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गौरी लंकेश हत्याकांड: आरोपियों को यातना देने के आरोपों पर हाईकोर्ट ने मांगी रिपोर्ट
By Deshwani | Publish Date: 19/6/2018 3:35:37 PM
गौरी लंकेश हत्याकांड:  आरोपियों को यातना देने के आरोपों पर हाईकोर्ट ने मांगी रिपोर्ट

 नई दिल्ली। कर्नाटक उच्च न्यायालय ने गौरी लंकेश हत्याकांड के चार आरोपियों को पुलिस हिरासत में यातना दिये जाने और न्यायिक प्रक्रियाओं का पालन नहीं करने के आरोपों के बारे में दो मजिस्ट्रेट अदालतों को एक रिपोर्ट पेश करने का आज निर्देश दिया। न्यायमूर्ति केएन फणीन्द्र ने इस मामले की सुनवाई के दौरान कहा कि आरोप गंभीर किस्म के हैं और उच्च न्यायालय की रजिस्ट्री को निर्देश दिया जाता है कि वह प्रथम एवं तृतीय अतिरिक्त मुख्य मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट अदालतों (एसीएमएम) के मजिस्ट्रेट को इस आदेश से अवगत करायें।   

 
न्यायाधीश ने कहा कि यह आदेश प्राप्त होने से 10 दिन के भीतर वे आरोपों के बारे में रिपोर्ट जमा करें। अधिवक्ता एनपी अमृतेश ने एक हलफनामे में आरोप लगाया कि मामले के आरोपियों में से एक अमोल काले को हिरासत में पुलिस अधिकारियों ने पीटा, उसके गालों पर थप्पड़ और घूंसे मारे। उन्होंने दावा किया कि मजिस्ट्रेट पुलिस हिरासत के दौरान किसी व्यक्ति के संबंध में उच्चतम न्यायालय द्वारा निर्धारित प्रक्रियाओं का पालन करने में विफल रहे। उन्होंने कहा कि लंकेश हत्याकांड में गिरफ्तार किए गए आरोपी काले, सुजीत कुमार, अमित रामचंद्र देगवेकर और मनोहर इदावे का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं।
 
अधिवक्ता ने आरोप लगाया कि मेजिस्ट्रेट को 14 जून को सूचित किया गया था कि पुलिस ने आरोपियों में से एक को यातनायें दी हैं लेकिन उन्होंने चिकित्सा जांच का आदेश नहीं दिया। इसके बजाए मेजिस्ट्रेट ने केवल उनके शरीर पर जख्मों को दर्ज किया। उन्होंने अन्य आरोपियों को हिरासत में यातनायें दिये जाने के बारे में 31 मई को तृतीय एसीएमएम के यहां शिकायत की गई थी लेकिन उसे भी नजरंदाज किया गया। उन्होंने अदालत से अनुरोध किया कि प्रत्येक आरोपी मेडिकल जांच कराने और पुलिस द्वारा उन्हें गैरकानूनी हिरासत में रखकर यातना देने के मामले की जांच का निर्देश दिया जाये। उन्होंने दालत के बंद कक्ष में प्रत्येक आरोपी का बयान दर्ज का मजिस्ट्रेट को निर्देश देने के साथ ही आरोपियों को 25-25 लाख रूपये का मुआवजा दिलाने का भी अनुरोध किया है।
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