इसरो ने पीएसएलवी-सी46 किया लॉन्च, सीमाओं की निगरानी और घुसपैठ रोकने में करेगा मदद
चेन्नै (श्रीहरिकोटा)। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने श्रीहरिकोटा से प्रक्षेपण यान पीएसएलवी-सी46 के साथ भारत के हर मौसम के रडार इमेजिंग पृथ्वी निगरानी उपग्रह ‘आरआईसैट-2बी’का सफल प्रक्षेपण किया। यह प्रक्षेपण आज सुबह साढ़े 5 बजे किया गया। इसरो ने बताया कि पीएसएलपी46 ने आरआईसैट-2बी को पृथ्वी की निचली कक्षा (लो अर्थ ऑर्बिट) में सफल तौर पर स्थापित किया।
इसरो के मुताबिक बादल रहने पर रेगुलर रिमोट सेंसिंग या ऑप्टिकल इमेजिंग सैटेलाइट जमीन पर मौजूद चीजों की स्थिति ढंग से नहीं दिखा पाते। सिंथेटिक अपर्चर रडार (सार) इस कमी को पूरा करेगा। यह हर मौसम में चाहे रात हो, बादल हो या बारिश हो, ऑब्जेक्ट की सही तस्वीर जारी करेगा। इससे आपदा राहत में और सुरक्षाबलों को काफी मदद मिलेगी।
पीएसएलवी-सी46 ने सफलतापूर्वक रडार इमेजिंग अर्थ ऑब्जर्वेशन सेटेलाइट ( आरआईएसएटी-2बी) रडार पृथ्वी अवलोकन सैटेलाइट को 555 किमी ऊंचाई वाले लो अर्थ ऑर्बिट में इंजेक्ट किया। यह पीएसएलवी की 48वीं उड़ान है। यह सीरीज का चौथा सैटेलाइट है, जो खुफिया निगरानी, कृषि, वन और आपदा प्रबंधन सहयोग जैसे क्षेत्रों में मदद करेगा।
आरआईएसएटी-2बी सैटेलाइट का इस्तेमाल किसी भी तरह के मौसम में टोही गतिविधियों, रणनीतिक निगरानियों और आपदा प्रबंधन में आसानी से किया जा सकेगा। इस सैटेलाइट के साथ सिंथेटिक अपर्चर रडार (सार) इमेजर भेजा गया है। इससे संचार सेवाएं निरंतर बनी रहेंगी।
उल्लेखनीय है कि यह सैटेलाइट प्राकृतिक आपदाओं में मदद करेगा। इसके जरिए अंतरिक्ष से जमीन पर तीन फीट की ऊंचाई तक की अच्छी तस्वीरें ली जा सकती हैं। इस सीरीज के सैटेलाइट को सीमाओं की निगरानी और घुसपैठ रोकने के लिए 26/11 मुंबई हमलों के बाद विकसित किया गया था।