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जीएसटी पर मोदी ने कही 'मन की बात', बोले- हिंसा किसी समस्या का समाधान नहीं
By Deshwani | Publish Date: 24/6/2018 3:37:19 PM
जीएसटी पर मोदी ने कही 'मन की बात', बोले- हिंसा किसी समस्या का समाधान नहीं

 नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा है कि हिंसा और क्रूरता से कभी किसी समस्या का समाधान नहीं निकला जा सकता, जीत हमेशा शांति और अहिंसा की होती है। मोदी ने रविवार को ‘मन की बात’ कार्यक्रम के 45वें संस्करण में जलियांवाला बाग की अगले वर्ष होने वाली 100वीं बरसी का जिक्र करते हुए कहा कि यह बात कही। उन्होंने अपने संबोधन में कहा कि भारत की आकाादी का संघर्ष बहुत लंबा है,  बहुत व्यापक है, बहुत गहरा है और अनगिनत शाहदतों से भरा हुआ है। पंजाब से जुड़ा एक और इतिहास है। वर्ष 2019 में जलियांवाला बाग की उस भयावह घटना के भी 100 साल पूरे हो रहे हैं जिसने पूरी मानवता को शर्मसार कर दिया था। उन्होंने कहा कि 13 अप्रैल, 1919 का वो काला दिन कौन भूल सकता है जब सत्ता का दुरुपयोग करते हुए क्रूरता की सारी हदें पार कर निर्दोष, निहत्थे और मासूम लोगों पर गोलियां चलाई गई थीं। इस घटना के 100 वर्ष पूरे होने वाले हैं। इसे हम कैसे स्मरण करें, हम सब इस पर सोच सकते हैं, लेकिन इस घटना ने जो अमर संदेश दिया, उसे हम हमेशा याद रखें।

 
मन की बात के प्रमुख अंश
 
वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) को ईमानदारी की जीत एवं सहकारी संघवाद का बेहतरीन उदाहरण है। इस नई कर व्यवस्था का एक साल के भीतर ही स्थिरता हासिल करना देश के लिए बहुत बड़ी सफलता है।
 
जीएसटी को एक साल पूरा होने वाला है। ‘एक देश, एक टैक्स’देश के लोगों का सपना था, वह आज हकीकत में बदल चुका है।
 
एक देश, एक कर सुधार, को सफल बनाने का श्रेय राज्यों को जाता है। सभी राज्यों ने मिलकर देशहित में फैसला लिया और तब जाकर देश में इतना बड़ा कर सुधार लागू हो सका।
 
अब तक जीएसटी परिषद की 27 बैठकें हुईं हैं और हम सब गर्व कर सकते हैं कि भिन्न-भिन्न राजनीतिक विचारधारा के लोग वहां बैठते हैं, भिन्न-भिन्न राज्यों के लोग बैठते हैं, अलग-अलग प्राथमिकता वाले राज्य होते हैं लेकिन उसके बावजूद जीएसटी परिषद में अब तक जितने भी निर्णय किए गए हैं, सभी सर्वसहमति से किए गए हैं।  
जीएसटी से पहले देश में 17 अलग-अलग प्रकार के टैक्स हुआ करते थे लेकिन इस व्यवस्था में अब सिर्फ एक ही टैक्स पूरे देश में लागू है।
 
पहले देश में टैक्स के मामले में इंस्पेक्टर राज की बहुत शिकायतें आती रहती थीं। जीएसटी में इंस्पेक्टर की जगह आईटी यानी सूचना प्रौद्योगिकी ने ले ली है। रिटर्न से लेकर रिफंड तक सब कुछ ऑनलाइन आईटी के द्वारा होता है।
 
जीएसटी के आने से चेक पोस्ट खत्म हो गई और माल ,सामानों की आवाजाही तेज हो गई। जिससे न सिर्फ समय बच रहा है बल्कि लॉजिस्टिक्स क्षेत्र में भी इसका काफी लाभ मिल रहा है।
 
चौथे ‘योग दिवस’ पर विश्व भर में एक अलग ही नजारा था। ब्रुसेल्स में यूरोपीय संसद से लेकर न्यूयॉर्क स्थित संयुक्तराष्ट्र का मुख्यालय, जापानी नौसेना के लड़ाकू जहाज, सभी जगह लोग योग करते नजर आए।
 
सऊदी अरब में पहली बार योग का ऐतिहासिक कार्यक्रम हुआ और उसमें महिलाओं ने भाग लिया।
 
लद्दाख की ऊंची बर्फीली चोटियों पर भारत और चीन के सैनिकों ने एक-साथ मिलकर के योगाभ्यास किया।
 
कबीरदास जी ने सामाजिक समरसता पर विशेष जोर दिया था। वे अपने समय से बहुत आगे सोचते थे।
 
सिखों के प्रथम श्री गुरू नानक देव जी ने कोटि-कोटि लोगों को सन्मार्ग दिखाया और वह सदियों से प्रेरणा देते रहे। गुरु नानक देव ने समाज में जातिगत भेदभाव को खत्म करने और पूरे मानवजाति को एक मानते हुए उन्हें गले लगाने की शिक्षा दी।
 
2019 में श्री गुरु नानक देव जी के 550वें प्रकाश पर्व को उत्साह एवं उमंग से कैसे मनाया जाए, इस बारे में लोगों से नए विचार एवं सुझाव देने का आग्रह किया।
 
mygovindia और Narendra Modi App पर कई लोगों ने मुझे लिखा कि मैं इस बार की #MannKiBaat में 1 जुलाई को आने वाले Doctor’s Day के बारे में बात करूं। इस दिन डॉक्टर्स की उपलब्धियों को celebrate करने के साथ समाज के प्रति उनकी सेवा के लिए उन्हें धन्यवाद दिया जाता है।
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