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झारखंड में खेल के विकास की असीम संभावनाएं हैं : राज्यपाल
By Deshwani | Publish Date: 13/6/2018 1:41:40 PM
झारखंड में खेल के विकास की असीम संभावनाएं हैं : राज्यपाल

जमशेदपुर। आज मोहन आहूजा इंडोर स्टेडियम में राष्ट्रीय गोजू कराटे प्रशिक्षण कैंप 2018 के दूसरे दिन आयोजित समारोह को संबोधित राज्यपाल श्रीमती द्रौपदी मुर्मू ने कहा कि झारखंड में खेल के विकास की असीम संभावनाएं हैं। राज्य के कई प्रतिभावान खिलाड़ियों ने खेल जगत में महत्वपूर्ण उपलब्धियां अर्जित करके राज्य और राष्ट्र को गौरवान्वित किया है। उन्होंने कहा कि आज झारखंड कला-संस्कृति, कृषि, खेलकूद, उद्योग सहित प्रत्येक क्षेत्र में प्रगति कर रहा है। राज्य के बच्चों को अंतरराष्ट्रीय स्तर की खेल सुविधाएं मुहैया कराने और प्रशिक्षण उपलब्ध कराने की आवश्यकता है। इससे होनहार खिलाड़ियों के मनोबल को बढ़ावा मिलेगा और राष्ट्र का नाम पूरे विश्व में स्थापित होगा।

  राज्यपाल श्रीमती द्रौपदी मुर्मू आज मोहन आहूजा इंडोर स्टेडियम में राष्ट्रीय गोजू कराटे प्रशिक्षण कैंप 2018 के दूसरे दिन आयोजित समारोह को संबोधित कर रही थी। झारखंड राज्य कराटे एसोसिएशन द्वारा 12 जून से प्रारंभ इस दो दिवसीय प्रशिक्षण कैंप का आयोजन कराटे एकेडमी जापान और गोजू ryu कराटे ऑस्ट्रेलिया के सहयोग से किया गया।


राज्यपाल ने कहा कि खेल मनोरंजन का साधन होने के साथ ही हमारे जीवन का अभिन्न हिस्सा हैं। खेलकूद से शारीरिक स्वास्थ्य में वृद्धि होने के साथ ही जीवन में अनुशासन की भावना बनाए रखने में वृद्धि होती है। स्वस्थ शरीर में स्वस्थ मन का वास होता है। खेलों से आत्मविश्वास में वृद्धि होती है और जिस व्यक्ति में आत्मविश्वास होता है वह जीवन की कठिन से कठिन परिस्थितियों का सामना करने हेतु तैयार रहता है।


राज्यपाल ने कहा कि आरंभ से ही राष्ट्र एवं राज्य के होनहार और मेधावी छात्र-छात्राओं को अधिक से अधिक प्रोत्साहित करने और उनमें निहित प्रतिभा को और भी निखारने के लिए इस प्रकार के आयोजन बहुत ही सराहनीय हैं। इससे प्रतिभावान खिलाड़ियों को अपने कौशल को प्रदर्शित करने का मंच प्राप्त होता है। इस कार्यक्रम में शामिल भारत के विभिन्न प्रांतों से आए सभी बच्चे और उनके अभिभावक धन्यवाद के पात्र हैं जिन्होंने बच्चों को इस क्षेत्र में प्रोत्साहित किया। 

उन्होंने कहा कि खेलकूद कला और संस्कृति का अभिन्न हिस्सा है। विभिन्न देशों में आज कराटे एक लोकप्रिय विधा के रूप में स्थापित है। कराटे में आत्मरक्षा की तकनीक अंतर्निहित है जो कि विपरीत परिस्थितियों में स्वयं की रक्षा के लिए कारगर साबित होती है। उन्होंने कहा कि राज्य के सभी महिला विश्वविद्यालय में मार्शल आर्ट एवं कराटे हेतु प्रशिक्षण के लिए निर्देश जारी किया गया है। जिससे कि राज्य की सभी बालिकाएं मार्शल आर्ट एवं कराटे का प्रशिक्षण पाकर विपरीत परिस्थितियों में भी आत्मरक्षा के लिए तैयार रहें।


उन्होंने कहा कि आज खेल के प्रति लोगों में दिलचस्पी बढ़ती जा रही है। अभिभावक भी बच्चों को अभ्यास के लिए बाहर ले जाते हैं और कोचिंग कराते हैं। लोगों की विचारधारा में बदलाव आया है और सोच का दायरा बढ़ रहा है। यह सकारात्मक बदलाव राज्य के सुनहरे भविष्य का द्योतक है। राज्यपाल श्रीमती द्रौपदी मुर्मू ने झारखंड, बिहार, असम, हरियाणा, पंजाब राज्यों से विजेता प्रतिभागियों को प्रमाण पत्र देकर सम्मानित किया।


कार्यक्रम में उपायुक्त श्री अमित कुमार, वरीय आरक्षी अधीक्षक श्री अनूप बिरथरे तथा अन्य पदाधिकारीगण उपस्थित थे।

 

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