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अटारी-वाघा बॉर्डर से ननकाना साहिब के लिए 1303 सिख तीर्थ यात्री रवाना, शनिवार को होगा उद्घाटन
By Deshwani | Publish Date: 5/11/2019 3:16:52 PMचंडीगढ़। श्री गुरु नानक देव जी के 550वें प्रकाश पर्व को मनाने के लिए आज 1303 सिख श्रद्धालुओं का जत्था शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक समिति (एसजीपीसी) सदस्य गुरमीत सिंह बूह, बाबा चरनजीत सिंह जसोवाल एवं बीबी रविंदर कौर के नेतृत्व में पाकिस्तान के लिए रवाना हो गया है। इनके अलावा जत्थे में सचिव प्रबंधक गुरिंदरपाल सिंह ठरू एवं करनजीत सिंह शामिल हैं। भारत में सिख तीर्थों का प्रबंधन करने वाली संस्था एसजीपीसी द्वारा आयोजित तीर्थयात्रा का समापन 14 नवम्बर को होगा।
एसजीपीसी मुख्य सचिव डॉ. सचिव रुप सिंह ने जत्थे को रवाना करते समय जत्थे के नेताओं को सिरोपा एवं फूलों के सिहरे (माला) गले में डालकर सम्मानित किया। डॉ. रुप सिंह ने बताया कि गुरु साहिब का 550वें प्रकाश पर्व सिख जगत के लिए अहम पर्व है। इस विशेष मौके पर भारत में 11 एवं 12 नवम्बर को गुरुद्वारा श्री बेर साहिब सुलतानपुर लोधी एवं डेरा बाबा नानक के साथ-साथ पाकिस्तान स्थित गुरुद्वारा श्री ननकाना साहिब एवं गुरुद्वारा श्री दरबार साहिब, करतारपुर साहिब पाकिस्तान में भी विशेष समारोह हो रहे हैं।
पाकिस्तान द्वारा 342 सिख श्रद्धालुओं के वीजे रद्द करने को गलत बताते हुए डॉ. रुप सिंह ने कहा कि श्री गुरु नानक देव जी के 550वें प्रकाश पर्व के मद्देनजर ज्यादा से ज्यादा श्रद्धालुओं को वीजे दिए जाने चाहिए थे लेकिन पाकिस्तान दूतावास ने वीजे रद्द कर दिए हैं। उन्होंने कहा कि इससे श्रद्धालुओं की धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंची है। यह जत्था ननकाना साहिब एवं गुरुद्वारा श्री दरबार साहिब करतारपुर साहिब के ही दर्शन करके 13 नवम्बर को वापस लौट आएगा।
श्रद्धालु पंजाब प्रांत में गुरु नानक देव के जन्म स्थान ननकाना साहिब, हसनअब्दल शहर में पंजा साहिब और करतारपुर साहिब सहित सिख धर्म स्थलों में जाएंगे। भारत से लगी सीमा से लगभग 4 किलोमीटर दूर स्थित करतारपुर गुरुद्वारा 16 वीं शताब्दी में गुरु नानक की मृत्यु वाली जगह पर बनाया गया है। इसे 4.2 किलोमीटर लंबे करतारपुर साहिब कॉरिडोर से जोड़ा जाने वाला है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 9 नवम्बर को करतारपुर कॉरिडोर का उद्घाटन करेंगे और 12 नवम्बर को होने वाले गुरु नानक देव के 550वें जयंती समारोह के अवसर पर पाकिस्तान के पंजाब प्रांत के करतारपुर साहिब गुरुद्वारा जाने वाले पहले सिख श्रद्धालुओं के पहले जत्थे को रवाना करेंगे।