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राष्ट्रपति ने कहा- भारतीयता ही जे एन यू की पहचान है और इसे लगातार मजबूत किया जाना चाहिए
By Deshwani | Publish Date: 19/11/2020 12:21:32 PMदिल्ली। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने कहा है कि जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय- जेएनयू जैसे शिक्षा संस्थानों को छात्रों के लिए बेहतर समन्वय विकसित करने और नई-नई पहलों को बढ़ावा देने के काम में सबसे आगे रहना चाहिए।वीडियो संदेश के माध्यम से जे एन यू के चौथे वार्षिक दीक्षांत समारोह को संबोधित करते हुए श्री कोविंद ने कहा कि देश के हर हिस्से और समाज के हर तबके से छात्र जे एन यू में उत्कृष्टता के लिए बराबरी के अवसर वाले माहौल में पढ़ने के लिए आते हैं। उन्होंने कहा कि जे एन यू भारतीय संस्कृति के सभी रंगों का परिचायक है और यहां के भवनों, छात्रावासों, सडकों और परिसर में मिलने वाली सुविधाओं के नामकरण के पीछे भारत की विरासत हैं। यह विश्वविद्यालय भारत की सांस्कृतिक और भौगोलिक पहचान को सर्वश्रेष्ठ रूप में प्रस्तुत करता है। राष्ट्रपति ने कहा कि भारतीयता ही जे एन यू की पहचान है और इसे लगातार मजबूत किया जाना चाहिए।
उन्होंने प्राचीन भारत के शिक्षा के वैभवशाली अतीत और अनुसंधान का उल्लेख किया और कहा कि आज की चुनौतियों का सामना करने के लिए हम तक्षशिला, नालंदा, विक्रमशिला और वल्लभी जैसे प्राचीन विश्वविद्यालयों से प्रेरणा ले सकते हैं जहां अनुसंधान और शिक्षा के बडे ऊंचे मानदंड रखे गए थे। राष्ट्रपति ने कहा कि इन शिक्षा केन्द्रों में विशिष्ट ज्ञान की प्राप्ति के लिए विश्वभर से छात्र और शोधकर्ता आते थे। उन्होंने भारत के विद्वानों से आग्रह किया कि वे ज्ञान का एक ऐसा मौलिक संस्थान तैयार करे जो आज कि वैश्विक समस्याओं का निदान कर सके। उन्होंने कहा क जे एन यू उच्च शिक्षा का ऐसा ही एक केन्द्र है जो अपनी उत्कृष्टता पूरे विश्व को दे सकता है।
इस अवसर पर शिक्षा मंत्री डॉक्टर रमेश पोखरियाल निशंक ने कहा कि नई शिक्षा नीति को लागू करने में किसी भी विश्वविद्यालय की भूमिका बहुमत महत्वपूर्ण होती है। उन्होंने इस बात पर प्रसन्नता जाहिर की कि पिछले पांच साल से शोध को संस्कृति को बढ़ावा देने के लिए जे एन यू ने राष्ट्रीय शैक्षणिक वरीयता ढांचे में अच्छी उपलब्धि हासिल की है। उन्होंने कहा कि इस साल भी इस वरीयता सूची में विश्वविद्यालय का दूसरा स्थान है और यह उच्च शिक्षा वित्त पोषण एजेंसी के साथ अनुसंधान सुविधाओं को बढावा देने के लिए सार्थक प्रयास कर रहा है। इसका बजट 455 करोड़ रूपए है।