लोकसभा चुनाव के मद्देनजर देर रात तक चली भाजपा की बैठक, आज जारी हो सकती है उम्मीदवारों की पहली सूची
नई दिल्ली। भाजपा की केंद्रीय चुनाव समिति की मंगलवार देर रात तक बैठक हुई। इसमें 12 राज्यों की लोकसभा सीटों पर उम्मीदवारों के नामों पर चर्चा हुई। अमित शाह की अध्यक्षता में हुई इस बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, राजनाथ सिंह, सुषमा स्वराज, अरुण जेटली, शिवराज सिंह चौहान, जेपी नड्डा, नितिन गडकरी और थावरचंद गहलोत शामिल हुए।
चुनाव समिति ने बिहार, उत्तरप्रदेश, मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़, झारखंड, हरियाणा, गुजरात, पंजाब, हिमाचल प्रदेश, राजस्थान, ओडिशा समेत 12 राज्यों की लोकसभा सीटों के उम्मीदवारों पर चर्चा की। इस पर आज भी चर्चा हो सकती है। इसी दिन भाजपा के लोकसभा प्रत्याशियों की पहली सूची जारी की जा सकती है। सूची में ज्यादातर प्रत्याशी 11 और 18 अप्रैल को होने वाले पहले और दूसरे चरण के चुनाव क्षेत्रों से होने की संभावना है।
सूत्रों के मुताबिक देर रात की मीटिंग में कई सीटों पर प्रत्याशियों के नाम तय हो गए हैं, वहीं कई सांसदों के नाम कट गए हैं। सूत्रों के मुताबिक अमेठी से स्मृति ईरानी का टिकट तय माना जा रहा है। बिहार के बेगूसराय से गिरिराज सिंह को टिकट दिए जाने की संभावना जताई जा रही है।
इस संबंध में सूत्रों के मुताबिक छत्तीसगढ़ से बीजेपी के सभी मौजूदा सांसदों का टिकट कटना तय माना जा रहा है। सूत्रों के मुताबिक पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह के बेटे सहित सभी मौजूद 10 सांसदों का टिकट काटने का फैसला पार्टी ने किया है। इनकी जगह नये प्रत्याशियों को उम्मीदवार उतारेगी।
बीजेपी छत्तीसगढ़ कोर ग्रुप से केंद्रीय चुनाव समिति ने सभी के सभी 11 नए उम्मीदवार देने की गुजारिश की है। यानी पिछली बार जीते सभी 10 सांसदों को बीजेपी इस बार बदलना चाहती है। सूत्रों के मुताबिक केंद्रीय चुनाव समिति ने छत्तीसगढ़ यूनिट के लिए नए प्रत्याशियों के नाम पर विचार के लिए एक दिन का समय दिया है।
यह फैसला ऐसे समय में किया गया है जबकि पिछले साल राज्य विधानसभा चुनाव में पार्टी को बड़ी हार का सामना करना पड़ा था। भाजपा की केंद्रीय चुनाव समिति में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और पार्टी के अन्य शीर्ष नेता शामिल हैं।
उल्लेखनीय है कि भाजपा को पिछले साल छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव में करारी हार का सामना करना पड़ा था। पार्टी अपना खोया हुआ जनाधार फिर से पाने का प्रयास कर रही है। विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने राज्य में 68 सीटें जीती थी। राज्य में 15 साल शासन कर चुकी भाजपा को 15 सीटों से ही संतोष करना पड़ा था। दोनों दलों की वोट हिस्सेदारी में 10 प्रतिशत का अंतर था।