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ट्रिपल तलाक बिल के खिलाफ दायर जनहित याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र से मांगा जवाब
By Deshwani | Publish Date: 23/8/2019 11:38:03 AMनई दिल्ली। ट्रिपल तलाक की संवैधानिक वैधता को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को नोटिस दिया है। जमीयत उलमा-ए-हिंद की याचिका समेत तीन याचिकाएं दायर की गई हैं। याचिकाकर्ता की ओर से वरिष्ठ वकील सलमान खुर्शीद ने कहा कि जिस प्रथा को सुप्रीम कोर्ट रद्द घोषित कर चुका है, उसके लिए सजा का प्रावधान क्यों किया गया है। उन्होंने कहा कि तीन साल की सजा वाला सख्त कानून परिवार के हित में नहीं है।
तीन तलाक को कानून बनाने को लेकर जमीयत उलेमा-ए-हिंद ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है। उन्होंने इस पर रोक की मांग की है।जमीयत उलेमा-ए-हिंद के मुताबिक तीन तलाक कानून का एकमात्र उद्देश्य मुस्लिम पतियों को दंडित करना है। याचिका में यह भी कहा गया कि मुस्लिम पतियों के साथ अन्याय है। इससे पहले जमीयत उलेमा ए हिंद के महासचिव मौलाना महमूद मदनी ने तलाक को लेकर कानून पारित होने पर चिंता व्यक्त की थी।
आपको बता दें कि राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने 1 अगस्त को तीन-तलाक विधेयक को मंजूरी दे दी, जिसके अंतर्गत सिर्फ तीन बार 'तलाक' बोल कर तत्काल तलाक देना अपराध की श्रेणी में आ गया है जिसके लिए तीन साल तक की सजा दी जा सकती है। तीन-तलाक या मुस्लिम महिला (विवाह पर अधिकारों का संरक्षण) विधेयक, 2019 संसद के दोनों सदनों में पहले ही पारित हो चुका है।