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प्रधानमंत्री ने तमिलनाडु में 11 नए मेडिकल कॉलेजों और सीआईसीटी के एक नए परिसर का उद्घाटन किया
By Deshwani | Publish Date: 12/1/2022 10:17:11 PM
प्रधानमंत्री ने तमिलनाडु में 11 नए मेडिकल कॉलेजों और सीआईसीटी के एक नए परिसर का उद्घाटन किया

दिल्ली। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने आज वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से तमिलनाडु में 11 नए मेडिकल कॉलेजों और केंद्रीय शास्त्रीय तमिल संस्थान (सीआईसीटी) के एक नए परिसर का उद्घाटन किया। इस अवसर पर केंद्रीय मंत्री डॉ मनसुख मंडाविया, डॉ एल. मुरुगन और डॉ. भारती पवार, तमिलनाडु के मुख्यमंत्री श्री एम. के. स्टालिन उपस्थित थे। सभा को संबोधित करते हुए, प्रधानमंत्री ने कहा कि 11 मेडिकल कॉलेजों के उद्घाटन और केंद्रीय शास्त्रीय तमिल संस्थान के नए भवन का उद्घाटन होने से हमारे समाज को स्वास्थ्य सुविधा मिलने के साथ-साथ हमारी संस्कृति के साथ हमारा संबंध मजबूत हो रहा है।






प्रधानमंत्री ने कहा कि डॉक्टरों की कमी बहुत लंबे समय से एक मुद्दा बनी हुई है और वर्तमान सरकार ने इस महत्वपूर्ण कमी को दूर करने को प्राथमिकता दी है। उन्होंने कहा कि 2014 में देश में 387 मेडिकल कॉलेज थे। पिछले सात सालों में ही यह संख्या बढ़कर 596 मेडिकल कॉलेज हो गई है। यह 54 प्रतिशत की वृद्धि है। 2014 में, भारत में लगभग 82 हजार मेडिकल स्नातक और स्नातकोत्तर सीटें थीं। पिछले सात सालों में यह संख्या बढ़कर करीब 1 लाख 48 हजार सीटों तक पहुंच गई है। यह लगभग 80 प्रतिशत की वृद्धि है। उन्होंने कहा कि 2014 में देश में सिर्फ सात एम्स थे। लेकिन 2014 के बाद स्वीकृत एम्स की संख्या 22 हो गई है। साथ ही, चिकित्सा शिक्षा क्षेत्र को और अधिक पारदर्शी बनाने के लिए विभिन्न सुधार किए गए हैं। प्रधानमंत्री ने कहा कि तमिलनाडु में एक बार में 11 मेडिकल कॉलेजों का उद्घाटन करके, उन्होंने एक तरह से अपना ही रिकॉर्ड तोड़ दिया, जब उन्होंने हाल ही में उत्तर प्रदेश में 9 मेडिकल कॉलेजों का उद्घाटन किया है। उन्होंने प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा कि दो महत्वाकांक्षी जिलों रामनाथपुरम और विरुधुनगर के साथ-साथ नीलगिरी के पहाड़ी जिले में कॉलेजों की स्थापना से क्षेत्रीय असंतुलन को दूर किया जा रहा है।





प्रधानमंत्री ने कहा कि कोविड-19 महामारी ने जीवन में स्वास्थ्य क्षेत्र के महत्व की एक बार फिर से पुष्टि की है। भविष्य उन समाजों का होगा जो स्वास्थ्य सेवा में निवेश करेंगे। भारत सरकार ने इस क्षेत्र में कई सुधार किए हैं। गरीब लोगों को उच्च गुणवत्ता और सस्ती स्वास्थ्य सेवा तक पहुंच प्रदान करने का श्रेय आयुष्मान भारत को जाता है। घुटने के प्रत्यारोपण और स्टेंट की लागत पहले की तुलना में एक-तिहाई हो गई है। उन्होंने यह भी कहा कि 1 रुपये की लागत से सैनिटरी नैपकिन उपलब्ध कराकर महिलाओं के बीच स्वस्थ जीवन-शैली को आगे बढ़ाया जाएगा। प्रधानमंत्री आयुष्मान भारत इंफ्रास्ट्रक्चर मिशन का उद्देश्य विशेष रूप से जिला स्तर पर स्वास्थ्य की बुनियादी सुविधाओं तथा स्वास्थ्य अनुसंधान में महत्वपूर्ण अंतर को दूर करना है। अगले पांच वर्षों में तमिलनाडु को 3,000 करोड़ रुपये से अधिक की सहायता प्रदान की जाएगी। प्रधानमंत्री ने कहा कि इससे राज्य भर में शहरी स्वास्थ्य एवं कल्याण केंद्र, जिला सार्वजनिक स्वास्थ्य प्रयोगशाला तथा क्रिटिकल केयर ब्लॉक स्थापित करने में मदद मिलेगी। उन्होंने कहा, आने वाले वर्षों में, "मैं भारत को गुणवत्तापूर्ण और किफायती स्वास्थ्य सेवा के लिए जाने-माने गंतव्य के रूप में देखता हूं। भारत में मेडिकल टूरिज्म का हब बनने के लिए जरूरी हर चीज मौजूद है। हमारे डॉक्टरों के कौशल के आधार पर मैं यह कहता हूं।” उन्होंने चिकित्सा क्षेत्र के लोगों से टेलीमेडिसिन की ओर ध्यान देने का भी आग्रह किया।





प्रधानमंत्री ने कहा कि वे हमेशा तमिल भाषा और संस्कृति की समृद्धि से प्रभावित रहे हैं। उन्होंने कहा, "मेरे जीवन के सबसे खुशी के पलों में से एक था जब मुझे संयुक्त राष्ट्र में दुनिया की सबसे पुरानी भाषा तमिल में कुछ शब्द बोलने का मौका मिला।" उन्होंने कहा कि उनकी सरकार को बनारस हिंदू विश्वविद्यालय में तमिल अध्ययन पर 'सुब्रमण्यम भारती पीठ' स्थापित करने का भी सम्मान मिला है। उन्होंने कहा कि उनके संसदीय क्षेत्र में स्थित यह पीठ तमिल के प्रति और अधिक जिज्ञासा जागृत करेगी।
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