काठमांडू, (हि.स.)। बिम्सटेक सम्मेलन से इतर विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने अपने भूटानी समकक्ष दामचो दोरजी से यहां शुक्रवार को मुलाकात की। मुलाकात के दौरान दोनों नेताओं ने डोकलाम मुद्दे पर चर्चा की, जहां भारत-भूटान और चीन के बीच गतिरोध बना हुआ है।
सुषमा के साथ बैठक के बाद भूटानी विदेश मंत्री दोरजी ने कहा, “हमें उम्मीद है कि डोकलाम में हालात को शांतिपूर्णक और आपसी सौहार्द से सुलझा लिया जाएगा।” डोकलाम विवाद पैदा होने के बाद दोनों देशों के विदेश मंत्रियों की यह पहली बैठक थी। यह बैठक उस समय सामने आई है, जब डोकलाम मसले को लेकर चीन अपनी मीडिया और विदेश मंत्रालय के जरिए लगातार भारत को धमकियां दे रहा है।
चीनी मीडिया लगातार धमकी दे रही है कि अगर भारत ने डोकलाम से अपनी सेना पीछे नहीं हटाई, तो उसको खामियाजा भुगतना पड़ेगा। इससे पहले भूटान सरकार ने डोकलाम मामले पर भारत को सही ठहराते हुए चीन के उस दावे को सिरे से खारिज कर दिया, जिसमें उसने कहा था कि सिक्किम सेक्टर पर स्थित डोकलाम उसका (चीन) हिस्सा नहीं है।
विदित हो कि चीन ने झूठा दावा किया था कि भूटान ने उसको राजनयिक चैनल के जरिए जानकारी दी कि डोकलाम चीन का हिस्सा है। भूटान के इस बयान से भारत के उस दावे को बल मिला, जिसमें कहा गया कि भूटान के क्षेत्र में चीन जबरन सड़क बना रहा है।
उल्लेखनीय है कि गत 29 जून को भूटान विदेश मंत्रालय ने इस संबंध में प्रेस विज्ञप्ति भी जारी किया था जिसमें कहा गया था कि चीन भूटान के भूभाग पर सड़क बना रहा है, जो सीमा समझौते का खुलेआम उल्लंघन है। इससे सीमा पर शांति एवं व्यवस्था बनाने की प्रक्रिया प्रभावित होगी।