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देश किसी भी तरह से कमजोर गठबंधन सहन नहीं कर सकता: जेटली
By Deshwani | Publish Date: 15/12/2018 11:24:18 AM
देश किसी भी तरह से कमजोर गठबंधन सहन नहीं कर सकता: जेटली

नई दिल्ली। अगले साल होने वाले आम चुनाव में बीजेपी के खिलाफ विपक्षी गठबंधन थ्योरी पर वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा कि देश किसी भी तरह से कमजोर गठबंधन सहन नहीं कर सकता है। उद्योग मंडल फिक्की की सालाना आम बैठक को संबोधित करते हुए वित्त मंत्री ने कहा, 'भारत स्थिर नीतिगत निर्णय तथा सुधारों के रास्ते में निरंतर आगे बढ़ने के लिये एक कमजोर गठबंधन सहन नहीं कर सकता।' 

उन्होंने कहा, ‘‘...आपको एक सशक्त नेतृत्व की जरूरत है। आप एक कमजोर गठबंधन को सहन नहीं कर सकते। ऐसी सरकार में एक दिन हो सकता है कि एक भागीदार कहे कि अगर आपने मेरे राज्य को विशेष दर्जा नहीं दिया, मैं समर्थन वापस ले लूंगा। फिर दूसरे भी कहेंगे, मेरे राज्य को यह दर्जा क्यों नहीं मिलना चाहिए?....’’ 

जेटली ने कहा कि गठबंधन सरकार में ऐसी स्थिति उत्पन्न हो सकती है जहां देश इस प्रकार के दलों पर निर्भर होकर असहाय होगा। 

जेटली ने देश को बताया कि आयुष्मान भारत योजना के तहत पिछले ढाई महीने में 5 लाख गरीब परिवार को को मुक्त चिकित्सा सुविधा मिली है। राजकोषीय घाटे पर बात करते हुए वित्त मंत्री ने कहा कि सरकार चालू वित्त वर्ष में 3.3 प्रतिशत राजकोषीय घाटे के लक्ष्य पर कायम रहेगी। उन्होंने यह भी कहा कि भारत वैश्विक चुनौतियों के बावजूद 7 से 8 प्रतिशत आर्थिक वृद्धि दर को हासिल करेगा और दुनिया की तीव्र वृद्धि वाली बड़ी अर्थव्यवस्था का तमगा बनाये रखेगा।  

उन्होंने कहा, ‘‘इस साल भी कई चुनौतियों के बावजूद हम राजकोषीय लक्ष्य को बनाये रखने में कामयाब होंगे क्योंकि कच्चे तेल के दाम बढ़ने और डालर की मजबूती से चालू खाते का घाटा प्रभावित होता है और हमारे लिये इन दोनों घाटों के साथ चलना बहुत मुश्किल होगा... क्योंकि इसका असर काफी गंभीर होता है।’’ 

जेटली ने कहा कि भारत तेल का बड़ा आयातक है, ऐसे में तेल कीमतों का सीधा प्रभाव होगा। उन्होंने कहा कि भारत के पास एक सीमा तक कच्चे तेल के बढ़ते दाम से निपटने की क्षमता है और जब यह सीमा को पार करता है, यह मुद्रास्फीति, मुद्रा तथा चालू खाते के घाटे को प्रभावित कर सकता है।

 

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