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गृहमंत्री अमित शाह ने कहा- राजीव गांधी फाउंडेशन ने 2005 से 2007 तक एक करोड़ 45 लाख अनुदान चीनी दुतावास से लिया
By Deshwani | Publish Date: 13/12/2022 10:00:00 PM
गृहमंत्री अमित शाह ने कहा- राजीव गांधी फाउंडेशन ने 2005 से 2007 तक एक करोड़ 45 लाख अनुदान चीनी दुतावास से लिया

नई दिल्ली। 9 दिसंबर, 2022 को अरुणाचल प्रदेश के तवांग सेक्टर में हमारी सीमा पर हुई एक घटना के बारे में सदन को रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने जानकारी दी। उन्होंने सदन को आश्वस्त किया कि हमारी सेनाएं हमारी क्षेत्रीय अखंडता के लिए प्रतिबद्ध हैं और इस तरह के किसी भी प्रयास को विफल करती रहेंगी। कहा कि उन्हें विश्वास है कि पूरा सदन हमारे सैनिकों के साहसिक प्रयासों का समर्थन करने के लिए एकजुट होकर खड़ा होगा। 


इधर गृहमंत्री अमित शाह ने आरोप लगाया है कि विपक्ष राजीव गांधी फाउंडेशन द्वारा विदेशी अंशदान नियमन कानून के उल्लंघन के सवाल से बचने के लिए भारत-चीन झड़प का मुद्दा उठा रहा है। उन्होंने संवाददाताओं से बातचीत करते हुए कहा कि राजीव गांधी फाउंडेशन को 2005 से 2007 के दौरान चीनी दूतावास से एक करोड़ 45 लाख रूपये का अनुदान मिला था।


रक्षामंत्री श्री सिंह ने सदन को बताया कि 9 दिसंबर, 2022 को पीएलए सैनिकों ने तवांग सेक्टर के यांग्त्से क्षेत्र में वास्तविक नियंत्रण रेखा का अतिक्रमण करने और एकतरफा तरीके से यथास्थिति को बदलने का प्रयास किया। हमारे सैनिकों ने दृढ़ता और संकल्प के साथ चीन के प्रयास का विरोध किया। फलस्वरूप आमने-सामने की हाथापाई हुई जिसमें भारतीय सेना ने बहादुरी से हमारे क्षेत्र में उन्हें अतिक्रमण करने से रोका और अपनी चौकियों पर लौटने के लिए बाध्य किया। इस झड़प में दोनों ओर के कुछ सैनिकों को चोटें आई हैं। मैं इस सदन के साथ यह साझा करना चाहता हूं कि हमारी ओर से कोई हताहत या गंभीर रूप से हताहत नहीं हुआ है।


भारतीय सैन्य कमांडरों के समय से हस्तक्षेप के कारण पीएलए सैनिक अपने ठिकानों पर वापस चले गए। घटना की फोलोअप कार्रवाई के रूप में क्षेत्र में स्थानीय कमांडर ने अपने समकक्ष के साथ इस विषय पर स्थापित व्यवस्था के अनुसार चर्चा करने के लिए 11 दिसंबर, 2022 को फ्लैग मीटिंग की। चीनी पक्ष से इस तरह की हरकतों से बाज आने तथा सीमा पर शांति बनाए रखने को कहा गया। राजनयिक माध्यमों से भी इस विषय को चीनी पक्ष के साथ उठाया गया है।


रक्षामंत्री श्री सिंह ने कहा- इस सदन को आश्वस्त करना चाहता हूं कि हमारी सेनाएं हमारी क्षेत्रीय अखंडता के लिए प्रतिबद्ध हैं और इस तरह के किसी भी प्रयास को विफल करती रहेंगी। मुझे विश्वास है कि पूरा सदन हमारे सैनिकों के साहसिक प्रयासों का समर्थन करने के लिए एकजुट होकर खड़ा होगा। जय हिंद !”

 
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