मध्यप्रदेश (छिंदवाड़ा)। छिंदी और परासिया रेंज के गांवों में एक माह में चार बच्चों का शिकार करने वाले आदमखोर तेंदुआ आखिर पिंजरे में कैद हो ही गया। इसका आतंक पिछले तीन महीनों से छिंदवाड़ा के पश्चिम वन मंडल के कई गांवों में फैला हुआ था। ग्रामीण इस आदमखोर तेंदुए के चलते काफी खौफ में थे। उनका जीना मुहाल हो गया था। हालांकि तीन महीनों की कड़ी मशक्कत के बाद वन विभाग की टीम ने इस आदमखोर तेंदुआ को लुहांगी बंदरी गांव के जंगल से दबोच लिया।
वन विभाग की टीम ने तेंदुए को काबू करने के लिए जंगल के कोने-कोने में अपना जाल बिछा रखा था। शविवार की देर रात रात आदमखोर तेंदुआ वन विभाग के जाल में फंस गया। सुबह होने पर जब ग्रामीणों तेंदूओं को पिंजरे में कैद देखा तो इसकी जानकारी तुरंत वन विभाग को दी। इसके बाद तेंदुए को पिंजरे में कैद तेंदुआ को मेडिकल जांच के लिए परासिया इको सेंटर भेज दिया गया। आदमखोर तेंदुए के पकड़े जाने से जहां ग्रामीणों की दहशत खत्म हुई है, वहीं वन विभाग ने भी राहत की सांस ली है।
पश्चिम वनमंडल के परासिया रेंज के तहत आने वाले मोरेढाना गांव के 10 साल के पूनम को तेंदुए ने 7 फरवरी को शाम को घर के सामने से खींच कर ले गया था। जिसके बाद आदमखोर तेंदुए ने उसे पूरी तरह से खा लिया था। तेंदुए द्वारा किए गए शिकार के बाद वनाधिकारी सहित कर्मचारियों द्वारा क्षेत्र में आदमखोर तेंदुए की लोकेशन पता करने के लिए सीसीटीवी कैमरे लगाए गए थे। इसके बाद भी कैमरे में तेंदुआ कैद नहीं हो सका।
विभागीय जानकारी के अनुसार शुक्रवार की सुबह आदमखोर तेंदुए की लोकेशन परासिया रेंज के बाघबर्धियां गांव के समीप वन कर्मचारियों को मिली थी। विभागीय कर्मचारियों द्वारा पूरे समय तेंदुए पर नजर रखी गई। जिसके चलते पिछले 24 घंटे के भीतर तेंदुआ बाघबर्धिया से करीब 3 किमी का सफर तय करते हुए शनिवार की दोपहर में लौहारी गांव तक पहुंचा है।
लगातार मासूमों का शिकार करने वाले एवं आदमखोर हो चुके तेंदुए को पकड़ने के लिए विभाग द्वारा लगातार प्रयास किया जा रहा था। जिसके चलते पूरी तरह से तेंदुए की लोकेशन मिलने के बाद शनिवार को सतपुड़ा टाइगर रिजर्व के विशेषज्ञ चिकित्सक एवं उनके स्टाफ को बुलाया गया है। जिनके द्वारा मौका पाकर तेंदुए को ट्रेंक्युलाइज किया जाने लगा।
इस मामले में विभागीय अधिकारियों की माने तो छिंदी के ग्रामीण इलाकों में विभाग द्वारा आदमखोर जंगली जानवर के पगमार्ग लिए गए थे। इन पगमार्क को जब परासिया रेंज के मोरेढाना एवं बाघबर्धियां गांव के समीप मिले पगमार्क से मैच किया गया तो एक ही पगमार्क पाए गए। जिससे विभाग यह अनुमान लगा रहा है कि चारों बच्चों का शिकार करने वाला आदमखोर तेंदुआ ही है।