कश्मीर में जवानों के काफिलों की सुरक्षा पर सीआरपीएफ अलर्ट, आवाजाही के लिए बनेंगे नए नियम
नई दिल्ली। अर्धसैनिक बल के प्रमुख ने कहा कि सीआरपीएफ ने पुलवामा में जवानों के वाहन से विस्फोटक भरे वाहन को भिड़ा देने जैसे ‘नए प्रकार’के खतरे को देखते हुए अपनी मानक संचालन प्रक्रियाओं (एसओपीएस) में सुधार करने का निर्णय किया है। इस हमले में 40 जवान शहीद हो गए थे।
सीआरपीएफ के महानिदेशक आर आर भटनागर ने 14 फरवरी को हुए हमले के बाद घाटी की दो दिवसीय यात्रा के बाद कहा, ‘हमने कश्मीर में हमारे काफिले की आवाजाही में नए नियम जोड़ने का निर्णय किया है।’ उन्होंने कहा, ‘यातायात नियंत्रण के अलावा काफिले के गुजरने के समय, उनके रुकने के स्थानों पर तथा सेना और जम्मू कश्मीर पुलिस सहित सुरक्षा बलों के साथ समन्यवय में आवागमन में बदलाव किया जाएगा।’
भटनागर ने कहा कि पुलवामा में लाटूमोड में हमले के बाद दो काफिलों को गुजारा गया और इन नए कदमों का परीक्षण किया जा रहा है और इन्हें मानक संचालन प्रक्रियाओं (एसओपीएस) के तहत लागू किया जा रहा है। भीषण हमले के बाद गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने घाटी का दौरा करने के बाद कहा था कि जम्मू कश्मीर में सुरक्षा बलों के काफिले के गुजरने के वक्त नागरिक वाहनों की आवाजाही रोकने का निर्णय लिया गया है।
उन्होंने कहा,‘‘हम बारीकियों पर नहीं जाएगें लेकिन हम रणनीति बना रहे है। यह कुछ ऐसा है जिसे हम पहले भी कर चुके हैं और यह गतिशील है्।’ भटनागर ने कहा, ‘एक आत्मघाती हमलावर हमारे वाहन के नजदीक आता है और विस्फोटकों से उड़ा देता है, इस नए खतरे को देखते हुए रणनीतियों पर काम किया जा रहा है।’
कश्मीर में रविवार को मोबाइल इंटरनेट सेवा को बहाल कर दिया गया। कानून एवं व्यवस्था की स्थिति बनाये रखने के लिए एहतियातन मोबाइल इंटरनेट सेवा को बंद कर दिया गया था। अधिकारियों ने यह जानकारी दी। अधिकारियों ने बताया कि रविवार रात कश्मीर घाटी में हाई स्पीड मोबाइल इंटरनेट सेवा फिर से बहाल कर दी गई है।
उन्होंने बताया कि घाटी में स्थिति शांतिपूर्ण रहने के कारण सेवा फिर से शुरू कर दी गई है। अधिकारियों ने अनंतनाग, कुलगाम, शोपियां, पुलवामा, श्रीनगर और बडगाम जिलों में शनिवार को मोबाइल इंटरनेट सेवाओं को बंद कर दिया था जबकि उत्तरी कश्मीर के बारामूला, कुपवाड़ा और बांदीपोरा जिलों में नेटवर्क की गति कम कर दी गई थी।