ब्रेकिंग न्यूज़
पूर्व केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री सांसद राधामोहन सिंह विभिन्न योजनाओं का उद्घाटन व शिलान्यास करेंगेभारत की राष्ट्रपति, मॉरीशस में; राष्ट्रपति रूपुन और प्रधानमंत्री जुगनाथ से मुलाकात कीकोयला सेक्टर में 2030 तक नवीकरणीय ऊर्जा क्षमता को 9 गीगावॉट से अधिक तक बढ़ाने का लक्ष्य तय कियाझारखंड को आज तीसरी वंदे भारत ट्रेन की मिली सौगातदेश की संस्कृति का प्रसार करने वाले सोशल मीडिया कंटेंट क्रिएटर को प्रधामंत्री ने संर्जक पुरस्कार से सम्मानित किया'दंगल' फेम सुहानी भटनागर की प्रेयर मीट में पहुंचीं बबीता फोगाटबिहार:10 जोड़ी ट्रेनें 25 फरवरी तक रद्द,नरकटियागंज-मुजफ्फरपुर रेलखंड की ट्रेनें रहेंगी प्रभावितप्रधानमंत्री ने मिजोरम के निवासियों को राज्‍य के स्‍थापना दिवस पर शुभकामनाएं दी
अंतरराष्ट्रीय
उत्‍तरी आयरलैंड की लेखिका एना बर्न्स को ‘मिल्कमैन’ के लिए मिला मैन बुकर पुरस्कार
By Deshwani | Publish Date: 17/10/2018 11:24:19 AM
उत्‍तरी आयरलैंड की लेखिका एना बर्न्स को ‘मिल्कमैन’ के लिए मिला मैन बुकर पुरस्कार

लंदन।  लेखिका एना बर्न्स को उनके उपन्यास ‘मिल्कमैन’ के लिए मैन बुकर पुरस्कार मिला है। वह उत्तरी आयरलैंड की पहली लेखिका हैं जिन्हें अंग्रेजी भाषा साहित्य के इस प्रतिष्ठित पुरस्कार के लिए चुना गया। बेलफास्ट में जन्मीं एना मैन बुकर पुरस्कार के 49 साल के इतिहास में यह पुरस्कार पाने वाली 17वीं महिला हैं। साल 2013 के बाद एना यह पुरस्कार पाने वाली पहली महिला हैं। ‘मिल्कमैन’ उनका तीसरा उपन्यास है।

 
‘मिल्कमैन’ में उत्तरी आयरलैंड में राजनीतिक उथल-पुथल के बीच एक युवती और एक शादीशुदा शख्स की प्रेम कहानी बयान की गई है। मंगलवार की रात एक भव्य समारोह में एना बुकर पुरस्कार की विजेता घोषित की गईं। साल 2018 का विजेता तय करने के लिए बनी समिति के अध्यक्ष क्वामे एंथनी एपिया ने कहा, ‘‘हम में से किसी ने ऐसी कोई चीज पहले नहीं पढ़ी। एना बर्न्स की बिल्कुल ही अलग आवाज परंपरागत सोच को चुनौती देती है और एक चौंकाने वाले एवं डूब जाने वाले गद्य को आकार देती है।’’ 
 
क्वामे ने कहा, ‘‘यह निष्ठुरता, यौन अतिक्रमण और प्रतिरोध की कहानी है जिसे व्यंग्यमिश्रित हास्य से बुना गया है। इसे अपने खिलाफ ही बंटे समाज की पृष्ठभूमि में रचा गया है।’’ मैन बुकर पुरस्कार के विजेता को 52,500 पाउंड (50.85 लाख रुपए) की पुरस्कार राशि दी जाती है।
 
 
इंग्लैंड के ईस्ट ससेक्स में रहने वालीं एना को दो ब्रिटिश लेखकों, दो अमेरिकी लेखकों और एक कनाडाई लेखक से कड़ी प्रतिस्पर्धा का सामना करना पड़ा। एना ने एक अनाम शहर की पृष्ठभूमि में लिखे ‘मिल्कमैन’ में बताने की कोशिश की है कि युद्ध से जूझ रहे शहर में किसी महिला पर कितना खतरनाक और जटिल प्रभाव पड़ता है। इस किताब की खास बात है कि इसमें पात्रों के नाम की बजाय पदनाम (डेजिग्नेशन) दिए गए हैं।
 
फेबर एंड फेबर ने ‘मिल्कमैन’ प्रकाशित की है। लगातार चौथे साल ऐसा हुआ है कि किसी स्वतंत्र प्रकाशक ने मैन बुकर पुरस्कार जीता है। लंदन के गिल्डहॉल में एक रात्रिभोज में क्वामे एंथनी एपिया ने एना बर्न्स की जीत का ऐलान किया। डचेज ऑफ कॉर्नवॉल कैमिला ने एना को एक ट्रॉफी जबकि मैन ग्रुप के मुख्य कार्यकारी अधिकारी ल्यूक हिल्स ने उन्हें 50,000 पाउंड की राशि भेंट की। एना को अपनी किताब का डिजाइनर बाउंड संस्करण और शॉर्टलिस्ट होने के लिए 2,500 पाउंड की अतिरिक्त धनराशि भी भेंट की जाएगी।
image
COPYRIGHT @ 2016 DESHWANI. ALL RIGHT RESERVED.DESIGN & DEVELOPED BY: 4C PLUS