श जारी करेगा। राज्य सरकार और केंद्र शासित प्रदेश प्रशासन को इन मामलों की जांच के लिए एक समिति गठिन करने की सलाह दी जाएगी। राज्य सरकार इस समिति की सिफारिशों को राज्यपाल के पास विचार और संविधान की धारा 161 के तहत मंजूरी के लिए भेजेगी। मंजूरी मिलने के बाद कैदियों को 02 अक्टूबर 2018, 10 अप्रैल 2019 और 02 अक्टूबर 2019 को रिहा किया जाएगा।