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बिहार बजट: उप मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने पेश किया 2 लाख करोड़ रुपये का बजट
By Deshwani | Publish Date: 12/2/2019 5:44:06 PM
बिहार बजट: उप मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने पेश किया 2 लाख करोड़ रुपये का बजट

पटना। बिहार विधानसभा में आज उप मुख्यमंत्री एवं वित्त मंत्री सुशील कुमार मोदी ने वित्तीय वर्ष 2019-20 का 2,00,501.01 करोड़ रुपये का बजट पेश किया। इस बजट में कोई नया कर लगाने या करों की दर बढ़ाने-घटाने का प्रस्ताव नहीं है।

 
बजट में 21,516.99 करोड़ रुपये का राजस्व बचत अनुमानित है। बजट में स्कीम मद में एक लाख 98 लाख रुपये खर्च का अनुमान है। वहीं प्रतिबद्ध खर्च का बजट अनुमान 99,110.01 करोड़ रुपये है। बजट में शिक्षा की स्कीमों पर सर्वाधिक 20,309 करोड़ रुपये, ग्रामीण विकास पर 15,814.87 करोड़ रुपये और ग्रामीण कार्य विभाग की स्कीमों पर 9,896.97 करोड़ रुपये खर्च का अनुमान है। बजट में 61 महत्वपूर्ण स्कीमों का उल्लेख कर सर्वाधिक 14,039 करोड़ रुपये सर्व शिक्षा अभियान के तहत खर्च करने ,सबके लिए आवास पर 6,411.27 करोड़ रुपये और स्वच्छ भारत मिशन पर 4,228.65 करोड़ रुपये खर्च होने का अनुमान है। 
 
उपमुख्यमंत्री मोदी ने वित्त मंत्री के नाते 10वीं बार दोनों सदनों में नये वित्तीय वर्ष का बजट पेश करते हुए कहा कि यह विकासोन्मुखी बजट है। उन्होंने कहा कि बिहार ने बेहतर वित्तीय प्रबंधन द्वारा अर्थव्यस्था के सभी प्रमुख मानकों यथा विकास दर, राजकोषीय घाटा, ऋण प्रबंधन, राजस्व खर्च,ब्याज खर्च का अनुपात, विकासात्मक एवं गैर विकासात्मक खर्च एवं पूंजीगत खर्च पर देश के अनेक राज्यों से बेहतर प्रदर्शन किया है।
 
सुशील मोदी ने कहा कि केन्द्रीय सांख्यिकी संगठन के आंकड़ों पर आधारित जनवरी, 2019 की एक रिपोर्ट के अनुसार वर्ष 2017-18 में 11.3 प्रतिशत की विकास दर के साथ देश के सभी राज्यों में बिहार प्रथम स्थान पर है। आंध्र प्रदेश, गुजरात, तेलंगाना, कर्नाटक क्रमश: बिहार के बाद दूसरे, तीसरे और चौथे स्थान पर हैं। पंजाब 6.2 प्रतिशत तथा केरल 5.0 विकास दर के मामले में अंतिम पायदान पर है।
 
उन्होंने कहा कि भारतीय रिजर्व बैंक की रिपोर्ट में भी बिहार के वित्तीय प्रबंधन को सरहाना मिली है। राजस्व प्राप्तियां का वर्ष 2016-17 में मात्र 8.6 प्रतिशत ब्याज भुगतान पर खर्च किया गया है। यह प्रतिशत वर्ष 2017-18 में 7.3 प्रतिशत और वर्ष 2018-19 में 7.9 प्रतिशत रहने का अनुमान है जबकि पश्चिम बंगाल का 18 प्रतिशत, हरियाणा का 16.5 प्रतिशत, गुजरात का 15 प्रतिशत ब्याज भुगतान अनुमानित है। 14वें वित्त आयोग की अनुशंसा के तहत राज्य का ब्याज भुगतान कुल राजस्व प्राप्ति का अधिकतम 10 प्रतिशत रहना चाहिए। उन्होंने कहा कि बिहार लगातार इस सीमा से काफी नीचे रहा है।
 
बिहार के नये वित्तीय वर्ष के बजट में वेतन, पेंशन, ब्याज भुगतान एवं ऋण वापसी पर कुल 88.157.65 करोड़ रुपये खर्च अनुमानित है। इसमें वेतन पर नियमित नियुक्त अधिकारियों- कर्मचारियों के वेतन पर 51,740.71 करोड़ रुपये, पंचायत एवं शहरी निकायों के अधीनस्थ शिक्षकों व कालेज शिक्षक एवं कर्मचारियों के वेतनादि हेतु सहायक अनुदान पर 26396.20 करोड़ रुपये, पेंशन पर 18477.53 करोड़ रुपये और ब्याज भुगतान पर 10723.47 करोड़ रुपये खर्च अनुमानित हैं।
 
मोदी ने बजट पेश करने के बाद प्रेस कांफ्रेंस में कहा ​कि कोई नया कर लगाने प्रस्ताव नहीं है। जीएसटी लागू होने के बाद वाणिज्य कर में कोई भी फेरबदल अब राज्य सरकार नहीं कर सकती। जीएसटी कांउसिल की सहमति से ही यह संभव है। नये वित्तीय वर्ष में वाणिज्य कर से 25500 करोड़ रुपये,स्टाम्प एवं निबंधन से 4700 करोड़ रुपये, परिवहन से 2500 करोड़ रुपये और भूमि सुधार से 1100 करोड़ रुपये राजस्व प्राप्ति अनुमानित है।
 
उन्होंने बताया कि नये वित्तीय वर्ष में केन्द्र सरकार से प्राप्त करों में हिस्सा के रूप में 89121.79 करोड़ रुपये और केन्द्र सरकार से प्राप्त सहायता अनुदान के रूप में 49019.38 करोड़ रुपये का अनुमान है। राज्य के अपने राजस्व के रूप में कुल 38606.47 करोड़ रुपये अनुमानित है।

बजट के प्रमुख बिंदु....
 
-पंचायती राज विभाग का बजट 12206.31 करोड़
 
-नगर विकास एवं आवास का बजट 5158.79 करोड़
 
-बिहार में पोशाक राशि 1000 से बढ़ाकर 1500, सैनिटरी नैपकिन के लिए दी जाने वाली राशि को बढ़ाकर 300 रुपये किया गया
 
-स्थापना और प्रतिबद्ध व्यय राशि 98962 करोड़
 
-ग्रामीण विकास का कुल बजट 15669.04 करोड़
 
-PHED विभाग को योजना मद में 3225.34 करोड़
 
-बिहार गृह विभाग का कुल बजट 10968.58 करोड़
 
-जल संसाधन विभाग  का कुल बजट 9652.30 करोड़
 
-कृषि विभाग को योजना मद में 2259.8 करोड़
 
-राष्ट्रीय कृषि विकास मिशन के तहत 252 करोड़ 
 
-पथ निर्माण को योजना मद में 5936.92 करोड़
 
-ग्रामीण कार्य को योजना मद में 9896.97 करोड़
 
-वेतन, पेंशन, ब्याज पर 88157.65 करोड़ खर्च
 
-ग्राम सड़क योजना के तहत 2815 करोड़ खर्च
 
-ऊर्जा विभाग को योजना मद में 4583.13 करोड़
 
-शिक्षा विभाग को योजना मद में 20309.03 करोड़
 
-स्वास्थ्य विभाग को योजना मद में 5138.50 करोड
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