पटना
50 हजार से अधिक मूल्य के माल परिवहन के लिए 15 से ई-वे बिल : उपमुख्यमंत्री
By Deshwani | Publish Date: 13/1/2018 9:00:47 PMपटना, (हि.स.)। नया सचिवालय के सभागार में पूरे बिहार के वाणिज्यकर पदाधिकारियों की बैठक शनिवार को हुई जिसमें उपमुख्यमंत्री सह वित्त, वाणिज्यकर मंत्री सुशील कुमार मोदी ने कहा कि पूरे देश में मालों की आवाजाही के लिए पहली फरवरी से ई-वे बिल अनिवार्य होगा। 50 हजार से अधिक मूल्य के माल के परिवहन के लिए 15 जनवरी से प्रायोगिक तौर पर बिहार सहित पूरे देश में ई-वे बिल की व्यवस्था लागू की जा रही है। बिहार में ई-वे बिल जेनरेट करने के लिए 5 हजार लोगों को प्रशिक्षित किया जा चुका है जिनमें 888 ट्रांसपोर्टर हैं।
उन्होंने पदाधिकारियों को जल्द से जल्द सभी ट्रांसपोटर्स और डीलर को ई-वे बिल जेनरेट करने के लिए प्रशिक्षित करने का निर्देश दिया। उपमुख्यमंत्री ने कहा कि जीएसटी लागू होने के पहले से बिहार में लागू ‘सुविधा’ का ई-वे बिल की व्यवस्था से सरलीकरण हो गया है। ‘सुविधा’ के अन्तर्गत परिवहन परमिट के लिए पहले जहां फार्म में 26 फील्ड भरने होते थे वहीं अब मात्र 8 फील्ड ही भरना होगा। निबंधित कारोबारी और ट्रांसपोटर्स अब कम्प्यूटर के अलावा मोबाइल एप्पलिकेशंस के जरिए भी आसानी से ई-वे बिल जेनरेट कर सकेंगे। वहीं, राज्य के अंदर 10 किमी की दूरी तक माल के परिवहन के लिए ई-वे बिल की आवश्यकता नहीं है।
मोदी ने बताया कि जीएसटी लागू होने के बाद पहली जुलाई से पूरे देश में चेकपोस्ट की व्यवस्था समाप्त कर दी गई जिसके कारण बड़ी मात्रा में बगैर प्रतिवेदित मालों की आवाजाही से राज्यों को राजस्व का नुकसान हो रहा था। इसीलिए 01 अप्रैल से लागू की जाने वाली ई-वे बिल की व्यवस्था को दो महीना पहले पहली फरवरी से पूरे देश में लागू की जा रही है। 01 फरवरी से ई-वे बिल के बिना मालों के परिवहन को करवंचना के तौर पर देखा जायेगा और उसे जब्त किया जा सकता है।