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मोहन भागवत का बड़ा बयान, कहा- राम मंदिर के लिए कानून लाए सरकार
By Deshwani | Publish Date: 18/10/2018 10:47:12 AM
मोहन भागवत का बड़ा बयान, कहा- राम मंदिर के लिए कानून लाए सरकार

नागपुर। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ आज विजयादशमी उत्सव मना रहा है। नागपुर में हो रहे इस कार्यक्रम में संघ प्रमुख मोहन भागवत के साथ नोबेल पुरस्कार विजेता कैलाश सत्यार्थी भी मौजूद हैं। कैलाश सत्यार्थी बतौर मुख्य अतिथि यहां पहुंचे हैं। इस मौके पर अपने संबोधन के दौरान मोहन भागवत ने कई बड़े बयान दिए।

 
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए संघ प्रमुख मोहन भागवत ने कहा कि भारत अगर पंचामृत के मंत्र पर आगे बढ़ेगा तो एक बार फिर विश्वगुरू बन सकता है। एक भयानक आंधी बाबर के रूप में आई और उसने हमारे देश के हिंदू-मुसलमानों को नहीं बख्शा। उसके नीचे समाज रौंदा जाने लगा।
 
संघ प्रमुख ने कहा कि राम सिर्फ हिंदुओं के नहीं हैं, बल्कि पूरे देश के हैं। किसी भी मार्ग से बने लेकिन उनका मंदिर बनना चाहिए। सरकार को इसके लिए कानून लाना चाहिए। लोग कहते हैं कि इनकी सत्ता है फिर भी मंदिर क्यों नहीं बना, वोटर सिर्फ एक ही दिन का राजा रहता है। मतदाता को सोच विचार कर अपने वोट का इस्तेमाल करना चाहिए, वरना एक दिन के कारण 5 साल तक भुगतना पड़ता है।
 
सबरीमाला के मुद्दे पर मोहन भागवत ने कहा कि सबरीमाला के निर्णय का उद्देश्य स्त्री-पुरुष समानता का था, लेकिन क्या हुआ। इतने वर्षों से परंपरा चल रही है वह टूट गई। जिन्होंने याचिका डाली वो कभी मंदिर नहीं गए, जो महिलाएं आंदोलन कर रही हैं वो आस्था को मानती हैं। धर्म के मुद्दे पर धर्माचार्यों से बात होनी चाहिए, वो बदलाव की बात को समझते हैं।
 
संघ प्रमुख ने कहा कि ये परंपरा है, उसके पीछे कई कारण होते हैं। कोर्ट के फैसले से वहां पर असंतोष पैदा हो गया है। महिलाएं ही इस परंपरा को मानती हैं लेकिन उनकी बात नहीं सुनी गई।
 
भागवत ने कहा कि हमारे देश में राजनीति को लेकर कई प्रयोग हुए। महात्मा गांधी ने सत्य और अहिंसा के आधार पर राजनीति की कल्पना की। इसी नैतिक बल के कारण ही देश अंग्रेजों के खिलाफ एकजुट हुआ। उन्होंने कहा कि हम किसी की शत्रुता नहीं करते हैं, लेकिन दुनिया में हमारी शत्रुता करने वाले लोग हैं। इसलिए उनके लिए कुछ तो करना पड़ेगा।
 
मोहन भागवत ने कहा कि पाकिस्तान में सत्ता परिवर्तन हुआ लेकिन उसकी हरकतों में कोई अंतर नहीं आया। हमें इतना बलवान होना पड़ेगा ताकि कोई हमारे ऊपर आक्रमण करने की हिम्मत ना कर पाए। हाल के वर्षों में दुनिया में भारत की प्रतिष्ठा बढ़ी है। उन्होंने कहा कि हमने अपना देश सरकार को नहीं सौंपा है, देश हमारा ही है। सरकार सबकुछ नहीं करती है, उसे कुछ कामों की गति बढ़ानी चाहिए।
 
संघ प्रमुख ने कहा कि पश्चिम बंगाल से लेकर हिंद महासागर तक कई द्वीप ऐसे हैं, जो सामरिक दृष्टि से काफी अहम हैं। उन सभी की नाकाबंदी होनी चाहिए। दुनिया में ऐसे कई देश हैं जो भारत को आगे नहीं बढ़ने देना चाहते हैं। इस दौरान उन्होंने बिना नाम लेते हुए चीन पर भी जमकर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि कुछ शक्तियां मालदीव, श्रीलंका को अपनी तरफ करने की कोशिश कर रही हैं। उन्होंने कहा कि कई तरह के सुरक्षा उत्पादनों की खरीदी व्यापारिक दांवपेंच का हिस्सा होता है, अब ये जो लेन-देन के तरीके को बंद ना करें, बल्कि उसे इस तरह चलाएं कि अपनी सुरक्षा के लिए किसी पर निर्भर ना रहें. हमें अपने देश में ही सुरक्षा से जुड़ी चीजों को बनाना चाहिए।
 
मोहन भागवत बोले कि अभी देश में कई तरह की चिंताएं है इस बीच ही कुछ शक्तियां देश को अंदर से ही खोखला करना चाहती हैं। कुछ कारणों से अपने ही देश के लोग भी इन शक्तियों के साथ खड़े हो जाते हैं, इन कारणों को दूर करने की जरूरत है। देश में पुलिस की हालत जैसी होनी चाहिए वैसी नहीं है। पुलिस बल में सुधार के लिए प्रस्तावों की बातें अभी तक फाइलों में धूल खा रही हैं।
 
इस कार्यक्रम में केंद्रीय मंत्री और पूर्व बीजेपी अध्यक्ष नितिन गडकरी, मशहूर गायक उस्ताद रशीद खान भी मौजूद हैं. बता दें कि विजयादशमी के अवसर पर हर साल संघ मुख्यालय में पथ संचलन का आयोजित किया जाता है। इस कार्यक्रम में RSS आने वाले साल के लिए अपना एजेंडा दुनिया के सामने रखता है। बता दें कि उस्ताद रशीद खान भारतीय शास्त्रीय संगीत के कलाकार हैं।
 
 नोबेल पुरस्कार विजेता कैलाश सत्यार्थी ने इस कार्यक्रम में कहा कि इस कार्यक्रम में मुझे बुलाकर आज संघ ने छोटे बच्चों की तरफ हाथ बढ़ाया है। इस दौरान उन्होंने कहा कि आज से करीब 35 साल पहले जब वह एक मैगजीन में काम कर रहे थे, तब एक छोटी बच्ची को बेचा जा रहा था और उस घटना ने उनके विचारों को बदल दिया। उन्होंने इस दौरान दुनिया में बच्चों के अच्छा माहौल नहीं है, लेकिन हमारे देश में हमेशा बच्चों में भगवान के रूप में देखा जाता है। भारत में लगातार बच्चों के मुद्दों को लेकर तरक्की हुई है, हमारे यहां बाल मजदूरी की संख्या में कमी आ रही है। 
 
 
 
 
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