दरभंगा
समय अन्याय के साथ उसे चुपचाप निहारने वालों को भी कभी नहीं भूलता : बीणा ठाकुर
By Deshwani | Publish Date: 14/1/2018 6:51:08 PM दरभंगा, (हिं.सं). साहित्य अकादमी में मैथिली परामर्श मंडल की संयोजिका बीणा ठाकुर ने कहा कि समय अन्याय के साथ उसे चुपचाप निहारते रहने वालों को भी कभी नहीं भूलता है। यदि हम अपने दायित्व से विमुख हुए तो यह न हमारे हित में होगा, न साहित्य जगत और समाज के लिए ही हितकर होगा।
बीणा ठाकुर ने संवाददाता सम्मेलन में यहाँ कहा कि समाज में साहित्य उजियारा फैलाता है और मार्गदर्शन भी करता है । उन्होंने कहा कि साहित्य विहीन समाज में संवेदना और चेतना का घोर अभाव हो जाता है। साहित्य के अभाव में समाज दिग्भ्रान्त और मूक होकर रह जाता है। ऐसी स्थिति में साहित्यकारों का मौन के लिए घातक सिद्ध होता है।
उन्होंने सवालिया लहजे में कहा कि साहित्यकार ही यदि मूक-दर्शक बनकर रह जाए और उचित-अनुचित से परहेज़ करने लगें तो उनका क्या होगा जिन्हें पीड़ा से उबारने तथा जख्मों को सहलाने की बात हम साहित्य में करते हैं? उन्होंने कहा कि यदि हमें साहित्य सृजन या किसी साहित्यिक संस्था से संबद्ध होने का सुअवसर मिलता है, तो स्वार्थ से उपर उठकर पूरी ईमानदारी, मेहनत और लगाव के साथ अपने दायित्वों का निर्वहन करना चाहिए।
वरिष्ठ एवं कनिष्ठ सभी साहित्यकारों के सहयोग को याद करते हुए उन्होंने कहा कि उनके सहयोग से मैथिली भाषा-साहित्य के लिए अकादमी के इतिहास में नये आयाम जोडऩे के प्रयास सफल हो सका ।