जीवन कैसा हो, क्यों हो और किसके लिए हो, यह अटल जी ने जी कर दिखाया : प्रधानमंत्री मोदी
नई दिल्ली। पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के निधन पर राजधानी दिल्ली के इंदिरा गांधी स्टेडियम में शोक सभा का आयोजन किया गया। शोकसभा को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि जीवन कितना लंबा हो, यह हमारे हाथ में नहीं है, लेकिन जीवन कैसा हो, यह हमारे हाथ में है। अटल जी ने यह जी कर दिखाया कि जीवन कैसा हो, क्यों हो, किसके लिए हो।
अटल जी को श्रद्धांजलि देने के लिए आयोजित इस शोकसभा में तमाम दलों और सामाजिक संगठनों के लोग शामिल हुए।
जीवन सच्चे अर्थ में वही जी सकता है जो पल को जीना जानता है। किशोर अवस्था से लेकर जब तक जीवन ने साथ दिया, अटल जी ने सामान्य मानव के लिए जीवन जीया। उन्होंने कहा कि 11 मई को पोखरण द्वितीय सारी दुनिया के लिए भारत का अणु परिक्षण चौकाने वाला था। इसकी तैयारी काफी पहले हो चुकी थी, लेकिन हो नहीं पा रहा था, ये अटल ही थे जिन्होंने यह कर दिखाया।
इस मौके पर बीजेपी के वरिष्ठ नेता लाल कृष्ण आडवाणी ने अटल जी को अपने श्रद्धासुमन अर्पित करते हुए कहा, 'मैंने जब अपनी आत्मकथा लिखी थी, तो उसमें अटलजी का उल्लेख था, लेकिन जब उस पुस्तक का विमोचन हुआ, लेकिन उसमें अटलजी नहीं आए तो मुझे बहुत दुख हुआ।'
आडवाणी ने कहा कि उन्होंने कभी ऐसी सभा को संबोधित नहीं किया, जिसमें अटलजी ना हों, लेकिन आज ऐसा हो रहा है कि अटलजी हमारे बीच नहीं है, ऐसे में मुझे बहुत कष्ट हो रहा है। उन्होंने कहा कि मैं सौभाग्यशाली हूं कि मेरी अटलजी से मित्रता 65 साल तक रही। हम लोग साथ-साथ पुस्तकें पढ़ते थे, सिनेमा साथ-साथ देखते थे। साथ-साथ घूमने जाते थे।
उन्होंने कहा कि अटलजी की विशेषताओं में एक विशेषता यह थी कि वह भोजन भी पकता थे। उन्होंने कहा कि हमने अटलजी से हमने बहुत कुछ सीखा है और बहुत कुछ पाया है। इसलिए उनके दूर जाने का बहुत दुख है। अगर हम उनकी बताई बातों को ग्रहण करके जीवन जीएं तो यही उनके लिए बड़ी श्रद्धांजलि होगी।